NMC Canceled Recognition of 40 Medical Colleges: डॉक्टर बनने का सपना लिए नीट यूजी की परीक्षा के बाद अब छात्र देश के सर्वश्रेष्ठ मेडिकल कॉलेज की तलाश कर रहे हैं। ऐसे में देश के करीब 40 मेडिकल कॉलेजों पर कार्रवाई करने की बड़ी खबर आ रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले दो महीनों में, देश भर के लगभग 40 मेडिकल कॉलेजों ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा निर्धारित मानकों का कथित रूप से पालन ना किये जाने के कारण अपनी मान्यता खो दी है।
प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो द्वारा आधिकारिक सूत्रों के हवाले से प्रकाशित जानकारी के अनुसार, 40 मेडिकल संस्थानों की मान्यता रद्द किये जाने के बाद आयोग की कार्रवाई अभी पूरी नहीं हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, गुजरात, पुड्डुचेरी, असम, आंध्र प्रदेश और पंजाब के लगभग 100 से अधिक मेडिकल कॉलेज अब भी रडार पर हैं और कथित मानकों को पूरा ना करने के कारण इन संस्थानों की मान्यता भी रद्द की जा सकती है।
अतिरिक्त जानकारी के अनुसार, आयोग के अंडरग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान सामने उक्त 40 संस्थानों में कई कमियां पाई गई, जिसके बाद राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा कार्रवाई के रूप में यह निर्णय लिया गया।
मेडिकल संस्थानों में कौन सी कमियां पाई गई
आपको बता दें कि जिन कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी गई है, वे सभी कॉलेज आयोग द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन नहीं कर रहे थे और आयोग द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान सीसीटीवी कैमरों, आधार लिंक बायोमेट्रिक एटेंडेंस प्रणाली आदि का पालन नहीं कर रहे थे। इतना ही नहीं इन कॉलेजों में संकाय की भूमिका से संबंधित कई खामियां भी पाई गईं।
देश में मेडिकल सीटों को बढ़ाने की तैयारी
जानकारी के अनुसार, यह निर्णय उस समय लिया गया जब सरकार देश में मेडिकल सीटों की संख्या को बढ़ाने की दिशा में नए कदम उठाने का प्रयास कर रही है और इससे पहले तमाम आवश्यक कदम उठा रही है। इस पूरी प्रक्रिया में जिला या रेफरल अस्पतालों को अपग्रेड करके नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना करने के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना शामिल है, जिसके तहत स्वीकृत 157 कॉलेजों में से 94 नए मेडिकल कॉलेज पहले से ही कार्यात्मक हैं।
आइए जानते हैं क्या कहते हैं आंकडें
- सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2014 के बाद से मेडिकल कॉलेजों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।
- स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा को बताया था कि मेडिकल कॉलेजों में 2014 से अब तक करीब 69 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से पहले देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 387 थी, जो अब बढ़ कर 654 हो गई है।
- इसके अलावा, एमबीबीएस सीटों में 94 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह संख्या 2014 से पहले 51,348 थी जो अब बढ़कर अब 1,01,043 हो गई है।
- वहीं अगर बात पोस्ट ग्रेजूएशन या पीजी कोर्स के सीटों की करें तो इसमें भी 107 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मालूम हो कि वर्ष 2014 से पहले यह संख्या 31,185 थी जो अब बढ़ कर 64,559 हो गई है।
मेडिकल की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए खतरे की घंटी
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा लगभग 40 मेडिकल कॉलेजों की मान्यता रद्द की जा चुकी है, और सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, आगामी दिनों में तकरीबन 150 अन्य मेडिकल कॉलेज, निर्धारित निमयों और दिशानिर्देशों का पालन ना करने के कारण अपनी मान्यता खो सकते हैं। इससे मेडिकल क्षेत्र में भविष्य बनाने और कुशल चिकित्सक बनेन की तैयारी कर रहे छात्रों के भविष्य के लिए खतरा हो सकता है।
कॉलेजों की संख्या में आयेगी कमी
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिन 40 मेडिकल कॉलेजों की मान्यता रद्द की गई है, उन कॉलेजों की जांच पड़ताल कई महीनों से चल रही थी। सूत्रों ने बताया कि आयोग ने अपनी जांच प्रक्रिया में पाया कि कॉलेजों निर्धारित मानकों का पालन नहीं कर रहे हैं। हालांकि अब प्रश्न यह उठता है कि इससे मेडिकल छात्रों का मेडिकल की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों पर क्या असर पड़ेगा।
आपको बता दें कि इन कॉलेजों की मान्यता समाप्त होने से देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में काफी कमी आएगी और देश में मेडिकल के छात्रों और एमबीबीएस के लिए तैयारी कर रहे छात्रों के लिए संकट पैदा हो सकता है।
इससे पहले, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी नियमों का पालन नहीं करने वाले या उचित ना फैकल्टी बनाए रखने वाले मेडिकल कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था, "हमें छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देनी है, हमें अच्छे डॉक्टर तैयार करने हैं।"