NIRF Rankings 2024: कॉलेजों में दाखिला लेने के इच्छुक छात्र एनआईआरएफ रैंकिंग 2024 का इंतजार कर रहे हैं। बता दें कि शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) रैंकिंग के नवीनतम संस्करण को जारी करने के लिए कमर कस ली है। एनआईआरएफ रैंकिंग 2024 के तहत देश के टॉप विश्वविद्यालय, इंजीनियरिंग, मेडिकल, डेंटल, प्रबंधन, लॉ, फार्मेसी, रिसर्च और कॉलेजों की सूची जारी की जाती है।
एनआईआरएफ रैंकिंग वार्षिक तौर पर जारी किया जाता है। इसमें भारत भर के विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को महत्वपूर्ण मापदंडों के आधार पर रैंक किया जाता है। एनआईआरएफ रैंकिंग 2024 मंत्रालय द्वारा किए जाने वाले वार्षिक कार्य का नौवां संस्करण होगा।
कब तक आयेगी NIRF Rankings 2024
एनआईआरएफ रैंकिंग 2024 को लेकर तमाम तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। शिक्षा मंत्रालय की ओर से किसी भी समय एनआईआरएफ रैंकिंग 2024 के लिए विभिन्न सेक्टरों में कॉलेज, विश्वविद्यालयों की सूची जारी की जा सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एनआईआरएफ रैंकिंग 2024 जुलाई के अंतिम सप्ताह तक जारी की जा सकती है। पिछले साल एनआईआरएफ रैंकिंग 5 जून को जारी किया गया था। इस वर्ष लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एनआईआरएफ रैंकिंग घोषणा तिथि को आगे बढ़ा दिया गया था। लेकिन नवीनतम जानकारी के अनुसार, एनआईआरएफ रैंकिंग 2024 जुलाई अंत तक जारी किये जा सकते हैं।
एनआईआरएफ रैंकिंग 2024 पैरामीटर्स क्या है?
एनआईआरएफ रैंकिंग पद्धति मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) द्वारा विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों की रैंकिंग के लिए व्यापक मापदंडों की पहचान करने के लिए गठित एक कोर कमेटी द्वारा प्राप्त समग्र सिफारिशों की समझ पर आधारित है। कुल पांच पैरामीटर हैं। इनमें से प्रत्येक के अपने उप-शीर्षक हैं।
एनआईआरएफ के अनुसार रैंकिंग पैरामीटर्स निम्नलिखित हैं
रैंकिंग पद्धति कोर कमेटी द्वारा सहमत मापदंडों के आधार पर शैक्षणिक संस्थानों की रैंकिंग के लिए मेट्रिक्स का एक सेट विकसित करने पर आधारित है।
प्रत्येक रैंकिंग पैरामीटर और उसके उप-शीर्षकों को एक भार सौंपा गया है। रैंकिंग निर्धारित करते समय, प्रत्येक उप-शीर्षक के तहत प्रदर्शन स्कोर को मापने के लिए आवश्यक प्रासंगिक डेटा की पहचान करने का प्रयास किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो, केवल उन आंकड़ों की पहचान की जाती है जो संस्थान द्वारा आसानी से उपलब्ध कराए जाते हैं या तीसरे पक्ष के स्रोतों से प्राप्त करना आसान होता है और जहां भी आवश्यक हो आसानी से सत्यापित किया जा सकता है।
इससे प्रक्रिया पारदर्शी हो जाती है। इस डेटा के आधार पर एक उपयुक्त मीट्रिक प्रस्तावित किया जाता है, जो प्रत्येक उप-शीर्षक के तहत स्कोर की गणना करता है। फिर प्रत्येक पैरामीटर के लिए स्कोर प्राप्त करने के लिए उप-शीर्षक स्कोर जोड़े जाते हैं। फिर प्रत्येक शीर्ष को आवंटित भार के आधार पर समग्र स्कोर की गणना की जाती है। स्कोर अधिकतम 100 का मान हो सकता है। फिर संस्थानों को उनके स्कोर के आधार पर रैंक किया जाता है।