NEET Quota 2021 सुप्रीम कोर्ट ने कहा 'आरक्षण सामाजिक न्याय' है

NEET Quota 2021 सुप्रीम कोर्ट 7 जनवरी के फैसले में नीट पीजी में 27% ओबीसी और 10% ईडब्ल्यूएस (केंद्रीय) कोटा मंजूर कर चुका है, लेकिन उस दिन कोर्ट ने इस फैसले के कारण नहीं बताए थे। कोर्ट ने गुरुवार को कारण बताए।

By Careerindia Hindi Desk

NEET Quota 2021 सुप्रीम कोर्ट 7 जनवरी के फैसले में नीट पीजी में 27% ओबीसी और 10% ईडब्ल्यूएस कोटा को मंजूर कर चुका है, लेकिन उस दिन कोर्ट ने इस फैसले के कारण नहीं बताए थे। कोर्ट ने गुरुवार को कारण बताए। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने कहा कि आरक्षण मेरिट या योग्यता के खिलाफ नहीं है, बल्कि सामाजिक न्याय है। मेरिट के साथ आरक्षण भी दिया जा सकता है। इसे विरोधाभासी नहीं मानना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण के खिलाफ कई याचिकाएं दायर की गई थीं। दलील थी कि किसी उम्मीदवार को ईडब्ल्यूएस कोटे का लाभ सालाना आय 8 लाख रुपए से कम होने पर मिलता है, जोकि गलत है। क्योंकि, इतनी आय वाला परिवार आर्थिक रूप से पिछड़ा नहीं होता। इस पर केंद्र सरकार ने कहा था कि यह मापदंड सही है।

NEET Quota 2021 सुप्रीम कोर्ट ने कहा 'आरक्षण सामाजिक न्याय' है

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एएस बोपन्ना की बेंच ने कहा कि ग्रेजुएट होने के बाद किसी व्यक्ति की आर्थिक या सामाजिक स्थिति नहीं बदल जाती। इसलिए, कमजोर वर्ग के उम्मीदवार की पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए आरक्षण जरूरी है। जब पीजी कोर्स के लिए आरक्षण लागू है तो फिर नीट में क्यों नहीं हो सकता। प्रतियोगी परीक्षाओं में अर्जित अंक किसी की योग्यता का एकमात्र मापदंड नहीं हो सकता। योग्यता को सामाजिक रूप से प्रासंगिक बनाना होगा। आरक्षण योग्यता का विरोधाभासी नहीं है।

उम्मीदवार की सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि को भी योग्यता के संबंध में अधिक प्रासंगिक बनाने की जरूरत है। क्योंकि सिर्फ परीक्षा मेरिट की प्रॉक्सी नहीं है। मेरिट को सामाजिक संदर्भ में देखा जाना चाहिए। क्योंकि, देश में पिछड़ापन मिटाने को आरक्षण के महत्व को नकारा नहीं जा सकता। यह भी हो सकता है कि जिन्हें आरक्षण दिया जा रहा है, वे पिछड़े न हों। लेकिन, ऐसे कुछ उदाहरणों के आधार पर आरक्षण की भूमिका को नकारना गलत होगा।

सरकार ने काउंसिलिंग से पहले आरक्षण लागू किया है। ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि सरकार ने खेल के नियम बदल दिए हैं। नीट पीजी, यूजी में ओबीसी, ईडब्ल्यूएस आरक्षण संवैधानिक है। इसमें अब कोर्ट को दोबारा समीक्षा करने की जरूरत नहीं है। ग्रेजुएट होने से किसी की आर्थिक या सामाजिक स्थिति नहीं बदल जाती।

वकील, सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी दुबे ने कहा कि आरक्षण का मामला विचाराधीन है। इसलिए, केंद्रीय स्तर की परीक्षाओं में इसे लागू करने के लिए कोर्ट की मंजूरी लेनी पड़ती है। लेकिन, अब ऐसा नहीं करना पड़ेगा। सरकार को अब दोबारा कोर्ट की मंजूरी की जरूरत नहीं है।

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English summary
NEET Quota 2021 Supreme Court has approved 27% OBC and 10% EWS (Central) quota in NEET PG in its decision on 7 January, but on that day the court did not give reasons for this decision. Giving reasons on January 20, a bench of Justice DY Chandrachud and Justice AS Bopanna said that reservation is not against merit or merit, but social justice. Reservation can also be given along with merit. It should not be considered contradictory.
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