2000 Rs Note Ban By Reserve Bank of India: भारतीय रिजर्व बैंक ने 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के बैंक नोटों को चलन से वापस लेने का फैसला किया है। शुक्रवार को देश शाम इस संबंध में सूचना जारी की गई। हालांकि, केंद्रीय बैंक आरबीआई ने कहा है कि करेंसी नोट आगामी 30 सितंबर तक चलन में बने रहेंगे। आरबीआई ने बैंकों से 30 सितंबर, 2023 तक 2,000 रुपये के नोटों के लिए डिपॉजिट और/या एक्सचेंज की सुविधा देने को कहा है।
केंद्रीय बैंक आरबीआई ने इस फैसले के साथ ही तत्काल प्रभाव से बैंकों को नए 2000 रुपये के नोट जारी ना करने के निर्देश दिये गये हैं। आपको बता दें कि आरबीआई ने अपनी विज्ञप्ति में कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा यह बदलाव आरबीआई की "क्लीन नोट पॉलिसी" के अनुसरण में लाया गया है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को घोषणा की कि 2,000 रुपये के नोट केवल कानूनी निविदा के रूप में रहेंगे और चलन से बाहर कर दिए जाएंगे। आरबीआई ने एक अधिसूचना में कहा, 2000 मूल्यवर्ग के बैंक नोटों में से लगभग 89 प्रतिशत मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे। 31 मार्च, 2018 को इन नोटों का उपयोग 6.73 लाख करोड़ रुपये (संचलन में नोटों का 37.3%) से घटकर 3.62 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 31 मार्च, 2023 को प्रचलन में केवल 10.8% नोट थे।
2000 रुपये नोट का क्या होगा?
जिन लोगों के पास 2,000 रुपये के नोट हैं, वे उन्हें वापस बैंक में जमा कर सकते हैं। इसके अलावा वे बैंक शाखा से अन्य मूल्यवर्ग के नोटों के के साथ 2000 रुपये के नोटों को बदल सकते हैं। यह बैंक खातों में जमा राशि के बिना किसी प्रतिबंध के और मौजूदा निर्देशों के अधीन किया जा सकता है।
2,000 रुपये के नोटों को अन्य मूल्यवर्ग के बैंक नोटों में बदलने की सीमा एक बार में 20,000 रुपये तक तय की गई है अर्थात व्यक्ति एक बार में केवल 20,000 रुपये को जमा करा सकते हैं या बदल सकते हैं। बैंक 30 सितंबर, 2023 तक इन नोटों को बदलने और/या जमा करने की सुविधा प्रदान करेंगे। इसके अलावा आरबीआई की 19 विभिन्न शाखाओं में भी नोट्स बदले जा सकेंगे।
2000 रुपये के नोट बैन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी
आरबीआई की 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत 2000 रुपए के नोटों को चलन से वापस लेने का निर्णय लिया गया था। हालांकि, वे कानूनी निविदा के रूप में जारी रहेंगे। लेनदेन के लिए आमतौर पर 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के नोटों का उपयोग नहीं किया जायेगा। 31 मार्च, 2018 को इन नोटों का उपयोग 6.73 लाख करोड़ रुपये (संचलन में नोटों का 37.3%) से घटकर 3.62 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 31 मार्च, 2023 को प्रचलन में केवल 10.8% नोट थे।
जनता की मुद्रा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अन्य मूल्यवर्ग के नोटों का इस्तेमाल किया जायेगा और 2000 रुपये के नोटों के अलावा बाकि सारे नोट चलन में रहेंगे। आरबीआई ने बैंकों को तत्काल प्रभाव से 2000 रुपए के नोट जारी ना करने की सलाह दी है। नोट बदलने और/या वापस करने की प्रक्रिया 23 मई से शुरू होगी।
2000 रुपये के नोट कब आए थे चलन में
आपको बता दें कि नवंबर 2016 में 2,000 रुपये के करेंसी नोट चलन में लाये गये थे। विमुद्रीकरण के बाद 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसकी व्याख्या करते हुए, आरबीआई ने कहा, 2,000 रुपये के नोटों का उपयोग पर्याप्त मात्रा में अन्य मूल्यवर्ग के उपलब्ध होने के बाद पूरा हुआ। आरबीआई ने कहा कि 2018-19 में 2,000 रुपए के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी।