Karnataka Bandh; Bengaluru School Closed: कावेरी नदी विवाद का मामला भारत के सर्वोच्च न्यायालय तक गया था। सर्वोच्च न्यायालय ने कावेरी नदी पर कर्नाटक और तमिलनाडु कि विवाद पर कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा दिए गए आदेश में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है। तमिलनाडु को 5000 क्यूसेक पानी छोड़ पर सरकार की सहमति से कन्नड़ समर्थक और किसान संगठन खुश नहीं है। जिसे देखते हुए 26 सितंबर को बेंगलुरु बंद करने का फैसला लिया गया था और देखते ही देखते 29 सितंबर को पूरा कर्नाटक बंद करने का फैसला लिया गया है।
कर्नाटक बंद के विषय में हुई चर्चा
बेंगलुरु बंद के निजी और सार्वजनिक परिवहन संघों के समर्थन पर कर्नाटक बंद करने के आह्वान किया जा रहा है। इस संबंध में कन्नड़ चालुवली अध्यक्ष वतल नागराज ने विरोध प्रदर्शन के दौरान कन्नड़ समर्थक संगठनों से कर्नाटक बंद पर के आह्वान पर निर्णय लेने के लिए सोमवार यानी आज बैठक बुलाई।
कन्नड़ संगठनों का समर्थन करते हुए राज्यव्यापी बंद करने का आह्वान किया गया है। इस फैसले का सीधा प्रभाव बेंगलुरु, मैसूर, मांड्या, बल्लारी समेत कई जिलों में देखने को मिलेगा।
कर्नाटक बंद स्कूल बंद
कर्नाटक बंद को पूर्ण रूप से बंद कर विरोध प्रदर्शन करने के लिए स्कूलों का बंद रहना भी आवश्यक है, तभी ये राज्यव्यापी बंद कहलाएगा। इसे ध्यान में रखते हुए उम्मीदव है कि स्कूल बंद ही रहेंगे। यदि वह हड़ताल वापस नहीं लेते हैं तो बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए स्कूल नहीं खोले जाएंगे। 29 सितंबर को होने वाले कर्नाटक बंद के दौरान या तो स्कूल पूरी तरह से बंद किए जाएंगे या फिर सभी कक्षाओं की क्लासेज एक बार फिर ऑनलाइन पूरी की जाएंगी।
न केवल स्कूल, कॉलेज और कार्यालय बंद रहेंगे बल्कि राज्यव्यापी बंद के दौरान आवागमन एक बड़ी समस्या बन जाएगी। 26 सितंबर को बेंगलुरु बंद की स्थिति में सकूल और कॉलेज बंद रहे थे और अब शुक्रवार यानी 29 सितंबर को राज्यव्यापी बंद के दौरान बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूल बंद रहने की उम्मीद जताई जा रही है।
निजी स्कूलों का संघ भी है विरोध में शामिल
निजी स्कूलों का संघ विरोध का समर्थन कर रहा है लेकिन ये संघ इस विरोध में अपने तरीके से भाग लेगा। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार से स्कूलों के लिए छुट्टी घोषित करने की बात कही जा रही है।
क्या है कावेरी नदी विवाद
तमिलनाडु में 5000 क्यूसेक पानी छोड़ने के कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण के आवेदन पर सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से मना कर दिया था। उसके बाद कर्नाटक कैबिनेट ने 22 सितंबर को ये फैसला लिया की 26 सितंबर तक पानी को छोड़ा जाएगा। कैबिनेट के इस फैसले ना खुश किसान और कन्नड़ संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसमें मेकेदातु परियोजना की शुरुआत भी शामिल थी।