Medical Seat Increased in Various Courses and Colleges: मेडिकल की शिक्षा को केंद्र सरकार द्वारा अधिक प्रोत्साहित किया जा रहा है। शुरुआती समय से साइंस, इंजीनियरिंग और मेडिकल की शिक्षा को केंद्र सरकार महत्व देती आई है, लेकिन यूक्रेन और रूस के युद्ध के दौरान मेडिकल की शिक्षा प्राप्त करने यूक्रेन गए भारतीयों के वहां फसने के कारण मेडिकल कॉलेज और मेडिकल की शिक्षा की गुणवत्ता और सीटों को बढ़ाए जाने का फैसला लिया गया है, ताकि उम्मीदवारों को मेडिकल की शिक्षा प्राप्त करने के लिए देश से बाहर ना जाना पड़ें। इसको लेकर सरकार कई बड़े कदम उठा रही है।
जहां एक तरफ हर राज्य में मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जाने की योजना बनाई गई है तो वहीं दूसरी तरफ वर्तमान में चालू संस्थानों में सीटों को बढ़ाने का फैसला लिया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा छात्र मेडिकल की शिक्षा प्राप्त करने के अपने सपने को पूरा कर सकें। 20 जुलाई को हुए लोकसभा सत्र में विभिन्न मंत्रियों द्वारा मेडिकल की शिक्षा और मेडिकल कॉलेज की स्थापना को लेकर प्रश्न पूछे गए है, जिसमें स्थापित होने वाले मेडिकल कॉलेज के बजट, उनकी संख्या और कॉलेजों में हुई सीटों की वृद्धि से संबंधित प्रश्न शामिल थे।
लोकसभा के सत्र में पूछे गए सभी प्रश्नों का उत्तर देते हुए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने उत्तर देते हुए बताया कि मंत्रालय 'मौजूदा जिला/रेफरल अस्पतालों से जुड़े नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना करने की योजना बना रहा है। बनने वाले नए 157 मेडिकल कॉलेज भारत के 22 राज्यों के विभिन्न जिलों में बनाए जाएंगें।
मेडिकल कोर्स में कितने सीटों की हुई वृद्धि
कोर्स में सीटों की वृद्धि पर पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्रालय के राज्य मंत्री ने बताया कि 2014 में मेडिकल कॉलेज में केवल 387 सीटें थी, जिसमें 82 प्रतिशत की वृद्धि की गई है और अब सीटों की संख्या बढ़ कर 704 हो गई है। वहीं एमबीबीएस कोर्स में सीटों की संख्या में 110 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2014 में एमबीबीएस कोर्स में केवल 51,384 सीटें थी, जो बढ़ कर अब 1,07,948 हो गई है वहीं पीजी कोर्स करने वाले छात्रों के लिए 2014 तक केवल 31,185 सीटें थी। इसमें भी 117 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जिसके बाद अब पीजी कोर्स में कुल 67,802 सीटें उपलब्ध है।
157 मेडिकल कॉलेज का बजट क्या है?
स्थापित होने वाले मेडिकल कॉलेजों के बजट पर पूछे गए प्रश्न का उत्तर करते हुए मंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेज की स्थापना केवल कम सेवा वाले क्षेत्र और आकांक्षी जिलों में की जाएगी। सरकार द्वारा नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए फंड राज्य और केंद्र सरकार दोनों द्वारा दिया जाएगा। इस योजना के अनुसार उत्तर पूर्वी (North East) और विशेष श्रेणी के राज्यों को फंड 90:10 यानी 90 प्रतिशत फंड केंद्र द्वारा और 10 प्रतिशत फंड राज्य द्वारा प्रदान किया जाएगा, वहीं अन्य राज्यों के लिए अनुपात 60:40 का होगा।
इसके साथ आपको बता दें कि इस योजना को 3 चरणों के आधार पर मंजूरी दी गई है, जिसमें उत्तर प्रदेश के 27 कॉलेज, हिमाचल प्रदेश के 3 कॉलेज और महाराष्ट्र के 2 कॉलेज शामिल है। इसके साथ ही इन सभी राज्यों में मेडिकल की सीटों को बढ़ाने के लिए भी बजट पास किया गया है।
उत्तर प्रदेश के 7 मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस यूजी 432 सीटें बढ़ाने के लिए 518.39 करोड़ के बजट को मंजूरी दी गई है, जबकि 12 कॉलेज में पीजी कोर्स में 556 सीटों को बढ़ाने के लिए 375.92 करोड़ रुपये के बजट को पास किया गया है।
हिमाचल प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेज में 120 एमबीबीएस सीटों की वृद्धि के लिए कुल 144 करोड़ के बजट को स्वीकार किया गया है और वहीं एक मेडिकल कॉलेज में 17 पीजी सीट को बढ़ाने के लिए 14.50 करोड रुपये के बजट को स्वीकृति दी गई है।
महाराष्ट्र में 14 कॉलेज में 700 एमबीबीएस सीटों के लिए 839.86 करोड़ और 11 कॉलेज में 692 पीजी सीटों के लिए 345.79 करोड़ रुपये के बजट को स्वीकृत किया गया है।