Rajasthan Government Free School Uniform And Milk Scheme राजस्थान यूनिफॉर्म और मुख्यमंत्री बाल गोपाल दूध योजना का इंतजार कर रहे विद्यार्थियों के लिए राहत भरी खबर है। शिक्षा विभाग की ओर से इन योजनाओं की शुरुआत 29 नवंबर से होगी। मुख्यमंत्री निवास पर सुबह 11 बजे योजनाओं के शुभारंभ के लिए समारोह होगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ शिक्षामंत्री बीडी कल्ला, शिक्षा राज्यमंत्री, मुख्य सचिव और कई अधिकारी मौजूद रहेंगे। 10 बालक-बालिकाओं को यूनिफॉर्म वितरित कर और दूध पिलाकर योजना प्रारंभ की जाएगी। जिलों के शिक्षा अधिकारी कार्यक्रम में वर्चुअल जुड़ेंगे। इन योजनाओं का लाभ सरकारी स्कूलों के आठवीं तक के 67 लाख विद्यार्थियों को मिलेगा। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर 29 नवंबर से योजना प्रारंभ होने की जानकारी दी है।
अशोक गहलोत राजस्थान में 29 नवंबर को जयपुर से बाल गोपाल और फ्री स्कूल यूनिफॉर्म योजना की वर्चुअल शुरुआत करेंगे। इसके तहत लाखों छात्रों को मुफ्त स्कूल ड्रेस दी जाएगी। साथ ही उन्हें दूध भी पिलाया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बाल गोपाल और फ्री स्कूल यूनिफॉर्म योजना के उद्घाटन के वक्त मुख्यमंत्री गहलोत के साथ शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला भी मौजूद रहेंगे. प्रदेश के 33 जिलों में ब्लॉक व ग्राम पंचायत स्तर पर वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग के अधिकारी मौजूद रहेंगे।
शिक्षा विभाग राज्य के 64,479 सरकारी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले बच्चों को स्कूल यूनिफॉर्म के दो सेट प्रदान करेगा। जिसके तहत 67 लाख से ज्यादा छात्रों को यूनिफॉर्म फैब्रिक मिलेगा। साथ ही गणवेश सिलवाने के लिए प्रत्येक छात्र के खाते में 200 रुपये का भुगतान किया जाएगा। वहीं जिन बच्चों के बैंक खाते नहीं हैं, उनके परिवार के खातों में पैसे ट्रांसफर किए जाएंगे।
राजस्थान विद्यालय शिक्षा परिषद के आयुक्त मोहन लाल यादव ने बताया कि प्रदेश भर में जिला व ब्लॉक स्तर पर फैब्रिक उपलब्ध कराने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। ब्लॉक स्तर के पीईईओ (ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी) और यूसीईईओ (शहरी क्लस्टर प्राथमिक शिक्षा अधिकारी) के माध्यम से स्कूलों में छात्रों को यूनिफॉर्म फैब्रिक दिया जाएगा। हालांकि गणवेश उन्हीं बच्चों को दिया जाएगा जिन्होंने 30 अगस्त 2022 तक कक्षा 1 से 8 में प्रवेश लिया है।
राजस्थान विद्यालय शिक्षा परिषद के आयुक्त मोहन लाल यादव ने बताया कि प्रार्थना सभा के बाद कक्षा 1 से 5 तक के बच्चों को मिल्क पाउडर से बना 150 मिलीलीटर दूध और कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को 200 मिलीलीटर मिल्क पाउडर दिया जाएगा। बाल गोपाल योजना के तहत कक्षा पहली से आठवीं तक के स्कूली बच्चे। उन्हें हफ्ते में सिर्फ 2 दिन ही गर्म दूध दिया जाएगा। इस योजना में दूध वितरण की जिम्मेदारी विद्यालय प्रबंधन समिति की होगी।
बता दें कि इसके अलावा राजस्थान में डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज में शैक्षणिक स्तर सुधारने के लिए अनूठी पहल की जा रही है, जो एक दिसंबर से शुरू होगी। इसके तहत टीचर्स क्लास में आए या नहीं? टीचर्स ने कैसा पढ़ाया? और पढ़ाया हुआ कंटेंट अपडेट था या नहीं? जैसे सवालों पर स्टूडेंट्स अपना ऑनलाइन फीडबैक देंगे। स्टूडेंट्स के फीडबैक से टीचर्स की रैंकिंग तय होगी। इसी रेटिंग के आधार पर टीचर ऑफ द वीक और मंथन का चुनाव भी किया जाएगा। इस पहल से दो फायदे होंगे। टीचर्स की पूरी जानकारी मिलने के साथ शैक्षणिक स्तर में सुधार आएगा और दूसरा स्टूडेंट्स की नियमित क्लासेज भी लगेगी।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दिलीप कच्छवाह ने बताया कि एकेडमिक एक्टिविटी में सुधार करने के हमने यह पहल शुरू की है, जिसमें स्टूडेंट्स अपनी उपस्थिति के साथ टीचर्स का फीडबैक देकर उनकी रेटिंग दे सकेंगे। हमने हाल में ऑनलाइन उपस्थिति के लिए एक एप बनाया है, जिसमें एक और फॉर्म स्टूडेंट्स को भरना होगा। वह प्रतिदिन के हिसाब से भरना होगा। जिससे कि प्रतिदिन टीचर्स कैसा पढ़ा रहे हँ?, क्लास में आ रहे है या नहीं ? टीचर के द्वारा पढ़ाया हुआ कंटेंट अपडेट है या नहीं? ऐसे कई सवालों के स्टूडेंट्स को केवल ऑब्जेक्टिव के आधार पर उत्तर देने होंगे। बेस्ट टीचर ऑफ वीक, बेस्ट टीचर ऑफ मंथ टैग के साथ टीचर का नाम व फोटो मेडिकल कॉलेज के नोटिस बोर्ड पर भी लगाया जाएगा। जिससे टीचर्स में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। फीडबैक देने वाले सभी स्टूडेंट्स की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।
डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में एकेडमिक के साथ रिसर्च एक्टिविटी को सुधारने के लिए भी काम किया जा रहा है। हाल में प्राचार्य डॉ. दिलीप कच्छवाह ने मेडिकल कॉलेज में रिसर्च रिव्यू कमेटी का गठन किया है। जो कि अलग-अलग वभागों से आने वाले रिसर्च के विषयों का रिव्यू करेगी। इसकी पहली बैठक 2 दिसंबर को रखी गई है। कमेटी का काम नए विषयों पर रिसर्च को बढ़ावा देना और यदि किसी विषय पर पूर्व में रिसर्च हो भी गया है तो उसको वर्तमान परिप्रेक्ष से जोड़कर रिसर्च आइडिया देने का भी होगा।