स्वदेशी एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल अमोघा-III का सफल परीक्षण

नई दिल्ली। देश के हर क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में तमाम प्रयास चलाए जा रहे हैं। भारत में कई उन्नत शैली की मिसाइलों का निर्माण किया जा रहा है। पिछले 10 वर्षों में स्वदेशी रक्षा हथियारों को विकसित किये जाने में तेजी आई है। रक्षा क्षेत्र को बड़े पैमाने पर आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए भारत ने अपनी मिसाइल क्षमता को तेजी से विस्तृत किया है। इसी उद्देश्य के साथ भारत में एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल अमोघा-III के लैंड वर्जन का सफल परीक्षण किया गया।

मीडिया की खबरों के अनुसार 'आत्मनिर्भर भारत' को बढ़ावा देते हुए रक्षा कंपनी भारत डायनामिक्स लिमिटेड (Bharat Dynamics Limited) ने तीसरी पीढ़ी की मैन पोर्टेबल अमोघा-3 मिसाइल को विकसित किया है। इस तीसरी पीढ़ी की मैन पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) अमोघा-3 का मंगलवार, 28 मार्च को सफल परीक्षण किया गया। इस मिसाइल ने अन्य एंटी टैंक मिसाइलों की तरह ही अपने निर्धारित टारगेट को हिट कर परीक्षण को सफल बनाया।

स्वदेशी एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल अमोघा-III का सफल परीक्षण

भारत डायनेमिक्स (बीडीएल) ने अपनी नवीनतम तीसरी पीढ़ी के मैन-पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम), अमोघा-III का फील्ड फायरिंग परीक्षण सफलतापूर्वक किया है। इस स्वदेशी मिसाइल को इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (IGMDP) के तहत विकसित किया गया है। यह परीक्षण पिछले सप्ताह के अंत में आयोजित किया गया था। मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया, और बीडीएल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के माध्यम से इसकी घोषणा की।

विकसित किया गया स्वदेशी रूप

हैदराबाद स्थित रक्षा कंपनी भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) ने तीसरी पीढ़ी की मैन पोर्टेबल अमोघा-3 की डिजाइन तैयार की है। दूसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल अमोघा की रेंज 2.5 से 2.8 किमी तक है। मालूम हो कि मिसाइल की रेंज विकसित करने के लिए कई परीक्षण किये गये। इसके अंतर्गत वर्ष 2015 में सितंबर के माह में मध्य प्रदेश के बबीना आर्मी रेंज में दो मिसाइलों का परीक्षण किया गया था। परीक्षण के दौरान इन दोनों मिसाइलों ने सटीकता के साथ अपने-अपने लक्ष्य को भेदा था। मिसाइल का प्रदर्शन उन्नत लक्ष्य प्राप्ति प्रणाली के गनर और कमांडर दोनों तरीके से मापा जाता है।

अमोघा का तीन वर्जन तैयार

दूसरी पीढ़ी की यह मिसाइल लैंड वर्जन, एयर-लॉन्च वर्जन और मैन पोर्टेबल वर्जन में विकसित की जा रही है। इसके एयर-लॉन्च वर्जन को रुद्र और प्रचंड हेलीकॉप्टरों के लिए तैयार किया जा रहा है। भारत डायनामिक्स लिमिटेड के मुताबिक तीसरी पीढ़ी की मिसाइल का उत्पादन तीन वर्जन में किया जाएगा, जिसमें लैंड, एयर-लॉन्च और मैन पोर्टेबल वर्जन शामिल होगा। भूमि संस्करण के परीक्षण में मिसाइल के इन्फ्रारेड ने अपने लक्ष्य को भेदने करने के लिए 'थर्मल इंटेलिजेंट विजन' का उपयोग किया।

आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल

भारत डायनामिक्स लिमिटेड या बीडीएल ने 7 फरवरी, 2020 को लखनऊ में डिफेंस एक्सपो में तीसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल अमोघा-3 का अनावरण किया था। मिसाइल में पारंपरिक बेलनाकार बॉडी, आठ मिड-बॉडी फोल्डेबल फिन्स और फ्लाइट स्टेबिलाइजेशन के लिए चार बड़े आफ्टर फिन्स हैं। पूरी प्रणाली में मिसाइल तिपाई और रिमोट ऑपरेशन क्षमता के साथ एक कमांड लॉन्च यूनिट (सीएलयू) है।

क्या है अमोघा-3 मिसाइल की खासियत?

भारत डायनामिक्स लिमिटेड के अनुसार यह मिसाइल थ्रस्ट वेक्टर नियंत्रण के साथ डुअल-थ्रस्ट रॉकेट मोटर से संचालित है। इसमें धुआं नहीं होता है। टर्मिनल सीकर में डुअल मोड इमेजिंग इंफ्रारेड और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल असेंबली है। अमोघा-3 मिसाइल लॉन्च से पहले टारगेट लॉक करके टॉप अटैक और डायरेक्ट अटैक मोड में टारगेट को हिट कर सकती है। मिसाइल के एयर-लॉन्च वर्जन को हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के अटैक हेलीकॉप्टर रुद्र और प्रचंड हेलीकॉप्टरों के लिए तैयार किया जा रहा है। इस मिसाइल से लैस होकर दोनों हेलीकॉप्टर सेना और वायु सेना की मारक क्षमता बढ़ाएंगे। इसके अलावा, मिसाइल अपनी बहुमुखी प्रकृति को जोड़ते हुए शीर्ष और प्रत्यक्ष हमले के तरीकों में सक्षम है। मिसाइल को लॉक-ऑन-बिफोर लॉन्च (एलओबीएल) मोड में दागा जा सकता है और इसका एंटी-आर्मर टेंडेम वॉरहेड एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर (ईआरए) से 650 मिमी से अधिक में प्रवेश कर सकता है।

भारत में विकसित स्वदेशी मिसाइलों की सूची

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन या डीआरडीओ, भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन कार्य करता है। डीआरडीओ देश में अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों एवं प्रणालियों में भारतीय सशस्त्र बलों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य करता है।

अग्नि-1: सतह से सतह पर मारक बैलिस्टिक मिसाइल
अग्नि-2: सतह से सतह पर मारक इंटरमीडिएट बैलिस्टिक मिसाइल
अग्नि-3: इंटरमीडिएट बैलिस्टिक मिसाइल
पृथ्वी: सतह से सतह पर मारक अल्प दूरी के टैक्टिकल बैटल फील्ड मिसाइल
त्रिशूल: सतह से वायु में मारक लो लेवेल क्लीन रिएक्शन अल्प दूरी के मिसाइल
नाग: सतह से सतह पर मारक टैंक भेदी मिसाइल
आकाश: सतह से वायु में मारक बहुलक्षक मिसाइल
अस्त्र: वायु से वायु में मारक मिसाइल
ब्रह्मोस: पोतभेदी सुपर सोनिक क्रूज़ मिसाइल
शौर्य: सतह से सतह पर मारक बैलिस्टिक मिसाइल

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English summary
All efforts are being made to make every region of the country self-reliant. Many advanced-style missiles are being manufactured in India. In the last 10 years, there has been a spurt in the development of indigenous defence weapons. India has rapidly expanded its missile capability to promote greater self-reliance in the defence sector. With this objective, the land version of the anti-tank guided missile Amogha-III was successfully tested in India. According to media reports, the defence company Bharat Dynamics Limited has developed the third-generation man-portable Amogha-3 missile, promoting 'self-reliant India'. This third-generation Man Portable Anti-Tank Guided Missile (MPATGM) Amogha-3 was successfully test fired on Tuesday, March 28. Like other anti-tank missiles, this one hit its intended target and made the test successful.
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