वर्ष 2019 में लद्दाख को एक अलग केद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिलने के बाद से ही स्थानीय लोग लद्दाख को अलग राज्य के गठन की मांग कर रहे थे। इसके तहत लद्दाख में इस वर्ष लोकसभा चुनाव पूर्व कई विरोध प्रदर्शन और धरणा भी किये गये। हालांकि केंद्र सरकार या भाजपा सरकार अपने रूख पर कायम है और फिलहास सरकार द्वारा लद्दाख को अलग राज्य का दर्जा दिये जाने पर विचार नहीं किया जा रहा है।
इन सबके बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जन्माष्टमी के अवसर पर सोमवार को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में पांच नए जिले बनाने की घोषणा की। सोशल मीडिया साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित और समृद्ध लद्दाख के निर्माण के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पांच नए जिले बनाने का फैसला किया है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि क्षेत्रफल की दृष्टि से लद्दाख एक बहुत बड़ा केंद्र शासित प्रदेश है। यह भारत के सबसे कम आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है। अत्यंत कठिन और दुर्गम होने के कारण वर्तमान में जिला प्रशासन को जमीनी स्तर तक पहुंचने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। इन जिलों के बनने के बाद अब केंद्र सरकार और लद्दाख प्रशासन की सभी जन कल्याणकारी योजनाएं लोगों तक आसानी से पहुंच सकेंगी और अधिक से अधिक लोग इनका लाभ उठा सकेंगे। यह महत्वपूर्ण निर्णय लद्दाख के सर्वांगीण विकास में बहुत उपयोगी साबित होगा।
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कौन से हैं पांच नए जिलें
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "नए जिले निर्माण के बाद केंद्र शासित प्रदेश के हर गली-मोहल्ले में शासन को मजबूत करके लोगों के लिए लाभ उनके दरवाजे तक पहुंचायेंगे।" बता दें इन नए पांच जिलों में ज़ांस्कर, द्रास, शाम, नुबरा और चांगथांग शामिल हैं। गृह मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार लद्दाख के लोगों के लिए प्रचुर अवसर पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध है। गौरतलब हो कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू और कश्मीर के तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद लद्दाख को एक केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर
दूसरा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर है। पांच साल पहले उस दिन, तत्कालीन राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को भी निरस्त कर दिया गया था। केंद्र शासित प्रदेश होने के नाते लद्दाख केंद्रीय गृह मंत्रालय के सीधे प्रशासनिक नियंत्रण में आता है।
बेहतर शासन और समृद्धि की दिशा में एक कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को लद्दाख में पांच नए जिलों के निर्माण को बेहतर शासन और समृद्धि की दिशा में एक कदम बताया। उन्होंने कहा कि ज़ांस्कर, द्रास, शाम, नुबरा और चांगथांग पर अब ज़्यादा ध्यान दिया जायेगा। इससे लोगों को सेवाएं और अवसर और भी उन तक ज़्यादा से ज्यादा पहुंचाए जायेंगे। उन्होंने एक्स पर कहा, "लद्दाख में पांच नए जिलों का निर्माण बेहतर शासन और समृद्धि की दिशा में एक कदम है।" इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र शासित प्रदेश में पाँच जिलों के निर्माण की घोषणा की थी, जिसे पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य से अलग करके बनाया गया था।
दिल्ली मार्च का आह्वान
एक अंग्रेजी समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार, यह निर्णय लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) द्वारा दिल्ली तक 1 सितंबर से 2 अक्टूबर तक पदयात्रा (मार्च) के आह्वान से कुछ दिन पहले आया है। यह इस क्षेत्र का एक प्रभावशाली नागरिक समाज समूह है। 2020 से एलएबी, कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के साथ, राज्य का दर्जा, संविधान की छठी अनुसूची (आदिवासी क्षेत्रों की सुरक्षा) के तहत लद्दाख को शामिल करना, स्थानीय लोगों के लिए नौकरी में आरक्षण और क्षेत्र के लिए दो लोकसभा और एक राज्यसभा सीट की मांग कर रहा है। लोग अपनी संस्कृति, पहचान, भूमि और नौकरियों की "बाहरी लोगों" से सुरक्षा की मांग करते हुए कई मौकों पर सड़कों पर उतरे हैं।