भारत का अटॉर्नी-जनरल कौन है? जानिए उनकी योग्यता, शक्ति, कर्तव्य और नियुक्ति प्रक्रिया के बारे मेंं

अधिकतर लॉ स्टूडेंट्स का सपना होता है कि अटॉर्नी जनरल ऑफ इंडिया बने। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अटॉर्नी- जनरल ऑफ इंडिया कैसे बनते हैं? अगर नहीं, तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताते हैं कि अटॉर्नी- जनरल ऑफ इंडिया बनना उतना ही मुश्किल होता है जितना कि सुप्रिम कोर्ट का जज बनना।

भारत का अटॉर्नी-जनरल कौन है? जानिए उनकी योग्यता, शक्ति, कर्तव्य और नियुक्ति प्रक्रिया के बारे मेंं

कौन होता है अटॉर्नी- जनरल ऑफ इंडिया| Who is Attorney- General of India?

भारतीय संविधान अनुच्छेद 76 के अनुसार, भारत के सर्वोच्च विधि अधिकारी (Highest Law Officer) को भारत का महान्यायवादी (Attorney General of India) कहा जाता है।

भारत का महान्यायवादी (AG) संघ की कार्यकारिणी का एक हिस्सा होता है। जो कि भारत सरकार का मुख्य कानूनी सलाहकार होता है और सभी कानूनी मामलों पर केंद्र सरकार को सलाह देता है।

अटॉर्नी- जनरल ऑफ इंडिया कैसे बनते हैं?

अटॉर्नी- जनरल की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा सरकार की सलाह पर की जाती है।

Qualfications of Attorney- General

भारत के महान्यायवादी (अटॉर्नी- जनरल) की आवश्यक योग्यताएं वही है जो उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश (सुप्रीम कोर्ट जज) की होती है, जो अनुच्छेद 124 में निर्धारित है।

1. वह भारत का नागरिक होना चाहिए।
2. उसने या तो किसी भी भारतीय राज्य के उच्च न्यायालय में एक न्यायाधीश के रूप में 5 वर्ष या एक वकील के रूप में उच्च न्यायालय में 10 वर्ष पूरे किए हों।
3. वह राष्ट्रपति की नजर में एक प्रतिष्ठित न्यायविद भी हो सकता है।

अटॉर्नी- जनरल के कार्यकाल की अवधि कितने वर्ष की होती है?

अटॉर्नी- जनरल के कार्यकाल की अवधि संविधान द्वारा तय नहीं है। लेकिन मुख्यत: तीन साल के लिए ही अटॉर्नी- जनरल की नियुक्ति की जाती है।

अटॉर्नी- जनरल को कौन हटा सकता है?

अटॉर्नी- जनरल को हटाने की प्रक्रिया और आधार संविधान में नहीं बताए गए हैं। वह राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करते हैं और केवल राष्ट्रपति द्वारा ही किसी भी समय हटाया जा सकता है।

भारत के महान्यायवादी के कर्तव्य और कार्य क्या हैं? Duties of Attorney- Genral

  • अटॉर्नी- जनरल का मुख्य कार्य राष्ट्रपति द्वारा भेजे जाने वाले सभी कानूनी मामलों के लिए केंद्र सरकार को सलाह देना है।
  • महान्यायवादी का यह कर्तव्य होगा कि वह भारत सरकार को विधि संबंधी ऐसे विषयों पर सलाह दे और विधिक स्वरूप के ऐसे अन्य कर्तव्यों का पालन करे जो राष्ट्रपति उसको समय-समय पर निर्देशित करे या सौंपे।
  • महान्यायवादी को अपने कर्तव्यों के पालन में भारत के राज्यक्षेत्र में सभी न्यायालयों में सुनवाई का अधिकार रखता है।
  • भारत सरकार की ओर से सभी मामलों में सर्वोच्च न्यायालय में या किसी भी मामले में किसी भी उच्च न्यायालय में, जिसमें भारत सरकार का संबंध है, उपस्थित होना।
  • संविधान के अनुच्छेद 143 (सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति) के तहत राष्ट्रपति द्वारा सर्वोच्च न्यायालय को दिए गए किसी भी संदर्भ में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व करना।
  • संविधान या किसी अन्य कानून द्वारा उसे प्रदत्त कार्यों का निर्वहन करना।

भारत के महान्यायवादी के अधिकार क्या हैं? Rights of Attorney- Genral

  • महान्यायवादी को संसद की सभी प्रक्रियाओं में बोलने और भागीदारी करने का अधिकार है, लेकिन वह किसी भी संसदीय प्रक्रिया में वोट नहीं कर सकता।
  • वह संसद का सदस्य नहीं होता, परंतु उसे भी वह विशेषाधिकार एवं उन्मुक्तियां प्राप्त होती हैं जो एक संसद के सदस्य को प्राप्त होती हैं।
  • इस प्रकार महान्यायवादी संघीय कार्यपालिका का एक प्रमुख अंग है, लेकिन भारत में सरकार बदल जाने पर या अन्य किसी कारण से सरकार के अस्तित्व में न रहने पर महान्यायवादी द्वारा त्यागपत्र देने की परम्परा है।

वर्तमान में भारत के महान्यायवादी (अटॉर्नी- जनरल) कौन हैं?

आर वेंकटरमणि भारत के वर्तमान अटॉर्नी- जनरल है, जिन्हें 1 अक्टूबर 2022 को नियुक्त किया गया था।

भारत के प्रथम महान्यायवादी (अटॉर्नी- जनरल) कौन थे?

एम.सी. सीतलवाड़ भारत के प्रथम महान्यायवादी थे, जो 28 जनवरी 1950 से 1 मार्च 1963 तक इस पद पर रहे थे।

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भारत के महान्यायवादी की सूची| List of Attorney General of India

अटॉर्नी- जनरल का नाम
कार्यकाल अवधि (कब से कब तक)
एम.सी. सीतलवाड़28 जनवरी 19501 मार्च 1963
सी.के. दफ्तरी2 मार्च 196330 अक्टूबर 1968
नीरेन डे1 नवंबर 196831 मार्च 1977
एस.वी. गुप्ते1 अप्रैल 19778 अगस्त 1979
एल.एन. सिन्हा9 अगस्त 19798 अगस्त 1983
के. परासरन9 अगस्त 19838 दिसंबर 1989
सोली सोराबजी9 दिसंबर 19892 दिसंबर 1990
जे रामास्वामी3 दिसंबर 199023 नवंबर, 1992
मिलन के बनर्जी21 नवंबर 19928 जुलाई 1996
अशोक देसाई9 जुलाई 19966 अप्रैल 1998
सोली सोराबजी7 अप्रैल 19984 जून 2004
मिलन के. बनर्जी5 जून 20047 जून 2009
गुलाम एस्साजी वाहनवती
8 जून 200911 जून 2014
मुकुल रोहतगी12 जून 201430 जून 2017
के.के. वेणुगोपाल30 जून 201722 सितंबर 2022
आर वेंकटरमणि1 अक्टूबर 2022वर्तमान
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English summary
Who is Attorney-General of India? According to the Constitution of India Article 76, the Highest Law Officer of India is called the Attorney General of India. The Attorney General (AG) of India is a part of the executive of the Union. Who is the Chief Legal Advisor to the Government of India and advises the Central Government on all legal matters.
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