BSEB Exam 2023: राज्य में इंटर की परीक्षा चल रही है। पहले दिन से तीसरे दिन तक फर्जी प्रश्नपत्र वायरल होने की खबरें सोशल मीडिया में तैरती रहीं। ऐसा करने वाले के मंसूबे अब तक पूरे नहीं हो पाए हैं। बिहार बोर्ड ने नकलचियों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है। 2022 में 464, 2021 में 470 और 2020 में लगभग 500 छात्र-छात्राएं नकल करने के आरोप में निष्कासित हुए थे।
इस साल पहले दिन 68, दूसरे दिन 100 और तीसरे दिन 65 छात्र-छात्राएं नकल करते हुए पकड़े गए हैं। आंकड़े बताते हैं कि नकल करने वालों की संख्या लगातार कम हो रही है। आंकड़े यह भी बता रहे हैं कि बिहार का युवा नकल नहीं, ज्ञान से आगे बढ़ने लगा है।
टेलीग्राम पर भेजे जा रहे हैं इंटर के फर्जी प्रश्न पत्र।
सच्चाई ये कि सूबे में 3 साल से कम हो रहे नकलची।
वायरल किए जा रहे हैं फर्जी प्रश्नपत्र।
ये बिहार के परीक्षा के सिस्टम को बदनाम करने की साजिश।
इंटर-मैट्रिक की परीक्षा के लिए टेलीग्राम पर क्वेश्चन पेपर लीक नाम से शातिरों ने बनाया ग्रुप है।
बच्चों को नकल के सहारे अंधकार की दुनियां में ढकेलने वाले अब सावधान हो जाएं। नकल रोकने के लिए ही सभी विषयों में 10 सेट का प्रश्न रहता है, ताकि दूसरे बच्चों में नकल की संभावना नहीं रहे। हर कॉपी पर बच्चे का फोटो रहता है।
एक फरवरी से बिहार बोर्ड के इंटर की परीक्षा शुरू होते ही साइबर शातिरों का गिरोह भी सक्रिय हो गया है। इस साल ठगी का पैटर्न अलग है। टेलीग्राम पर एक दर्जन से अधिक ग्रुप सक्रिय है। तीन फरवरी को केमेस्ट्री की परीक्षा से पहले भी शातिरों के ग्रुप में प्रश्नपत्र और आंसर आने लगे। बिहार बोर्ड के अफसरों ने ऐसे प्रश्नपत्र को गलत बताया।
जब इन गिरोहों के नंबरों की पड़ताल की गई तो ज्यादातर के लोकेशन नवादा और जमुई की सीमा पर मिले। दोनों जिले साइबर शातिरों के हॉट-स्पॉट है। बिहार बोर्ड लीक क्वेश्चन पेपर ग्रुप जिस मोबाइल से बनाया गया वह अररिया की महिला के नाम है। यह मोबाइल नंबर नवादा के कौवाकोल में एक्टिव है।