CBSE Datesheet 2024: कई राज्य और केंद्रीय स्कूल एजुकेशन बोर्ड द्वारा 2024 में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं की तिथियां जारी कर दी गई है। उन्हीं में से एक है सीबीएसई जिसने हाल ही में बोर्ड परीक्षा की तिथियां जारी की है और मध्य प्रदेश बोर्ड भी इसमें शामिल है। टेंटेटिव तिथियां जारी करने के बाद से ही बच्चे तो बच्चे उनके माता-पिता भी चिंता में है और हो भी क्यों न बात बोर्ड परीक्षा की जो है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि परीक्षाओं के लिए क्या करें, क्या न करें। आगे हम आपको यही बताने जा रहे हैं।
कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं स्कूली शिक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि ये परीक्षाएं बच्चों को अपना करियर अपनी पसंद के अनुसार चुनने का मौका देती है। आप किसी भी कक्षा में कैसे भी अंक ले आएं लेकिन कक्षा 10वीं और 12वीं के दौरान ये प्रेशर डबल हो जाता है। आप भी अपने माता-पिता से भी एक ही लाइन अक्सर सुनते होंगे कि "बोर्ड परीक्षा को मजाक में नहीं लेना है", "अभी तक जो करना था कर लिया अब पढ़ाई पर ध्यान दो", "बोर्ड परीक्षा में कम नंबर नहीं आने चाहिए", "अधिक मेहनत ही परीक्षा को सफल बनाएगी" आदि।
यहां तक की हमें भी सुनने को मिला है कि "आपके अभी तक कितने भी अंक आए हो, उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन यदि बोर्ड में अंक कम हो गए तो अच्छा विषय या कोर्स नहीं चुन पाएंगे, इसलिए तैयारी अच्छी और बेहतर होनी चाहिए" कहने के लिए तो ऐसे लगता है कि बोर्ड परीक्षा का प्रेशर केवल बच्चों पर ही होता है, लेकिन इसका उतना ही प्रेशर और स्ट्रेस माता-पिता भी होता है। दरअसल कोई माता-पिता नहीं चाहते हैं कि उनका बच्चा कम अंकों की वजह से पीछे रह जाए या अपनी पसंद का कोर्स ना कर पाएं। उनका डर सीधे तौर पर आपके करियर को लेकर होता है।
बोर्ड द्वारा टेंटेटिव डेट क्यों जारी की जाती है, इसका क्या अर्थ है, माता-पिता को इन तिथियों से चिंतित होने की आवश्यकता है की नहीं, टेंटेटिव डेट जारी होने के बाद वह कैसे अपने बच्चों और उनकी तैयारी पर ध्यान दे सकते हैं। ये आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण अधिक स्ट्रेस और बच्चों को दिए जाने वाला प्रेशर है। यदि आप समझ लें की टेंटेटिव डेट बोर्ड द्वारा किस कारण से जारी की जाती है तो आप आने वाली परीक्षा की तैयारी में अपने बच्चों का साथ ही दे पाएंगे और साथ ही साथ उन्हें प्रेशर और स्ट्रेस से भी बचा पाएंगे।
टेंटेटिव तिथि का क्या अर्थ है
बोर्ड परीक्षा हो या अन्य कोई परीक्षा, संगठनों द्वारा जारी टेंटेटिव तिथि का अर्थ ये होता है कि जारी परीक्षा से संबंधित विवरण परिवर्तन के अधीन है। यदि आवश्यकता पड़ती है तो बोर्ड/ संगठन/ संस्थान द्वारा परीक्षा की तिथियों, स्थान और समय में बदलाव किया जा सकता है। आसान भाषा में बात करें तो जारी ये तिथियां या जानकारी अस्थायी है और इसे अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है। आवश्यकता के अनुसार इसमें बदलाव किया जा सकता है।
उदाहरण के लिए हिमाचल में हो रही भारी बारिश के कारण स्कूलों और कॉलेजों ने परीक्षा में परिवर्तन किए है,क्योंकि जारी पहले की तिथियां टेंटेटिव थी या फिर पिछले साल कोरोना को देखते हुए कई बार परीक्षाओं की तिथियों में बदलाव किया गया था। ये घटना या आवश्यकता के अनुसार बदली जा सकती है।
जैसे की सीबीएसई कक्षा 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा का आयोजन 15 फरवरी 2024 से किया जाएगा, लेकिन यदि इस दौरान कोई ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई, जिसमें परीक्षा का आयोजन करना सही नहीं होगा तो ऐसे में बोर्ड द्वारा अधिसूचना जारी करके जानकारी दी जाएगी और नई तिथियों का चुनाव किया जाएगा।
क्या है टेंटेटिव तिथियों को जारी करने का कारण
बोर्ड/ संगठन/ संस्थान द्वारा टेंटेटिव तिथि अपनी सुरक्षा को लेकर जारी करता है, ताकि भविष्य में होने वाले बदलावों के दौरान किसी प्रकार की परेशानी बोर्ड या संस्थानों के साथ-साथ लोगों को न झेलनी पड़े। मुख्य तौर पर ये टेंटेटिव डेट भी पूर्ण विचार और परामर्श के बाद तय की जाती है। यदि भविष्य में इन्हें बदलने की आवश्यकता हो तो बदला भी जा सकता है और यदि जरूरत न हो तो इन्हें ही लागू कर दिया जाता है। इसके अलावा इन तिथियों को जारी करने का एक मुख्य कारण ये भी है कि इन अनुमानित तिथियों के अनुसार छात्र शुरुआत से अपनी पढ़ाई की तैयार कर देते हैं और अंत में परीक्षा की तैयारी की उनकी चिंता और स्ट्रेस कम हो जाता है।
क्या करें क्या न करें?
भले ही टेंटेटिव तिथि परिवर्तन के अधीन होती है लेकिन इसका अर्थ ये नहीं है आप इसे हल्के में ले। टेंटेटिव तिथि आपको ये जानकारी देती है कि इस तिथि से परीक्षा शुरू होने के आसार सबसे अधिक है और छात्र परीक्षा की तैयारी शुरू कर दें ताकि उन्हें अंत में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े।
लेकिन टेंटेटिव तिथि का अर्थ ये भी नहीं है कि आप एक दम इतना सीरियस हो जाएं की इसका प्रेशर बच्चों को झेलना पड़ें। इस दौर का उपयोग बच्चों को समझाने के लिए करें और उनकी तैयारी में सहायता करें।
परीक्षा की ये तारीखें छात्रों को अपने स्टडी शेड्यूल को बनाने के साथ पूरी तैयारी सुनिश्चित करने के लिए एक स्पष्ट टाइमलाइन देती है। इसके माध्यम से छात्रों और उनके माता-पिता उपलब्ध समय का प्रयोग प्रभावी ढंग से कर सकते हैं।
बोर्ड परीक्षाओं के निकट ही लोकसभा और दो से तीन विधानसभा चुनाव भी प्रस्तावित हैं। ऐसे में बच्चों को ज्यादा डिस्टर्ब नहीं हो, इसके लिए बेहतर प्रबंध करें। घर में राजनीति पर चर्चा की जगह अगर आप बच्चों के कमजोर विषयों पर चर्चा करें तो बेहतर होगा। और अगर घर में काई इधर-उधर की चर्चा में परीक्षार्थी को घसीट रहा है, तो उन्हें मना कर दें।
होली के आस-पास जो परीक्षाएं पड़ने वाली हैं, उन विषयों की तैयारी पहले से कर लें। क्योंकि चाहे कुछ भी हो जाये, होली में आपका ध्यान जरूर भटकेगा, जब आप दूसरों को रंग खेलते हुए देखेंगे।
कैसे दे सकते हैं बच्चों की तैयारी पर ध्यान
आप प्रतिदिन बच्चों के साथ एक घंटे का समय बांध सकते हैं। प्रतिदिन 1 घंटे का समय में बच्चों से उनके स्टडी प्लान, उन्होंने आज क्या पड़ा है, उन्हें कितना याद है, उनकी तैयारी कैसी चल रही है, उन्हें क्या समझने में दिक्कत हो रही है, उनका कमजोर विषय क्या है और उन्हें किन चीजों की आवश्यकता है आदि के बारे में बात करें। इससे उन्हें परीक्षा की तैयारी का स्ट्रेस कम होगा और शुरुआत से ही तैयारी की आदत पड़ने लगेगी। इसके साथ ही आपके साथ पढ़ने में उन्हें मजा आएगा और उनका माइंड फ्रेश होगा। ऐसा करने से न केवल समय रहते उनकी तैयारी पूरी होगी, बल्कि आपका साथ मिलने से उनमें आत्मविश्वास भी बढ़ेगा और वो अपने सपनों की दिशा में आगे बढ़ पाएंगे।
परीक्षा की तैयारी को लेकर बच्चों पर लगातार प्रेशर बनाने या उन्हें पढ़ने के लिए फोर्स करने से कुछ नहीं होगा ऐसे में वह चाहकर भी नहीं पढ़ पाएंगे। इसलिए अपने बच्चों के साथ 1 घंटे या उससे अधिक का समय बिताएं और उन्हें परेशानियों से दूर करें।