Bomb threat in Bengaluru: शुक्रवार को सुबह से एक ईमेल से अफरा तफरी का माहौल बना हुआ है। इस ईमेल के द्वारा बेंगलुरु के करीब 15 या उससे ज्यादा निजी स्कूलों में हमले की धमकी दी गई। पुलिस ने कहा कि बेंगलुरु के कम से कम 15 निजी स्कूलों को शुक्रवार सुबह एक ईमेल मिला, जिसमें उनके परिसर में बम होने की धमकी दी गई।
इससे कर्मचारियों और अभिभावकों में दहशत फैल गई। पुलिस का कहना है कि स्कूल अधिकारियों ने तुरंत पुलिस को इस ईमेल और हमले की धमकी की सूचना दी। मालूम हो कि पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए आनन-फानन में बम निरोधक दस्तों और अंतर्ध्वंस रोधी जांच टीमों के साथ संबंधित संस्थानों में पहुंची। आपको बता दें कि पिछले साल, बेंगलुरु के कई निजी स्कूलों को इसी तरह की ईमेल धमकियाँ मिलीं, लेकिन वे सभी अफवाहें निकलीं।
पुलिस ने कहा कि छात्रों और कर्मचारियों को तुरंत स्कूल परिसर से बाहर निकाल लिया गया है। दोपहर 12 बजे तक मीडिया को मिली जानकारी के अनुसार, पुलिस ने बताया कि हालांकि अभी तक कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है। आपको बता दें कि जैसे ही इन 15 निजी विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता को घटना के बारे में पता चला, वे घबराकर अपने बच्चों को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए स्कूलों की ओर दौड़ पड़े।
ईमेल में दावा किया गया कि स्कूल परिसर में विस्फोटक लगाए गए थे। अपने बच्चे को स्कूल से घर वापस लाने पहुंची अंचला शर्मा का कहना है कि स्कूल परिसर में बम होने की खबर मिलते ही मैं बच्चे को स्कूल से लेने पहुंच गई। खतरों की पहली लहर ने बसवेश्वर नगर में नेपेल और विद्याशिल्पा सहित सात स्कूलों को निशाना बनाया। खतरे में पड़े स्कूलों में से एक कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के आवास के बिल्कुल सामने स्थित है।
कुछ ही समय बाद, कई और शैक्षणिक संस्थानों को ईमेल के जरिए इसी तरह की धमकियां मिलीं। बेंगलुरु पुलिस ने सुरक्षा एहतियात के तौर पर स्कूलों से छात्रों और कर्मचारियों को बाहर निकाल लिया। इस संकेत के बावजूद कि बम की धमकी अफवाह हो सकती है, पुलिस बम निरोधक दस्तों की मदद से परिसर की गहन तलाशी ले रही है। उन्होंने अभी तक किसी भी स्कूल में बम होने की पुष्टि नहीं की है।
क्या कहते हैं बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर?
बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, "बेंगलुरु शहर के कुछ स्कूलों को आज सुबह 'बम की धमकी' का संकेत देने वाले ईमेल मिले हैं। मामले की जांच करने के लिए अंतर्ध्वंस रोधी और बम का पता लगाने वाले दस्तों को सेवा में लगाया गया है। हालांकि प्रारंभिक जांच से ऐसा लग रहा है कि कॉल एक अफवाह समान है। फिर भी, दोषियों का पता लगाने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।"
छात्रों को सुरक्षित बाहर निकाला गया
मीडिया से बात करते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, हमें कमांड सेंटर से एक कॉल आया और हमने तुरंत अपनी टीमों को उन स्कूलों में भेजा। ये सभी स्कूल शहर के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं। सभी छात्रों और कर्मचारियों को स्कूल परिसर से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है और गहन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि अब तक, कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है और प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि यह एक फर्जी ईमेल था। अभिभावकों से उन्होंने कहा, घबराएं नहीं, हमारी टीमें इस मामले पर जांच कर रही हैं।
कर्नाटक के डिप्टी सीएम ने किया स्कूल का दौरा
पुलिस ने कहा कि पिछले साल भी, कुछ शरारती तत्वों ने बेंगलुरु के स्कूलों में बम की धमकी के बारे में दावा करते हुए ऐसे ईमेल भेजे थे, जो बाद में एक फर्जी संदेश निकला। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने उन स्कूलों में से एक का दौरा किया, जहां बम की धमकी मिली थी। उन्होंने स्कूल और पुलिस से स्थिति की जानकारी ली।
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि "मैं टीवी पर समाचार देखने के बाद थोड़ा निराश हो गया, क्योंकि कुछ स्कूल जिन्हें मैं जानता हूं और मेरे घर के पास के स्कूल का भी उल्लेख किया गया था। इसलिए मैं जांच करने के लिए बाहर गया। पुलिस ने मुझे ईमेल दिखाया है। प्रथम दृष्टया, यह प्रतीत होता है कि ये ईमेल फर्जी (धोखाधड़ी) है।
उन्होंने कहा, मैंने पुलिस से बात की लेकिन हमें सतर्क रहना चाहिये। माता-पिता थोड़े चिंतित हैं, चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। पुलिस इस पर गौर कर रही है और जांच जारी है। मैं उम्मीद करता हूं कि पुलिस जल्द ही मामले की निष्कर्ष तक पहुंचेगी। शिवकुमार ने माता-पिता से चिंता न करने की अपील की और कहा कि उनके बच्चे सुरक्षित रहेंगे। उन्होंने कहा, कुछ शरारती लोगों ने ऐसा किया होगा, 24 घंटे में हम उन्हें पकड़ लेंगे। साइबर क्राइम पुलिस सक्रिय है, वे अपना काम कर रहे हैं। हमें भी सतर्क रहना चाहिये और लापरवाही नहीं करनी चाहिये।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मामले की जांच करने का दिया निर्देश
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पुलिस को मामले की जांच करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा, स्कूलों में सुरक्षा उपाय किए गए हैं, और माता-पिता को घबराने की ज़रूरत नहीं है। मैंने पुलिस को स्कूलों का निरीक्षण करने और सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा, पुलिस विभाग से प्रारंभिक रिपोर्ट प्राप्त हो गई है।
दोषियों को मिले सजा : डी. शशिकुमार
कर्नाटक एसोसिएटेड मैनेजमेंट स्कूल के महासचिव डी. शशिकुमार का कहना है कि हाल ही में ऐसी घटनाएं कई बार घट चुकी है। इंटरनेट का दुर्रोपयोग कर ऐसी फेक न्यूज फैलाये जा रहे है, ताकि लोगों में डर का माहौल बनाया जा सके। शहर के इतने सारे स्कूलों को टारगेट किया जाना चिंता का विषय अवश्य है। सरकार और प्रशासन को इसे गंभीरता से लेना चाहिये और मामले की गहन जांच की जानी चाहिये। ऐसे मामलों में दोषियों को सजा अवश्य दी जानी चाहिये, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचा जा सके।