बिहार बोर्ड कक्षा 12वीं के रिजल्ट मार्च के अंत में ही जारी किए गए हैं। अब 12वीं के छात्र विश्वविद्यालयों में बैचलर डिग्री में प्रवेश की तैयारी कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ बिहार बोर्ड ने छात्रों के लिए नया 4 साल का बैचलर कोर्स लाने की योजना बनाई है। बिहार की सभी राज्य विश्वविद्यालय में 4 साल की बैचलर डिग्री प्रोग्राम नए शैक्षणिक सत्र 2023-27 से शुरू किया जाएगा।
4 साल के अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम पर राजभवन ने एक बयान जारी किया है, जिसके अनुसार बिहार के सभी राज्य विश्वविद्यालय नए शैक्षणिक सत्र (2023-27) से चॉइस-बेस्ड क्रेडिट सिस्टम के तहत चार वर्षीय स्नातक (अंडरग्रेजुएट) डिग्री प्रोग्राम शुरू करेगा। चार वर्षीय स्नातक डिग्री प्रोग्राम की शुरुआत का फैसला राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति और राज्य के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर की अध्यक्षता में लिया गया था।
इस उच्चस्तरीय बैठक में विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल थे। चार वर्षीय बैचलर डिग्री प्रोग्राम की शुरुआत का फैसला राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों के तहत किया गया है।
नए शैक्षणिक सत्र के चार वर्ष के अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम की शुरुआत कर राजभवन द्वारा आधिकारिक तौर जानकारी देते हुए बताया गया कि "सीबीसीएस और सेमेस्टर प्रणाली के तहत चार वर्षीय स्नातक डिग्री पाठ्यक्रम आगामी शैक्षणिक सत्र (2023-27) से शुरू किए जाएंगे। सीबीएससी और सेमेस्टर सिस्टम के लागू होने के पहले साल में विश्वविद्यालय अपनी खुद की प्रवेश प्रक्रिया शुरू करेंगे। लेकिन इसके बाद अगले शैक्षणिक सत्र से, एक केंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया होगी और सभी विश्वविद्यालय उसी का पालन करेंगे। नई व्यवस्था के पहले साल का पाठ्यक्रम तय करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति भी गठित की जाएगी।"
बिहार से पहले कहां शुरू हुआ था 4 वर्षीय यूजी प्रोग्राम
बिहार इस साल से अपना चार वर्षीय अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम शुरू करने वाला है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इससे पहले भी कई विश्वविद्यालयों में इसे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी की यूजीसी (UGC) द्वारा लागू किया जा चुका है।
बता दें कि चार साल का कोर्स इससे पहले दिल्ली विश्वविद्यालय में फोर ईयर अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम जिसे शॉर्ट में एफवाईयूपी (FYUP) कहा जाता था, कि शुरुआत की थी। लेकिन एक साल के भीतर ही इससे वापस भी ले लिया गया था। दरअसल, उस दौरान इस प्रोग्राम को लेकर कई छात्र पूर्ण समर्थन में नहीं थे, जिस कारण से इसे वापस लेने का फैसला लिया गया।
क्या है चार वर्षीय बैचलर प्रोग्राम
सीबीएससी छात्रों को उनकी रूचि के अनुसार शिक्षा प्रदान करने का एक रास्ता है। ये प्रोग्राम छात्रों को रुचियों और योग्यता के अनुसार अन्य विषयों से भी इंटर-डिसिप्लिनरी, इंटर-डिसिप्लिनरी कोर्स, स्किल-ओरिएंटेड पेपरों को चुनने की अनुमति प्रदान करता है। ताकि छात्र अधिक से अधिक विकास कर सकें और उनकी प्रतिभाओं को बढ़ावा मिल सके। 4 साल के इस कोर्स को 8 सेमेस्टर में बांटा गया है। जिसमें प्रत्येक वर्ष में छात्रों को 2 सेमेस्टर पढ़ाए जाएंगे।
शिक्षा विभाग के अधिकारी ने क्या कहा
चार साल के बैचलर डिग्री प्रोग्राम पर बात करते हुए बिहार के शिक्षा विभाग के अधिकारी बताते हैं कि संशोधित प्रोग्राम छात्रों को पहले साल से ही कौशल विकास (स्किल डेवलपमेंट) का प्रशिक्षण देगा। इसमें आगे बात करते हुए उन्होंने बताया कि सीबीएससी के तहत इस प्रोग्राम में 8 सेमेस्टर होंगे। एक साल पूरा करने के बाद छात्रों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा।