प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धन्वंतरि जयंती के पावन अवसर पर भारतीय हेल्थ सेक्टर को सशक्त बनाने के लिए 12,850 करोड़ रुपये की एक विशाल योजना की घोषणा करेंगे। यह घोषणा आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के प्रति भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसका उद्देश्य देश में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार और लोगों को स्वस्थ जीवनशैली की ओर प्रेरित करना है।
यह महत्वपूर्ण कदम भारत सरकार की तरफ से 9वें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अवसर पर उठाया जा रहा है। प्रधानमंत्री दोपहर 12:30 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हेल्थ सेक्टर के लिए नई स्कीम और प्रोजेक्ट्स की घोषणा करेंगे।
बता दें कि हर वर्ष धन्वंतरि जयंती के मौके पर आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है। क्योंकि भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक और स्वास्थ्य का देवता कहा जाता है। इस वर्ष का आयुर्वेद दिवस विशेष रूप से इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके साथ-साथ भारतीय चिकित्सा पद्धति को अधिक सशक्त और सुलभ बनाने के लिए व्यापक स्तर पर आर्थिक सहायता का प्रावधान किया जा रहा है।
हेल्थ सेक्टर के लिए सरकार की योजना
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी की ओर से 12,850 करोड़ रुपये की घोषणा की जाएगी, जिसका प्रमुख उद्देश्य आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी (AYUSH) जैसे परंपरागत चिकित्सा प्रणालियों का प्रचार-प्रसार करना है। इस योजना के अंतर्गत निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया जाएगा:
- आयुष स्वास्थ्य केंद्रों का विस्तार: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आयुर्वेद और AYUSH आधारित स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या में वृद्धि की जाएगी, ताकि आयुर्वेदिक चिकित्सा सुविधाएं लोगों के घरों के नजदीक उपलब्ध हो सकें।
- रिसर्च और विकास को बढ़ावा: इस राशि का एक हिस्सा आयुर्वेदिक चिकित्सा में अनुसंधान और विकास के लिए समर्पित होगा, जिससे आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा में वैज्ञानिक प्रमाणों के आधार पर नवाचार लाए जा सकें।
- आयुर्वेद आधारित शिक्षा को प्रोत्साहन: देश भर में आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों को अपग्रेड किया जाएगा, ताकि अधिक छात्रों को आयुर्वेद में शिक्षा प्राप्त करने और इस क्षेत्र में कैरियर बनाने का मौका मिल सके।
- डिजिटल हेल्थ कार्ड का वितरण: आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा के माध्यम से रोगियों के स्वास्थ्य डेटा की मॉनिटरिंग के लिए डिजिटल हेल्थ कार्ड की योजना की भी घोषणा की जा सकती है, जिससे रोगियों की हेल्थ हिस्ट्री का रिकॉर्ड बन सके और नियमित स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित हो।
पीएम मोदी का संबोधन
प्रधानमंत्री मोदी अपने भाषण में इस घोषणा के महत्व और आयुर्वेद के फायदों पर प्रकाश डालेंगे। मोदी ने अपने पिछले संबोधनों में बार-बार यह कहा है कि आयुर्वेद न केवल एक चिकित्सा पद्धति है, बल्कि एक जीवनशैली है जो रोगों को जड़ से खत्म करने में सहायक है। इस फंड से होने वाली पहलें न केवल लोगों के स्वास्थ्य में सुधार लाएंगी, बल्कि देश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी कदम बढ़ाएंगी।
प्रधानमंत्री की इस घोषणा से आयुर्वेद के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने की प्रेरणा मिलेगी। इस योजना से देश में आयुर्वेद को और मजबूती मिलेगी, जो भारत की प्राचीन विरासत का हिस्सा है और आज भी लोगों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है।
इस घोषणा का उद्देश्य न केवल आयुर्वेद को बढ़ावा देना है, बल्कि इससे भारतीय हेल्थ सेक्टर को और मजबूत करने और हर नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में एक नया अध्याय शुरू होगा।