New Rules for Coaching Centres: कुछ ही दिनों में इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मुख्य परीक्षा सत्र 1 का आयोजन किया जाना है। जेईई मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए हर साल लाखों छात्र कोचिंग सेंटरों में दाखिला लेते हैं और कोचिंग सेंटर छात्रों से लाखों रुपये फीस वसूलते हैं।
बीते कई समय से कोचिंग सेंटरों के फीस, छात्रों के चयन, बुनियादी सुविधाओं का अभाव समेत तमाम मनमाने रवैय्ये के मद्देनजर अब सरकार ने देश भर के कोचिंग सेंटरों की नकेल कसने का निर्णय लिया है। इन बातों का ध्यान रखते हुए केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग सेंटरों के लिए नए नियमों की घोषणा की है।
दरअसल, शिक्षा मंत्रालय की ओर से कुछ दिशानिर्देश के साथ एक प्रेस नोट जारी किया गया। इस नोट के अनुसार, अब 16 वर्ष के कम उम्र के कोई भी छात्र या जिन्होंने अभी तक अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी नहीं की है, उन्हें कोचिंग सेंट्ररों द्वारा दाखिला नहीं दिया जायेगा।
इस दिशानिर्देश नोटिफिकेशन में यह कहा गया कि देश भर के कोचिंग सेंट्ररों को कुछ सामान्य बुनियादी नियमों का पालन करना चाहिये। इसके साथ ही उचित शुल्क, एक उचित शिकायत निवारण प्रणाली और बुनियादी ढांचे की आवश्यकताएं कुछ ऐसे नियम हैं, जिनका पालन कोचिंग सेंटरों को करना चाहिये। शिक्षा मंत्रालय ने उपरोक्त दिशानिर्देश जारी किये।
शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग सेंटरों के लिए नए नियमों की घोषणा की
मंत्रालय ने ऐसे संस्थानों को भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित नहीं करने और प्रवेश से पहले माता-पिता और छात्रों को अच्छे अंक या रैंक का वादा नहीं करने का भी निर्देश दिया है। यह कदम देश में, विशेषकर राजस्थान के कोटा में, जिसे अक्सर भारत की कोचिंग राजधानी कहा जाता है,छात्र आत्महत्याओं में चिंताजनक वृद्धि के बीच उठाया गया है।
क्या कहते हैं नियम?
शिक्षा विभाग मंत्रालय ने कहा, "किसी भी निर्धारित नीति या विनियमन के अभाव में देश में अनियमित निजी कोचिंग सेंटरों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे केंद्रों द्वारा छात्रों से अत्यधिक फीस वसूलने, छात्रों पर अनुचित तनाव के परिणामस्वरूप छात्रों द्वारा आत्महत्या करने, आग और अन्य दुर्घटनाओं के कारण बहुमूल्य जीवन की हानि और इन केंद्रों द्वारा अपनाई जा रही कई अन्य कदाचार की घटनाएं मीडिया में व्यापक रूप से रिपोर्ट की गई हैं।"
कोचिंग सेंटर को ऐसे रिकॉर्ड, खाते, रजिस्टर या अन्य दस्तावेज़ बनाए रखने और तैयार करने चाहिए, जो उपयुक्त सरकार द्वारा निर्धारित किए जा सकते हैं। कोचिंग सेंटर रिकॉर्ड के लिए वार्षिक रिपोर्ट सक्षम प्राधिकारी को प्रस्तुत कर सकता है।
कोचिंग सेंटर खोलने और चलाने के लिए लेनी होगी अनुमति
मंत्रालय ने कहा कि कोचिंग सेंटर खोलने, चलाने या बनाए रखने के लिए सक्षम प्राधिकारी से पूर्व अनुमति लेनी होगी और जो वर्तमान में बिना अनुमति के चल रहे हैं, उन्हें अगले तीन महीनों के भीतर पंजीकरण के लिए आवेदन करना होगा।
इसमें कहा गया है कि कोचिंग सेंटर ऐसे ट्यूटर्स को नियुक्त नहीं कर सकते हैं, जिनके पास स्नातक स्तर से कम योग्यता नहीं है या ऐसे ट्यूटर्स की सेवाएं नहीं ले सकते हैं जिन्हें "नैतिक अधमता से जुड़े किसी भी अपराध के लिए" दोषी ठहराया गया हो।
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शुल्क और बुनियादी ढाँचा क्या होना चाहिये?
शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी दिशानिर्देशों में कहा गया है कि कोचिंग सेंटर निष्पक्ष और वाजिब शुल्क ले सकते हैं और उन्हें इसकी रसीद देनी होगी, उनके द्वारा पेश किए गए पाठ्यक्रमों, उन पाठ्यक्रमों की अवधि, कक्षाओं की संख्या, व्याख्यान, ट्यूटोरियल आदि का उल्लेख करते हुए एक प्रॉस्पेक्टस प्रदान करना होगा।
कोचिंग बीच में छोड़ने पर वकाया राशि मिलेगी वापस
यदि किसी छात्र ने पूरे पाठ्यक्रम के लिए शुल्क का भुगतान कर दिया है, लेकिन बीच में ही छोड़ देता है, तो शेष अवधि के लिए शुल्क 10 दिनों के भीतर वापस करना होगा। इसमें कहा गया है कि यह हॉस्टल और मेस फीस पर भी लागू होता है।
मंत्रालय ने कहा, कक्षा के दौरान प्रत्येक छात्र को कम से कम एक वर्ग मीटर क्षेत्र आवंटित किया जाना चाहिये और कोचिंग सेंटर भवनों को अग्नि सुरक्षा कोड, भवन सुरक्षा कोड और अन्य मानकों का पालन करना होगा।
कैसी होगी छात्रों की काउंसिलिंग?
मंत्रालय की ओर से जारी दिशानिर्देशों में यह कहा गया है कि "छात्रों को शिकायत दर्ज कराने के लिए कोचिंग सेंटर में एक शिकायत बॉक्स या रजिस्टर रखा जा सकता है। कोचिंग सेंटर में छात्रों की शिकायतों/शिकायतों के निवारण के लिए समिति होगी। कोचिंग सेंटर भवन परिसर के भीतर पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग शौचालयों का प्रावधान किया जायेगा।
छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य का रखना होगा ख्याल
केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग सेंटरों से अनुचित दबाव डालने से बच कर छात्रों की मानसिक भलाई सुनिश्चित करने और संकट और तनावपूर्ण स्थितियों में छात्रों को लक्षित और निरंतर सहायता प्रदान करने की एक प्रणाली स्थापित करने को कहा है।
इसके अनुसार यह कहा गया कि सक्षम प्राधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा सकता है कि कोचिंग सेंटर द्वारा एक परामर्श प्रणाली विकसित की जाए और छात्रों और अभिभावकों के लिए आसानी से उपलब्ध हो। मनोवैज्ञानिकों, परामर्शदाताओं के 9 नामों और उनके द्वारा सेवाएं प्रदान करने के समय की जानकारी सभी छात्रों और अभिभावकों को दी जाए। छात्रों और अभिभावकों के लिए प्रभावी मार्गदर्शन और परामर्श की सुविधा के लिए कोचिंग सेंटर में प्रशिक्षित परामर्शदाताओं को नियुक्त किया जा सकता है।
छात्रों के साथ ना हो कोई भेदभाव
केंद्र ने कहा कि धर्म, नस्ल, जाति, लिंग, जन्म स्थान और वंश के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिये। इसमें यह भी कहा गया कि महिला छात्रों, विकलांग छात्रों और कमजोर तब्के के छात्रों जैसे आर्थिक रूप से कमजोर समुदायों के छात्रों के अधिक प्रतिनिधित्व को प्रोत्साहित करने के लिए कोचिंग सेंटर द्वारा विशेष प्रावधान किए जा सकते हैं। कोचिंग सेंटर की इमारत और आसपास का परिसर दिव्यांगों के अनुकूल होना चाहिये।
नियमों के उल्लंधन का क्या होगा परिणाम?
पंजीकरण या सामान्य शर्तों के किसी भी नियम और शर्तों के उल्लंघन के मामले में, कोचिंग सेंटर निम्नानुसार दंड के लिए उत्तरदायी होगा:
(i) प्रथम अपराध के लिए 25,000 रुपये
(ii) दूसरे अपराध के लिए 1,00,000 रुपये
(iii) बाद के अपराध के लिए पंजीकरण रद्द किया जा सकता है
'नेशनल टेस्ट अभ्यास' लॉन्च
मंत्रालय द्वारा जारी इस दिशानिर्देश पत्र के अनुसार, छात्रों को एनईईटी (यूजी) और जेईई (मुख्य) प्रवेश परीक्षाओं के लिए अच्छी तरह से अभ्यास करने में मदद करने के लिए, राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने उम्मीदवारों को ऑनलाइन उच्च गुणवत्ता वाले मॉक टेस्ट तक पहुंच की सुविधा प्रदान करने के लिए बिना किसी मूल्य के एक मोबाइल ऐप 'नेशनल टेस्ट अभ्यास' लॉन्च किया है।