Bihar BC And EBC Scholarship 2023: बिहार सरकार ने पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग के कक्षा पहली से लेकर दसवीं तक के 1.25 करोड़ छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप देना का निर्णय लिया है। इन छात्रों के लिए अब तक केन्द्र से मिलती रही 50 फीसदी राशि राज्य सरकार नहीं लेगी। इसके लिए बिहार सरकार ने 'मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना' शुरू करने का निर्णय किया है। अब तक इन छात्रों को केन्द्र-राज्य संपोषित (50-50 फीसदी) योजना से स्कॉलरशिप मिलती रही है। लेकिन अब केन्द्र सरकार 9वीं और 10वीं क्लास के छात्रों को छोड़कर पहली से आठवीं क्लास के छात्रों के लिये ही 'पीएम यशस्वी योजना' चलायी जा रही है। इस कारण राज्य सरकार ने अब पीएम यशस्वी योजना बंद करने का निर्णय किया है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कुल 16 एजेंडों पर मुहर लगाई गई। बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डा. एस सिद्धार्थ ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 से पहली से चौथी क्लास के छात्र-छात्राओं को 50 रुपये महीना (600 सालाना), पांचवीं-छठी क्लास तक को 100 रुपये महीना (1200 सालाना) और सातवीं से दसवीं क्लास के छात्रों को 150 रुपए महीना (1800 सालाना) स्कॉलरशिप दी जाएगी।
कितनी स्कॉलरशिप
1 से 4 कक्षा तक 600 सालाना
5 से 6 कक्षा तक 1200 सालाना
7 से 10 कक्षा तक 1800 सालाना
1 से 10 कक्षा तक हॉस्टल में रहने वालों को 3000 सालाना
बिहार में पीएम यशस्वी योजना बंद
'पीएम यशस्वी योजना' केंद्र और राज्य की हिस्सेदारी 50-50 फीसदी का होता था। अब तक चल रही पहली से 8वीं के लिये केन्द्र की 'पीएम यशस्वी योजना' बंद करने का निर्णय सरकार ने लिया है। नई योजना में छात्रावासों में रहने वाले पहली से लेकर दसवीं क्लास के छात्र-छात्राओं को 250 रुपये महीना (3000 रुपये सालाना) स्कॉलरशिप दी जाएगी। इसमें सरकारी स्कूल, सरकारी मान्यता प्राप्त और स्थापना प्रस्वीकृत स्कूल में पढ़ रहे पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्र शामिल रहेंगे। उन्होंने बताया कि एक तो केन्द्र ने 9वीं और 10वीं क्लास के छात्रों को स्कॉलरशिप देना बंद कर दिया है, वहीं जो राशि मिलती भी ही वो समय पर नहीं मिलती और कम मिलती है।
नगरपालिका क्षेत्र विज्ञापन नियमावली मंजूर
सूबे के शहरों में अब बेतरतीब विज्ञापन लगाने पर रोक लगेगी। शहरों की खूबसूरती बनी रहे इसके लिये मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में बिहार नगरपालिका क्षेत्र विज्ञापन नियमावली, 2022 की स्वीकृति दी गई। कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डा. एस सिद्धार्थ ने बताया कि नियमावली के लागू होने से लाइसेंस फी के रुप में राज्य सरकार को सालाना 300 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा। नगर विकास एवं आवास विभाग के अन्तर्गत बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2007 की धारा-127 के प्रावधानों के आलोक में बनी इस नियमावली के तहत नीलामी के तहत विज्ञापन का रेट निर्धारित होगा। शहरों में बेतरतीब तरीके से फैले विज्ञापन को विनियमित किया जाएगा जिससे ट्रैफिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी और शहर का लुक (सौंदर्य) भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि एक समग्र विज्ञापन नियमावली बन जाने से अवैध रुप से लगाये जाने वाले विज्ञापनों पर रोक लग जाएगी और तय हो जाएगा कि शहर में विज्ञापन कहां लगेगा, कहां नहीं लगेगा।
शराबबंदी कानून के लिए 4 नए कार्यालय
मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अन्तर्गत बाढ़, मसौढ़ी, पालीगंज एवं दानापुर अनुमंडल को 'मद्यनिषेध एवं उत्पाद क्षेत्र के रूप में सृजित करते हुए चारों जगह क्षेत्रीय मद्यनिषेध एवं उत्पाद कार्यालय' बनेगा। इसके लिये कुल 136 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है।
281 नए पद सृजित किए, नए सिरे से होगी बहाली
सरकार ने तीन अलग-अलग विभागों में कुल 281 नये पद सृजित किये हैं। विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग में 29 शैक्षणिक तथा 31 तकनीकी एवं 16 गैर शैक्षणिक, तारामंडल सह विज्ञान संग्रहालय दरभंगा के लिए कुल 12 पद, आपदा प्रबंधन सेवा के लिये 57 पदों की स्वीकृति दी गई है।