Bihar Govt Reduced School Holidays: बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है। ये फैसला सीधे तौर पर स्कूलों के बच्चों को प्रभावित करेगा। दरअसल बिहार सरकार ने सरकारी स्कूलों में त्योहारों की छुट्टियां को कम करने का फैसला लिया है, इससे संबंधित एक विज्ञप्ति भी जारी की गई है।
बिहार शिक्षा विभाग ने राज्य संचालित स्कूलों के लिए नया अवकाश कैलेंडर जारी कर दिया है। विभाग द्वारा आधिकारिक तौर पर जारी इस विज्ञप्ति के अनुसार अब सरकारी स्कूलों में सितंबर से दिसंबर के बीच मिलने वाली छुट्टियों की संख्या कम करके 11 कर दी गई है। बता दें कि पहले इन छुट्टियों की संख्या 23 थी। इतना ही नहीं बिहार के स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर कई निर्देश भी जारी किए गए हैं।
राखी की छुट्टी हुई कैंसिल
सितंबर से दिसंबर के बीच पड़ने वाली छुट्टियों को कम करने के साथ सरकार ने 31 दिसंबर यानी की आज रक्षाबंधन की छुट्टी को भी कैंसिल कर दिया है। दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ पूजा की छुट्टियों पर भी इस फैसले का असर पड़ा है।
दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ पर नहीं मिलेगी 9 दिन की छुट्टी
जहां पहले छात्रों को दुर्गा पूजा की छह छुट्टियां मिलती थी, अब केवल तीन मिला करेंगी। दिवाली और छठ पूजा के उपलक्ष्य में पहले 13 नवंबर से 21 नवंबर की कुल 9 छुट्टियां थी लेकिन अब इन छुट्टियों को भी कम कर दिया गया है। जारी विज्ञप्ति के अनुसार अब छात्रों को 12 नवंबर यानी दिवाली की एक छुट्टी मिलेगी। 15 नवंबर को चित्रगुप्त पूजा की एक छुट्टी मिलेगी और छठ पूजा के लिए 19 और 20 नवंबर केवल दो दिन की छुट्टी मिलेगी।
बिहार शिक्षा विभाग द्वारा जारी सूचना के अनुसार प्राथमिक विद्यालयों में कम से कम 200 दिन का कार्य दिवस और मध्य विद्यालयों में कम से कम 220 दिन का कार्य दिवस होना अनिवार्य है। 200 से लेकर 220 कार्य दिवसों की जानकारी शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 द्वारा निर्धारित करता है। इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने जानकारी दी की चुनाव, त्योहारों, प्राकृतिक आपदाओं और परीक्षाओं को लेकर स्कूलों में बहुत कम पढ़ाई हुई है। इन कारणों से छात्रों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। त्योहारों के दौरान कुछ स्कूलों में स्कूल बंद रहते हैं तो कुछ स्कूल खुले रहते हैं।
बिहार सरकार द्वारा संशोधित कैलेंडर का मुद्दा विपक्षी पार्टियों में गर्माया हुआ है। दुर्गा पूजा, दिवाली और छठ पूजा की छुट्टियों में हुई कटौती के कारण पार्टियों में राजनीतिक खींचतान शुरू हो चुकी है।