"Poshan Bhi, Padhai Bhi" Scheme: भारत में प्रारंभिक शिक्षा को मजबूत करने के लिए और बाल्यावस्था को भी ध्यान में रखते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) को मजबूत करने के लिए एक राष्ट्रीय कार्यक्रम "पोषण भी, पढ़ाई भी" की शुरुआत की गई। इस कार्यक्रम को शुरुआत केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा की गई है।
ये कार्यक्रम "मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और मिशन पोषण 2.0" का एक महत्वपूर्ण घटक है। इस कार्यक्रम को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP- 2020) के तहत शुरू किया गया है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा 10 मई 2023 को विज्ञान भवन में इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई है।
इस कार्यक्रम के आयोजन में एमडब्ल्यूसीडी राज्य मंत्री श्री मुंजपारा महेंद्रभाई, श्री इंदेवर पांडे, सचिव (डब्ल्यूसीडी) और श्री संजय कौल, पूर्व सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग, कर्नाटक सरकार और मंत्रालय के ईसीसीई टास्क फोर्स के अध्यक्ष के साथ-साथ सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के महिला एवं बाल विकास/सामाजिक न्याय विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और सीडीपीओ, पर्यवेक्षकों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं सहित लगभग 800 आईसीडीएस पदाधिकारियों भी कार्यक्रम में उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम के लिए आंगनवड़ी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए 600 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि ष्ट्रीय जन सहयोग एवं बाल विकास संस्थान (एनआईपीसीसीडी) को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण के लिए अनुबंधित किया गया है।
"पोषण भी पढ़ाई भी" कार्यक्रम का उद्देश्य
"पोषण भी पढ़ाई भी" कार्यक्रम को नई शिक्षा नीति के तहत बनाया गया है, इसका उद्देश्य भारत में दुनिया का सबसे बड़ा, सार्वभौमिक और उच्च गुणवत्ता वाला प्री-स्कूल नेटवर्क सुनिश्चित करना है।
मंत्री स्मृति ईरानी ने इसके उद्देश्य पर बात करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल आंगनवाड़ी केंद्रों को पोषण केंद्र बनना है, बल्कि शिक्षा प्रदान करने वाला केंद्र भी बनाना है। आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि 'पोषण भी, पढ़ाई' भी हमारा प्रयास है कि नई शिक्षा नीति के आधार पर तैयार की गई ईसीसीई सामग्री मंत्रालय के अधिकारियों के सक्षम मार्गदर्शन और राज्य की भागीदारी के साथ नई प्रशिक्षण विधियों के माध्यम से देश की हर आंगनवाड़ी तक पहुंचे।
किन्हें होगा "पोषण भी पढ़ाई भी" कार्यक्रम का लाभ
बता दें कि वर्तमान समय में देश भर में 13.9 लाख आंगनवाड़ी केंद्र चल रहे हैं। इन केंद्रों में 6 उम्र से कम बच्चों को लिया जाता है, जिसमें उन्हें पूरक पोषण और प्रारंभिक देखभाल के साथ शिक्षा प्रदान की जाती है। इससे सेवा का लाभ करीब 8 करोड़ बच्चों उठा रहे हैं।
कहा जाता है कि 6 वर्ष की आयु तक बच्चों का मस्तिष्क 85 प्रतिशत तक विकसित होता है। उनके विकास को अच्छा करने के लिए उन्हें सही पोषण की आवश्यकता होती है। इस वैश्विक साक्ष्य को ध्यान में रखते हुए और आंगनवाड़ी इको-सिस्टम से बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है।
"पोषण भी पढ़ाई भी" कार्यक्रम क्या है? |What is "Poshan Bhi, Padhai Bhi" Scheme?
भारत में उच्च गुणवत्ता वाला प्री-स्कूल नेटवर्क सुनिश्चित करने के लिए "पोषण भी पढ़ाई भी" कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के माध्यम से आंगनवाड़ी केंद्रों में 6 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा और पोषण दोनों प्रदान किए जाएंगे। ताकि सही पोषण और शिक्षा के साथ बच्चे का विकास किया जा सकें।
- इस कार्यक्रम के माध्यम से हर क्षेत्र में बच्चों के विकास को लक्षित किया जाएगा। जिससे उनका शारीरिक और मोटर विकास, सामाजिक विकास, भावनात्मक विकास, नैतिक विकास, संज्ञानात्मक विकास शामिल होगा।
- ये कार्यक्रम प्राथमिक शिक्षा, प्रारंभिक बाल्यावस्था स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं पर जोर देगा।
- ये कार्यक्रम को देश की भावी पीढ़ियों की नींव को मजबूत करने के लिए सहायक होगा।
- इस कार्यक्रम से प्रत्येक बच्चों को दो घंटों की उच्च गुणवत्ता वाली प्री-स्कूल शिक्षा प्रदान की जाएगी।
- सभी राज्यों को दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष सहायता प्रदान करने के लिए कहा गया है। इसमें 0 से 3 और 3 से 6 वर्ष बच्चों के विकासात्मक मील का पत्थर लक्षित करने के लिए खेल आधारित गतिविधि आधारित शिक्षण प्रदान किया जाएगा।
- आंगनवाड़ी सेविकाओं को विभिन्न प्रकार की शिक्षण अधिगम सामग्री के (विजुअल एड्स, ऑडियो एड्स, ऑडियो-विजुअल और शारीरिक-काइनेस्टेटिक एड्स) प्रदान की जाएगी। जिसकी सहायता से इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सहायक होगा।
- इस कार्यक्रम में ईसीसीई मातृभाषा में शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।