पूर्रोत्तर (नार्थ इस्ट स्टेट) में चुनाव का समय अब करीब है। ऐसे में चुनाव को लेकर गर्माहट भी तेज है। चुनाव को लेकर बीजेपी किसी भी प्रकार से पीछे नहीं रहना चाहती है, जिसको ध्यान में रखते हुए बीते 1 महीने की भीतर की प्रधानमंत्री ने भी त्रिपुरा और मेघालय का दौरा किया (दिसंबर 2023) और हाल ही में यानी जनवरी महीने में कंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य में अपनी पहली रथ यात्रा निकाली। अमित शाह की ये यात्रा सरकारी की उपल्बधियों को उजागर करने के लिए थी। पूर्वोत्तर में चुनाव को लेकर तेजी सभी में देखने को मिलती है। अब देखना ये है कि आने वाले चुनाव में पूर्वोत्तर राज्यों में किसकी सरकार बनती है।
हाल ही में चुनाव आयोग द्वारा पूर्वोत्तर के राज्यों नागालैंड, मेघालय और त्रिपुरा में चुनाव की तिथियों की घोषाणा की है, जिसके अनुसार त्रिपुरा में चुनाव की 16 फरवरी से शुरू होगा तो वहीं मेघालय और नागालैंड में चुनाव के लिए 27 फरवरी की तिथि को चुना गया है। फरवरी का ये महीना राजनीतिक गतिविधियों के भरा रहेगा। शुरुआत लोकसभा में बजट की पेशकश से होगी और अंत पूर्वोत्तर के राज्यों में विधानसभा के चुनाव के आयोजन से। तीनों का राज्यों में 60-60 सीटों के लिए चुनाव का आयोजन किया जाएगा।
चुनाव को सफलतापूर्वक करने को लेकर हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अन्य दो चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे और अरुण गोयल चुनाव की तैयारी की समीक्षा करने के लिए तीनों राज्य के दौरे पर थें। चुनाव की तिथियों का चुनने का कार्य आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षाओं और सरक्षा बलों की आवाजाही को ध्यान में रख कर किया गया है।
राज्यों में पूर्व चुनावी हिंसा को लेकर क्या बोले सीईसी
चुनाव की तैयारी की समीक्षा को लेकर पूर्वोत्तर के राज्यों के दौर पर मीडिया को ब्रीफिंग देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त (चीक इलेक्शन कमीशनर) राजीव कुमार ने बतया की "कई राज्यों में चुनाव पूर्व हिंसा नहीं होती है। हिमाचल प्रदेश और गुजरात में, जहां हाल ही में चुनाव हुए, कोई हिंसा नहीं देखी गई। किसी भी उम्मीदवार को डराना, पार्टी कार्यालयों को जलाना, स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान को रोकना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस तरह की घटनाओं के लिकर सभी को सख्त हिदायत दी गई है। विश्वास निर्माण और मुक्त मतदाता भागीदारी सर्वोपरि है।" इसके साथ सभी चुनाव आयुक्तों ने कहा कि "किसी भी प्रकार से गाइडलाइन का उल्लंघन किया जाएगा तो सभी अधिकारियों को इसका जवाब देना होगा।"
पूर्वोत्तर के चुनाव में किसी भी प्रकार की हिंसा न होए और चुनाव को सुरक्षित रूप से आयोजित किया जाए, जिसको ध्यान में रखते हुए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 100 कंपनियों चुनाव की ड्यूटी के लिए राज्यों में पहुंच चुकी हैं और अपने कार्य में लगी हुई हैं।
पूर्वोत्तर राज्यों में चुनाव
फरवरी के महीने में पूर्वोत्तर के राज्यो में चुनाव का आयोजन किया जाएगा। जिसको लेकर चुनाव आयोग ने 18 जनवरी को घोषणा की है। घोषणा से प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार पूर्वोत्तर तीन राज्य त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में चुनाव कार्यक्रम की शुरुआत फरवरी 2023 में की जाएगी। जिसमें त्रिपुरा में चुनाव 16 फरवरी को आयोजित किया जाएगा और मेघालय और नागालैंड में 27 फरवरी को आयोजित किया गया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने चुनाव की तिथियों की घोषणा करते हुए तीनों राज्यों में महिलाओं की भागीदारी की बात भी की और बताया की हमेशा से ही इन तीनों राज्यों में चुनाव के दौरान सबसे अधिक भागीदारी महिलाओं की देखी जाती है।
नामांकन दर्ज करने की तिथियां
पूर्वोत्तर के राज्य त्रिपुरा में 21 जनवरी को राजपत्र अधिसूचना जारी करते हुए नामांक दाखिल करने की अंतिम तिथि को लेकर जानकारी दी गई है। जिसके अनुसार उम्मीदवार द्वारा नामांकल दाखिल करने की तिथि 30 जनवरी है और नामांकन वापस लेने की तिथि 2 फरवरी है। जो उम्मीदवार नामांकन वापस लेने की इच्छा रख रहे हैं उन्हें 2 फरवरी से पहले नामांकि वापस लेना होगा। वहीं मेघालय और नागालैंड में नामांकल दाखिल करने की अंतिम तिथि 7 फरवरी है।
आपको बता दें की त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड तीनों राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल क्रमशः 12, 15 और 22 मार्च को समाप्त हो जाएगा। उससे पहले चुनाव कर अगली सरकार बनाने की प्रक्रिया पूरी करने और चुनाव को सफलतापूर्वक करवाने का जिम्मा पूरी तरह से चुनाव आयोग पर है।
पूर्वोत्तर चुनाव में मतदान केंद्र
पूरोवत्तर के तीनों राज्यों (त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड) में कुल 9,125 मतदान केंद्र बनाएं जाएंगे। वर्ष 2018 में हुए चुनाव की तुलना में इस साल 634 नए मतदान केंद्र बनाएं गएं है। इस बार चुनाव में महिलाएं केवल वोट देने में अपनी अहम भूमिका नहीं निभाएंगी बल्कि चुनाव के आयोजन में भी उनकी भूमिका देखने को मिलेगी क्योंकि 9,125 मतदान केंद्रों में से 376 मतदान केंद्रों की देखरेख का कार्य महिलाओं का दिया गया है।
मतदाताओं में महिलाओं की संख्या
चुनाव आयोग ने भी चुनाव की घोषणा के दौरान मतदान में महिलाओं की भूमिका की बात कही थी। इसी बात पर ध्यान बनाते हुए बता दें की नागालैंड, त्रिपुरा और मेघालय 62.8 लाख मतदाता हैं जिसमें से महिला मतदाताओं की संख्या 31.47 लाख है। मतदाता संख्या के अन्य आकंड़ों की बात करें तो इसमें 1.76 लाख नए मतदाता हैं जो पहली बार वोट करने वाले की संख्या है, वहीं 31,700 विकलांग मतदाता हैं। मतदाता के आंकड़ों की जानकारी मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार द्वारा दी गई थी।
अस्थायी प्रावधान पर चुनाव आयोग
चुनाव का सारा जिम्मा उठाते हुए चुनाव आयोग हर मतदान केंद्र पर सभी बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धाता का पूर्ण ध्यान रखता है। जिसके बारे में बात करते हुए सीईसी राजीव कुमार ने राज्यों की सरकारों से अस्थायी बुनियादी ढांचे के निर्माण न करने के लेकर अनुरोध किया। अपनी इस बात में आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि महिला और पुरुष को लेकर अलग शौचालय, बिजली और विकलांगों के लिए रैंप आदि बजट में शामिल किया गया है जो की मतदान के लिए केंद्र में बदले गए स्कूलों के लिए स्थायी उपहार भी होगा।
पूर्वोत्तर राज्यों के साथ किन अन्य राज्यों में होंगे चुनाव
पूर्वोतर के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड के चुनाव के साथ अन्य 5 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में उपचुनाव का आयोजन किया जाएगा। इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में महाराष्ट्र (2 सीट), तमिलनाडु (1 सीट), पश्चिम बंगाल (1 सीट), अरुणाचल प्रदेश (1 सीट), झारखंड (1 सीट) और लक्षद्वीप (1 सीट)। इन सभी राज्यों और कंद्र शासित राज्य में चुनाव प्रक्रिया 27 फरवरी 2023 को आयोजित की जाएगी।
पूर्वोत्तर के राज्यों के विधानसभा चुनाव के रिजल्ट की घोषणा 2 मार्च 2023 को की जाएगी। जिसमें कौनसी पार्टी सरकार बनाएंगी या पहले की तरह इस बार भी गठबंधन की सरकार बनेगी आदि के बारे में सभी को पता चलेगा। फिलहाल तो इन राज्यों में चुनाव और राजनीति की गर्मा-गर्मी देखने को मिल रही है।