Board Exams to be Held Twice a Year: बोर्ड परीक्षा का आयोजन साल में एक बार किया जाता था, लेकिन अब इसमें भी बदलाव किया गया है। इस बदलाव के अनुसार, अब बोर्ड परीक्षा का आयोजन साल में एक नहीं दो बार किया जाएगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) और नए पाठ्यक्रम ढांचे (NCF) के अनुसार अंतिम रूप दिया गया है। बोर्ड परीक्षा को दो बार होने की घोषणा को लेकर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने घोषणा की है।
बता दें कि बोर्ड परीक्षा अब साल में दो बार आयोजित की जाएगी। इसकी शुरुआत आगामी शैक्षणिक सत्र यानी 2024 से की जाएगी। नए सत्र की शुरुआत के साथ ही पाठ्यपुस्तकें भी उसी के अनुसार बनाई जाएगी।
बोर्ड परीक्षा को बनाया जाएगा छात्रों के लिए आसान
यदि साल में दो बार बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन किया जाएगा। इसके माध्यम से छात्रों को सबसे अधिक स्कोर प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
एनसीएफ के अनुसार
एनसीएफ के अनुसार छात्रों द्वारा सीखे गए तथ्यों को पुनः पेश करने की क्षमता है। इसके साथ ही ये देखते हुए कि अधिकांश परीक्षाएं बड़े पैमाने पर रटने की होती है और इस स्मृति का परीक्षण करती है। इसके माध्यम से दक्षताओं की एक बहुत संकीर्ण सीमा का मूल्यांकन किया जाता है।
भाषा के 2 विषय पढ़ना है आवश्यक
कक्षा 11वीं और कक्षा 12वीं में छात्रों को 2 भाषाएं पढ़ाई जाएगी। जिसमें से एक भारतीय भाषा होनी चाहिए।
विषयों का होगा लचीलापन
कक्षा 11वीं और 12वीं में विषयों का चयन आर्ट्स, कॉमर्स और साइंस पर भी निर्भर नहीं करेगा। इसमें छात्रों को विषय चुनने का अधिकार दिया जाएगा।
दो बार बोर्ड परीक्षा का क्या है फायदा
साल में दो बार होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के माध्यम से छात्रों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर मिलेगा। वह अधिक से अधिक अंक प्राप्त करने में सक्षम होंगे। इसमें छात्रों के लिए एक प्लस पॉइंट ये है कि उम्मीदवार उन विषयों की परीक्षा दे सकते हैं, जिनके लिए वह तैयार महसूस करते हैं।
पाठ्यक्रम ढांचे के अनुसार 'समय के साथ, स्कूल बोर्डों को उचित समय में ऑन डिमांड परीक्षा की पेशकश करने की क्षमता विकसित करनी होगी। बोर्ड परीक्षा परीक्षण डेवलपर्स और मूल्यांकनकर्ताओं के अलावा, उन्हें इस काम को करने से पहले विश्वविद्यालय प्रमाणित पाठ्यक्रमों से गुजरना होगा।'