What is POSHAN Pakhwada 2024 in Hindi: भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल पोषण पखवाड़ा है। पोषण पखवाड़ा 2024 की शुरुआत 9 मार्च को हुई। इसे आगामी 23 मार्च, 2024 तक आयोजित किया जा रहा है। इस पोषण पखवाड़ा का उद्देश्य पोषण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना और आबादी के बीच स्वस्थ भोजन की आदतों को बढ़ावा देना है।
पोषण पखवाड़ा (POSHAN Pakhwada 2024) एक 14-दिवसीय अभियान है, जिसे साल में दो बार मनाया जाता है। भारत सरकार द्वारा आमतौर पर पोषण पखवाड़ा मार्च और सितंबर में देश भर में विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों के साथ आयोजित किया जाता है। जन जागरूकता और सामुदायिक गतिविधियों का फोकस मुख्य विषयों पर आधारित है। इनमें पोषण भी पढाई भी (पीबीपीबी), बेहतर प्रारंभिक बचपन देखभाल और शिक्षा (ईसीसीई) की ओर, पोषण संबंधी जागरूकता के लिए जनजातीय, पारंपरिक, क्षेत्रीय और स्थानीय खान-पान पद्धतियों पर जोर दिया जाना चाहिये और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और शिशु एवं छोटे बच्चे के आहार (आईवाईसीएफ) संबंधी विधियों के मुद्दे पर ध्यान देना, शामिल है।
मार्च-अप्रैल 2023 में आयोजित अंतिम पोषण पखवाड़ा में 4 करोड़ से अधिक जन जागरण गतिविधियां चलाई गई। इस दौरान पोषण संबंधी अच्छी सेहत के लिए श्री अन्न/बाजरा के प्रचार और उसे लोकप्रिय बनाने पर जोर दिया गया। इसके अलावा यह पोषण पखवाड़ा स्वस्थ बालक प्रतिस्पर्धा (एसबीएस) और सक्षम आंगनबाड़ियों को लोकप्रिय बनाने के विषयों पर केंद्रित था। अब तक, 5वें पोषण पखवाड़ा और 6वें पोषण माह के माध्यम से, राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और भागीदार मंत्रालयों/विभागों द्वारा 90 करोड़ से अधिक जन जागरण गतिविधियां चलाई जा चुकी है।
सक्षम आंगनवाड़ी और मिशन पोषण 2.0 का एक प्रमुख उद्देश्य जन भागीदारी के माध्यम से व्यक्तिगत और सामुदायिक स्तर पर पोषण से जुड़े व्यवहार परिवर्तन को प्राप्त करना है। स्वस्थ खान-पान की आदतें विकसित करने और इसके प्रति जन जागरूकता बढ़ाने के लिए, 2018 में पोषण अभियान की शुरुआत के बाद से हर साल पोषण पखवाड़ा और पोषण माह के रूप में जन आंदोलन मनाया जा रहा है।
पोषण पखवाड़ा 2024 का उद्देश्य|Poshan Pakhwada 2024 Objectives
पोषण पखवाड़ा का मुख्य उद्देश्य विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों और कमजोर समूहों के बीच उचित पोषण के महत्व पर जोर देकर कुपोषण और संबंधित स्वास्थ्य मुद्दों को संबोधित करना है। यह अभियान मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार, बच्चों में बौनेपन और कमज़ोरी को कम करने और एनीमिया और अन्य पोषण संबंधी कमियों से निपटने पर केंद्रित है।
पोषण पखवाड़ा के दौरान, विभिन्न सरकारी विभाग, शैक्षणिक संस्थान, स्वास्थ्य सुविधाएं, सामुदायिक संगठन और गैर सरकारी संगठन कई गतिविधियों और कार्यक्रमों का संचालन करने के लिए एक साथ आते हैं। इनमें पोषण जागरूकता कार्यशालाएं और सेमिनार, कुपोषण की जांच एवं उपचार के लिए स्वास्थ्य शिविर, कला प्रदर्शन और पोषण परामर्श सत्र, पौष्टिक भोजन की खुराक और खाद्य पदार्थों का वितरण, पोषण संबंधी विषयों पर स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंट रो के कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम पोषण और स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्रसारित करने के लिए रेडियो, टेलीविजन, समाचार पत्रों और सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से मास मीडिया अभियान शामिल हो सकते हैं।
पोषण पखवाड़ा का व्यापक लक्ष्य पोषण को एक सामाजिक आंदोलन बनाना और व्यक्तियों और परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ आहार प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है। पोषण के बारे में जागरूकता और ज्ञान को बढ़ावा देकर, अभियान का उद्देश्य विशेषकर महिलाओं और बच्चों के समग्र कल्याण और विकास में योगदान करना है।
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पोषण अभियान क्या है? POSHAN Abhiyaan in Hindi
भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत पोषण अभियान की शुरुआत की गई। पोषण अभियान, देश भर में कुपोषण और संबंधित स्वास्थ्य मुद्दों को संबोधित करने के उद्देश्य से 2018 में भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक प्रमुख कार्यक्रम है। पोषण अभियान की शुरुआत देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई। पोषण अभियान का प्राथमिक उद्देश्य मातृ एवं शिशु कुपोषण पर विशेष ध्यान देने के साथ सभी रूपों में कुपोषण को कम करना है।
पोषण अभियान का उद्देश्य क्या है?
पोषण अभियान का मुख्य उद्देश्य 0-6 वर्ष की आयु के बच्चों में बौनापन को 2% प्रति वर्ष कम करना है। इसका उद्देश्य 0-6 वर्ष की आयु के बच्चों में अल्पपोषण (कम वजन) को 2% प्रति वर्ष कम करना भी है। पोषण अभियान का उद्देश्य छोटे बच्चों अर्थात 6 महीने से लेकर 59 महीने के बच्चों में एनीमिया की व्यापकता को 3% प्रति वर्ष कम करना है।
आपको बता दें कि पोषण अभियान का उद्देश्य महिलाओं अर्थात 15 वर्ष से लेकर 49 वर्षीय महिलाओं में एनीमिया के प्रसार को 3% प्रति वर्ष कम करना है। इसके साथ ही इस अभियान से जन्म के समय बच्चों के कम वजन को 2% प्रति वर्ष कम करने का भी लक्ष्य है।
पोषण अभियान के प्रमुख घटकों में क्या हैं?| Key components of POSHAN Abhiyaan
पोषण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने, स्वस्थ भोजन की आदतों को बढ़ावा देने और मातृ एवं शिशु देखभाल प्रथाओं में सुधार करने के लिए एक जन आंदोलन बनाना है।
पोषण संबंधी कार्यक्रमों और सेवाओं के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर विभिन्न विभागों और मंत्रालयों के बीच तालमेल को बढ़ावा देना।
पोषण संबंधी हस्तक्षेपों की निगरानी, ट्रैकिंग और मूल्यांकन को मजबूत करने के साथ-साथ सेवा वितरण और आउटरीच में सुधार करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना।
पोषण सेवाएं प्रदान करने और व्यवहार परिवर्तन संचार प्रयासों का समर्थन करने के लिए फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य पेशेवरों और सामुदायिक स्वयंसेवकों की क्षमता बढ़ाना।
पोषण संबंधी हस्तक्षेपों के समन्वय और निगरानी के लिए विभिन्न स्तरों पर संस्थागत तंत्र की स्थापना करना, जिसमें क्रमशः मुख्यमंत्रियों और जिला कलेक्टरों के नेतृत्व में राज्य और जिला पोषण मिशन की स्थापना शामिल है।
शिशु और छोटे बच्चे के आहार प्रथाओं, आहार की विविधताओं और अन्य पोषण संबंधी व्यवहारों को बढ़ावा देने के लिए संचार अभियान लागू करना।