रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने आज, 12 जनवरी, 2024 को, ओडिशा के तट पर स्थित चांदीपुर एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) से नई पीढ़ी की आकाश (Akash-NG) मिसाइल का सफल उड़ान परीक्षण किया। यह परीक्षण एक बहुत कम ऊंचाई पर उच्च गति वाले मानवरहित हवाई लक्ष्य के खिलाफ किया गया था।
उड़ान परीक्षण के दौरान, हथियार प्रणाली ने लक्ष्य को सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट और नष्ट कर दिया। इससे स्वदेशी रूप से विकसित रेडियो आवृत्ति सीकर, लॉन्चर, मल्टी-फंक्शन रडार और कमांड, नियंत्रण और संचार प्रणाली से लैस इस मिसाइल की संपूर्ण हथियार प्रणाली के कामकाज को मान्यता मिली है।
यह परीक्षण आईटीआर, चांदीपुर द्वारा तैनात किए गए कई रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम द्वारा कैप्चर किए गए डेटा के माध्यम से भी पुष्टि की गई है। इस उड़ान परीक्षण को DRDO, भारतीय वायु सेना (IAF), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी देखा है।
आकाश-NG प्रणाली एक अत्याधुनिक मिसाइल प्रणाली है जो उच्च गति, फुर्तीले हवाई खतरों से निपटने में सक्षम है। इस सफल उड़ान परीक्षण ने उपयोगकर्ता परीक्षणों का मार्ग भी प्रशस्त कर दिया है।
रक्षामंत्री ने की सराहना
रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने उड़ान परीक्षण के लिए DRDO, IAF, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और उद्योग की सराहना की है। उन्होंने कहा कि प्रणाली के सफल विकास से देश की वायु रक्षा क्षमताओं में और बढ़ोतरी होगी।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और DRDO के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत ने भी आकाश-NG के सफल उड़ान परीक्षण से जुड़ी टीमों को बधाई दी है।
इस सफल परीक्षण से भारत की वायु रक्षा क्षमताओं में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। आकाश-NG प्रणाली देश को उच्च गति, फुर्तीले हवाई खतरों से बचाने में सक्षम बनाएगी।