विश्व साइकिल दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्य दिवस है। माना जाता है कि साइकिल चलाने से स्वास्थ्य को जबरदस्त लाभ पहुंचता है। यह लाभ किसी एक विशेष आयु वाले लोगों के लिए नहीं, बल्कि हर आयु समूह के लिए लाभदायक है। कोरोना महामारी के दौरान और विश्व पर्यावरण दिवस से पहले यह बताना और भी जरूरी है कि किस तरह साइकिल परिवहन का बेहतर साधन है- यह सस्ता है, पर्यावरण अनुकूल है और स्वास्थ्य के लिए अच्छा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार "पैदल चलना और साइकिल चलाना अच्छी सेहत पाने के लिए सबसे बेहतर रास्ता है।" साइकिल का उपयोग करने वाले लोग इस बात से पूरी तरह सहमत होंगे कि साइकिल चलाने से समय की बचत होती है, ट्रफिक जाम की समस्या नहीं झेलनी पड़ती और साथ ही सेहत भी बनी रहती है। साथ ही दुनिया के अधिकांश शहरों में बाइकर्स के लिए अलग साइकिलिंग लेन होती है। जिसके उपयोग से आप ट्रफिक जाम में नहीं फसते है।
विश्व साइकिल दिवस की स्थापना किसने की
पोलिश के सामाजिक वैज्ञानिक प्रोफेसर लेस्ज़ेक सिबिल्स्की विश्व साइकिल दिवस की संस्थापना हैं। सिबिल्स्की अमेरिका में शिक्षक हैं। अपनी समाजशास्त्र की कक्षाओं के माध्यम से उन्होंने एक अभियान का नेतृत्व किया, जिसमें विश्व साइकिल दिवस पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव को लेकर जागरूकता फैलाने था। उनके इस अभियान को तुर्कमेनिस्तान और 56 अन्य देशों में भारी सहयोग मिला। इस दिवस का लोगो (Logo) मूल रूप से संयुक्त राष्ट्र द्वारा डिजाइन किया गाया था। जिसे नीले और सफेद रंग में बनाया गया। इसे आइजैक फेल्ड द्वारा डिजाइन किया गया था और इसका एनीमेशन वाला भाग प्रोफेसर जॉन ई स्वानसन द्वारा किया गया। इस लोगो में दुनिया भर के साइकिल चालकों को सवारी करते दिखाया गया है। इस लोगो के नीचे इस्तेमाल किया जाने वाला हैशटैग #June3WorldBicycleDay है। इसका मुख्य उद्देश्य ये दिखाना है कि साइकिल मानव जाति द्वारा किए गए सभी भेदभावों के बावजूद सभी के लिए है। यह पूरी मानवता की सेवा के लिए है।
साइकिल को दिवस के तौर पर क्यों मनाते है
मध्यम तीव्रता के साथ नियमित गतिविधि जैसे साइकिल चलाना, पैदल चलना और खेलना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है। अपेक्षाकृत सरल तरीकों से पूरे दिन अधिक सक्रिय होकर, लोग आसानी से अनुशंसित गतिविधि स्तर को प्राप्त कर सकते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार साइकिल चलाने या पैदल चलने से हृदय रोग, स्ट्रोक, कैंसर, मधुमेह और यहां तक कि मृत्यु के जोखिम को भी कम किया जा सकता है। प्रदूषण की बढ़ती समस्या से भी बचा जा सकता है। तदनुसार एक बेहतर सक्रिय परिवहन न सिर्फ स्वस्थ रहने के लिए लाभकारी है, बल्कि लागत प्रभावी भी है।
पैदल चलने और साइकिल चलाने से शहरों के बढ़ते उत्सर्जन से जनसंख्या वृद्धि को कम करने, वायु गुणवत्ता और सड़क सुरक्षा को सुधारा जा सकता है। कोरोना महामारी ने कई शहरों को अपनी परिवहन प्रणालीयों पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित किया है।
विश्व साइकिल दिवस का इतिहास
साइकिल की विशिष्टाता, दीर्घायु और बहुमुखी प्रतीभा को मानते हुए और इसके साथ यह भी स्वीकार करते हुए कि यह एक सरल, सस्ता, विश्वसनीय, स्वच्छता और पर्यावरण के लिए लाभकारी है। यह पर्यावरण को बढ़वा देता है। संयुक्त राष्ट्र नें 2018 में 3 जून को विश्व साइकिल दिवस के रूप में घोषित किया। तभी से इसे हर साल 3 जून को मनाया जाता है। हितधारकों ने सतत विकास को प्रोत्साहित करने, बच्चों और युवाओं के लिए शिक्षा में सुधार विशेष तौर से शारीरिक शिक्षा, स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और बीमारी को रोकने, सहिष्णुता, आपसी समझ और सम्मान को प्रोत्साहित करना, और सामाजिक समावेश और शांतिपूर्ण संस्कृति को सुविधाजनक बनाना के लिए साइकिल के उपयोग पर जोर देने और बढ़ावा देने की सिफारिश की।
सतत विकास में साइकिल का योगदान
विश्व साइकिल दिवस साइकिल के उपयोग से होने वाले लाभों पर ध्यान आकर्षित करता है। साइकिल स्वच्छ वायु और भीड़भाड़ कम करने में योगदान करती है। साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और अन्य सामाजिक सेवाओं को कमजोर आबादी वाले क्षेत्रों के लिए अधिक सुलभ बनाती है। साइकिल सतत परिवहन प्रणाली जो की आर्थिक विकास बढ़ाने में मदद करती है, असमानाताओं को कम करती है और जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में बढ़े तौर पर योगदान करती है और इससे सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है।
साइकिल स्वास्थ्य को कैसे बेहतर बनाती है
विश्व साइकिल दिवस पर चलिए जानते है कि किस तरह साइकिल हमारे स्वास्थ्य के लिए उपयोगी है-
• साइकिल एक तरह की एरोबिक गतिविधि है जो हृदय रोग के इलाज के लिए लाभदायक है।
• यह हृदय, मांसपेशियों, फेफड़ों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे शरीर के लिए फायदेमंद है।
• यह तनाव दूर करने के लिए काफि कारगर है।
• यह कार्डियोवैस्कुलर फिटनेस में सुधार और जोड़ों में लचीलापन प्राप्त करने में मदद करता है।
• यह शरीरिक मुद्र और समन्वय में सुधार करता है।
• मजबूत हड्डियों और पैर की मांसपेशियों को पाने और साथ-साथ शरीर की चरबी घटाने में मदद करती है।
भारत में विश्व साइकिल दिवस
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ् सर्वेक्षण की 2019-21 की रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल में लगभग 78.9% परिवारों के पास साइकिल है। पूरे देश में ये नंबर सबसे अधिक है। इसके साथ उत्तर प्रदेश 75.6% के साथ दूसरे नंबर पर आता है। ओडिशा 72.5% के साथ तीसरे नंबर पर आता है और उसके साथ क्रमशः छत्तिसगढ़ 70.8%, असम 70.3%, पंजाब 67.8%, झारखंड 66.3% और बिहार 64.8%.
सबसे कम साइकिल का इस्तेमाल नागालैंड में होता है कुछ 5.5% जबकि वहीं गुजरात में 29.9% परिवारों में, दिल्ली में 27.2% और सिक्किम में 5.9% परिवार साइकिल का प्रयोग होता है। 11 मई तक में पश्चिम बंगाल में 1,03,97,444 छात्रों को 'सबूज साथी योजना' के तहत साइकिल दी गई है।
इस तरहा से विश्व साइकिल दिवस के माध्यम से पूरे विश्व को साइकिल का महत्व समझाने का प्रयत्न किया जा रहा है। आज दुनिया में बढ़ती पट्रोल की कीमत को देखते हुए ज्यादा से ज्यादा लोग साइकिल की तरफ बढ़ रहे हैं। इससे न केवल पेट्रोल का खर्चा कम हो रहा है बल्कि स्वास्थ्य की दिशा में भी लोगों का पहला कदम उठ रहा है।