National Voters Day 2024 Date, Theme, History, Significance: भारत में हर साल 25 जनवरी को भारत के चुनाव आयोग के स्थापना दिवस को चिह्नित करने के लिए राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है।
भारत के चुनाव आयोग की स्थापना इसी दिन अर्थात 25 जनवरी 1950 में हुई थी। यह दिन मतदान के महत्व को बढ़ावा देने और अधिक युवा व्यक्तियों को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित है। यह दिन विशेष रूप से भारत के नागरिकों को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रेरित करता है। आइए यहां राष्ट्रीय मतदाता दिवस के इतिहास, महत्व और प्रमुख पहलुओं को विस्तार से जानते हैं-
National Voters Day 2024 इतिहास क्या है?
क्या आपको पता है प्रथम मतदाता दिवस कब मनाया गया? राष्ट्रीय मतदाता दिवस पहली बार 2011 में लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भागीदारी बढ़ाने के चुनाव आयोग के प्रयासों के तहत मनाया गया था। भारत के चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी 1950 को हुई थी और इस वर्षगांठ का सम्मान करने के लिए इस दिन को चुना गया था। 25 जनवरी को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय मतदाता दिवस 1950 से चुनाव अखंडता के संरक्षक, भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) की स्थापना की याद दिलाता है। हालांकि, इस तिथि का महत्व भारतीय चुनाव आयोग की स्थापना की सालगिरह से परे है।
चुनावी प्रक्रिया में युवा मतदाताओं की अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए 25 जनवरी को पहली बार 2011 में राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाये जाने का निर्णय लिया गया। उस समय, युवाओं के बीच सक्रिय लोकतांत्रिक भागीदारी को बढ़ावा देना एक गंभीर चिंता का विषय बन गया था। इस आवश्यकता को समझते हुये, भारत सरकार ने इस दिन को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में नामित किया। यह दिवस नए मतदाताओं को सशक्त बनाने, उदासीनता से निपटने और देश के भविष्य को आकार देने में सक्रिय रूप से लगी एक पीढ़ी का पोषण करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है।
1988 में, भारत ने लोकतंत्र में युवा आवाज़ों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए, मतदान की पात्र आयु को 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दिया। 1989 के 61वें संशोधन विधेयक में निहित इस बदलाव ने, राष्ट्रीय मतदाता दिवस की स्थापना के साथ मिलकर, चुनावी प्रक्रिया में युवाओं की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि की है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 को संशोधित करने वाले 1989 के अधिनियम 21 के साथ संविधान के 61वें संशोधन अधिनियम, 1988 के द्वारा मतदाता के पंजीकरण की न्यूनतम आयु को 18 साल कर दिया गया। इसे 28 मार्च, 1989 से लागू किया गया है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस कब मनाया जाता है और क्यों मनाया जाता है?
चुनावी जागरूकता और सहभागिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाये जाने का निर्णय लिया गया। हालांकि यह महज अनुष्ठानिक पालन से परे है, और इस दिन लोकतंत्र के महापर्व यानी चुनावी प्रक्रियाओं में युवाओं की भूमिका को बढ़ावा देने की दिशा में जागरूकता फैलाई जाती है। यह दिन भारतीय नागरिकों, विशेष रूप से युवाओं को मतदाता के रूप में पंजीकृत होने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रेरित करता है। यह एक नागरिक कर्तव्य के रूप में और सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने के एक उपकरण के रूप में मतदान के महत्व पर आत्मनिरीक्षण का अवसर भी प्रदान करता है।
National Voters Day Theme 2024 क्या है?
प्रत्येक वर्ष युवाओं में चुनावी प्रक्रिया और उनके मतदान अधिकारों को लेकर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष नेशनल वोटर्स डे 2024 थीम, 'वोटिंग जैसा कुछ नहीं, वोट जरूर डालेंगे हम' रखा गया है। आइए जानें बीते वर्षों में राष्ट्रीय मतदाता दिवस थीम के बारे-
राष्ट्रीय मतदाता दिवस के पिछले वर्षों की थीम इस प्रकार हैं-
- राष्ट्रीय मतदाता दिवस थीम 2024 : वोटिंग जैसा कुछ नहीं, वोट जरूर डालेंगे हम
- राष्ट्रीय मतदाता दिवस थीम 2023: वोटिंग जैसा कुछ नहीं, मैं वोट जरूर करूंगा
- राष्ट्रीय मतदाता दिवस थीम 2022: चुनावों को समावेशी, सुलभ और भागीदारीपूर्ण बनाना
- राष्ट्रीय मतदाता दिवस थीम 2021: हमारे मतदाताओं को सशक्त, सतर्क, सुरक्षित और सूचित बनाना
- राष्ट्रीय मतदाता दिवस थीम 2020: मजबूत लोकतंत्र के लिए चुनावी साक्षरता
- राष्ट्रीय मतदाता दिवस थीम 2019: कोई मतदाता न छूटे
- राष्ट्रीय मतदाता दिवस थीम 2018: आकलन योग्य चुनाव
- राष्ट्रीय मतदाता दिवस थीम 2017: "युवा और भविष्य के मतदाताओं को सशक्त बनाना
- राष्ट्रीय मतदाता दिवस थीम 2016: समावेशी और गुणात्मक भागीदारी
- राष्ट्रीय मतदाता दिवस थीम 2015: आसान पंजीकरण, आसान सुधार
National Voters Day 2024 का महत्व क्या है?
जिस समय राष्ट्रीय मतदाता दिवस की शुरुआत की पहल की गई उस समय इसका उद्देश्य भारतीय युवाओं में चुनावी प्रक्रिया के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना था। प्रतिवर्ष मनाया जाने वाले राष्ट्रीय मतदाता दिवस का उद्देश्य मतदान के महत्व और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता के बारे में जागरूकता पैदा करना है। यह दिन युवा मतदाताओं को 18 वर्ष की आयु होने पर मतदाता सूची में नामांकन कराने के लिए आकर्षित करने और प्रेरित करने पर केंद्रित है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर मतदाताओं को चुनावी प्रक्रिया, मतदान के अधिकार और जिम्मेदारियों के बारे में शिक्षित करने के लिए विभिन्न गतिविधियां और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
कैसे मनाया जाता है राष्ट्रीय मतदाता दिवस उत्सव?
राष्ट्रीय मतदाता दिवस देश की नियति को आकार देने में प्रत्येक वोट के महत्व की याद दिलाता है। यह नागरिकों, विशेष रूप से युवाओं को, जिम्मेदारी से वोट देने के अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है। यह दिन लोकतंत्र की ताकत और नागरिकों की अपने देश की दिशा को प्रभावित करने की सामूहिक शक्ति का प्रतीक है। निम्नलिखित गतिविधियों के आयोजन के साथ राष्ट्रीय मतदाता दिवस उत्सव मनाया जाता है-
ईपीआईसी का वितरण: नए मतदाताओं को चुनावी फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) वितरित किए जाते हैं।
पुरस्कार समारोह: इस दिन पुरस्कारों के माध्यम से चुनावी प्रक्रिया में असाधारण योगदानों को मान्यता दी जाती है।
शैक्षिक कार्यक्रम: जागरूकता फैलाने के लिए कार्यशालाएँ, सेमिनार और अन्य शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
14वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाएगा, राष्ट्रपति एनवीडी पुरस्कार प्रदान करेंगी
भारत का निर्वाचन आयोग 25 जनवरी 2024 को 14वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस (एनवीडी) मना रहा है। भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु निर्वाचन आयोग द्वारा नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय समारोह में मुख्य अतिथि होंगी। केन्द्रीय कानून एवं न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुन राम मेघवाल सम्मानित अतिथि के रूप में समारोह की शोभा बढ़ाएंगे।
इस कार्यक्रम में मालदीव, फिलीपींस, रूस, श्रीलंका और उज्बेकिस्तान के चुनाव प्रबंधन निकायों के प्रमुख और प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। मतदाताओं को समर्पित, एनवीडी 2024 की विषय वस्तु पिछले वर्ष की तरह- 'वोट जैसा कुछ नहीं, वोट जरूर डालेंगे हम' है।
कार्यक्रम के आयोजन के दौरान, राष्ट्रपति वर्ष 2023 के लिए चुनाव संबंधी सर्वोत्तम कार्य प्रणाली पुरस्कार प्रदान करेंगी। पुरस्कार राज्य और जिला स्तर के अधिकारियों को 2023 के दौरान चुनावों के संचालन में आईटी पहल, सुरक्षा प्रबंधन, चुनाव प्रबंधन, सुलभ चुनाव, मतदाता सूची और मतदाता जागरूकता और पहुंच के क्षेत्र में उनके योगदान और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रदान किए जाएंगे। मतदाताओं की जागरूकता में बहुमूल्य योगदान के लिए सरकारी विभागों, मीडिया संगठनों सहित महत्वपूर्ण हितधारकों को भी पुरस्कार दिए जाएंगे।
ईसीआई प्रकाशन की पहली प्रति 'आम चुनाव 2024 के लिए ईसीआई पहल' मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री राजीव कुमार द्वारा माननीय राष्ट्रपति को भेंट की जाएगी। यह पुस्तक चुनावों के स्वतंत्र, निष्पक्ष, समावेशी, सुलभ और भागीदारीपूर्ण संचालन को सुनिश्चित करने के लिए ईसीआई के प्रत्येक प्रभाग द्वारा की गई पहलों का एक व्यापक अवलोकन प्रदान करती है।
प्रसिद्ध फिल्म निर्माता राज कुमार हिरानी के सहयोग से ईसीआई द्वारा निर्मित एक लघु मतदाता जागरूकता फिल्म - 'माई वोट माई ड्यूटी' भी प्रदर्शित की जायेगी। लघु फिल्म में कई मशहूर हस्तियों को लोकतंत्र की भावना के संदेशों और एक वोट की ताकत के साथ दिखाया गया है।
भारत का निर्वाचन आयोग 25 जनवरी, 2024 को राष्ट्र के लिए अपनी सेवा का 75वां वर्ष मना रहा है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर और 2024 के संसदीय चुनावों के आलोक में - "समावेशी चुनाव" विषय पर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया जाएगा। इस अवसर पर, आगामी संसदीय चुनाव 2024 के लिए मतदाता शिक्षा और जागरूकता के लिए एक अभिनव मल्टी-मीडिया अभियान भी शुरू किया जायेगा। भारतीय चुनावों की भव्यता, चुनाव सुधार, तकनीकी प्रगति और चुनाव प्रबंधन नवाचारों को प्रदर्शित करने वाली एक मल्टीमीडिया प्रदर्शनी भी प्रदर्शित की जायेगी।
भारत के निर्वाचन आयोग की 25 जनवरी 1950 को स्थापना हुई थी। स्थापना दिवस मनाने के लिए 2011 से पूरे देश में हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। एनवीडी उत्सव का मुख्य उद्देश्य नागरिकों के बीच चुनावी जागरूकता पैदा करना है और उन्हें चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना है।
देश के मतदाताओं को समर्पित, राष्ट्रीय मतदाता दिवस का उपयोग मतदाताओं, विशेषकर नए पात्र युवा मतदाताओं के नामांकन के लिए भी किया जाता है। देश भर में आयोजित नेशनल वोटर्स डे समारोहों में नए मतदाताओं को सम्मानित किया जाता है और उनका मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) सौंपा जाता है। नेशनल वोटर्स डे राष्ट्रीय, राज्य, जिला, निर्वाचन क्षेत्र और मतदान केन्द्र स्तर पर मनाया जाता है, जो इसे देश के सबसे बड़े समारोहों में से एक बनाता है।