प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को घोषणा की कि अगले पांच सालों में देश में 75,000 और मेडिकल सीटें बनाई जायेंगी। 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि पिछले एक दशक में मेडिकल सीटों की संख्या बढ़ाकर करीब एक लाख कर दी गई है, लेकिन मध्यम वर्ग के कई लोग अभी भी मेडिकल शिक्षा के लिए दूसरे देशों में जाते हैं और विदेशों में मेडिकल शिक्षा पर "लाखों और करोड़ों" खर्च करते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा "हर साल करीब 25,000 युवा मेडिकल शिक्षा के लिए विदेश जाते हैं। मेडिकल पढ़ने के लिए छात्र ऐसे देशों में जाते हैं, जिनके बारे में सुनकर मुझे आश्चर्य होता है। इसलिए हमने फैसला किया है कि अगले पांच सालों में मेडिकल लाइन में 75,000 नई सीटें बनाई जायेंगी।"
मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 88 प्रतिशत की वृद्धि
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में राज्यसभा को बताया कि देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 88 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2014 में 387 से बढ़कर 2024 में 731 हो गई है। एमबीबीएस की सीटें 2014 में 51,348 से बढ़कर अब 1,12,112 हो गई हैं। इसमें कहा गया है कि पीजी सीटों में भी 133 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2014 में 31,185 से बढ़कर अब 72,627 हो गई है।
देश में चिकित्सा शिक्षा की बढ़ती मांग को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "इसके कारण, हमने निर्णय लिया है कि अगले पांच वर्षों में हम 75,000 नई चिकित्सा सीटें बनाये जायेंगे।"
अस्पतालों और चिकित्सा सीटों में वृद्धि
पीएम मोदी ने भारत में अस्पतालों और चिकित्सा सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने स्वीकार किया कि यह कदम न केवल कई महत्वाकांक्षी डॉक्टरों के सपनों को पूरा करेगा, बल्कि देश की समग्र स्वास्थ्य सेवा क्षमता को भी बढ़ायेगा। उन्होंने कहा, "हमने अस्पतालों की संख्या में वृद्धि को मंजूरी देकर स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का विस्तार किया है। हमने मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीटों की संख्या में वृद्धि की भी घोषणा की है ताकि हमारे बच्चे डॉक्टर बनकर देश की सेवा करने के अपने सपने को पूरा कर सकें।"
युवाओं के लिए अवसर
प्रधानमंत्री ने टियर-2 और टियर-3 शहरों के छात्रों की उपलब्धियों के बारे में भी बात की, खासकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवाओं के योगदान को सराहा। मोदी ने कहा, "मेरे देश में 100 स्कूल ऐसे हैं, जहां बच्चे सैटेलाइट बना रहे हैं और एक दिन उन्हें छोड़ने की भी ख्वाहिश रखते हैं। आज, हजारों टिंकरिंग लैब लाखों बच्चों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित कर रही हैं।" उन्होंने युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा, "आज अवसरों की कोई कमी नहीं है, जितने अवसर चाहिए, यह देश और अधिक अवसर पैदा करने में सक्षम है। आकाश की कोई सीमा नहीं है।"