हाल के दिनों में भारत के कई प्रमुख शहरों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) की स्थिति चिंताजनक हो गई है। खबर है कि दीपावली के बाद से दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, कोलकाता, और लखनऊ जैसे बड़े शहरों में AQI का स्तर 'खराब' हो गया है। जिससे की यहां के लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है।
AQI शब्द तो हम रोजाना कहीं न कहीं सुनते या पढ़ते तो हैं ही लेकिन क्या आप जानते हैं कि AQI क्या है? इसकी फुल फॉर्म क्या है? इसे कैसे मापा जाता है? अच्छा, सामान्य और खराब AQI क्या है? चलिए एक-एक कर जानते हैं इस सभी सवालों के सरल भाषा में जवाब।
AQI क्या है? (What is AQI?)
AQI का अर्थ है एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index)। यह एक मापदंड है, जो हवा की गुणवत्ता को मापता है और प्रदूषण स्तर को दर्शाता है। यह हवा में मौजूद हानिकारक तत्वों और गैसों की सांद्रता को स्केल में प्रदर्शित करता है, जिससे लोग जान सकते हैं कि हवा कितनी स्वच्छ या प्रदूषित है। इसका मुख्य उद्देश्य यह बताना है कि हवा में मौजूद प्रदूषकों का हमारे स्वास्थ्य पर क्या असर हो सकता है। AQI का स्तर बदलता रहता है और इसे आमतौर पर विभिन्न रंगों और संख्याओं के माध्यम से प्रदर्शित किया जाता है ताकि लोग आसानी से इसकी जानकारी समझ सकें।
AQI की फुल फॉर्म क्या है? (What is AQI Full Form?)
AQI का फुल फॉर्म है Air Quality Index (एयर क्वालिटी इंडेक्स)। हिंदी में इसे वायु गुणवत्ता सूचकांक कहते हैं।
AQI कैसे मापा जाता है? (How is AQI Calculated?)
AQI को मापने के लिए हवा में मौजूद विभिन्न प्रकार के प्रदूषकों की सांद्रता मापी जाती है। इन प्रदूषकों में मुख्यतः निम्नलिखित शामिल होते हैं:
- PM2.5 (पार्टिकुलेट मैटर 2.5)- यह 2.5 माइक्रोमीटर से छोटे कण होते हैं। ये छोटे कण श्वसन तंत्र में गहराई तक पहुंच सकते हैं और हृदय तथा फेफड़ों पर बुरा असर डाल सकते हैं।
- PM10 (पार्टिकुलेट मैटर 10)- ये 10 माइक्रोमीटर तक के कण होते हैं। ये भी सांस के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
- CO (कार्बन मोनोऑक्साइड)- यह एक विषैली गैस है जो मुख्यतः वाहनों और औद्योगिक गतिविधियों से निकलती है। अधिक मात्रा में यह घातक साबित हो सकती है।
- SO₂ (सल्फर डाइऑक्साइड)- यह गैस जीवाश्म ईंधनों के जलने से निकलती है और सांस लेने में कठिनाई उत्पन्न कर सकती है।
- NO₂ (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड)- यह गैस भी वाहनों और उद्योगों से निकलती है और इसका उच्च स्तर श्वास संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
- O₃ (ओजोन)- ओजोन ट्रोपोस्फेरिक स्तर पर बनने वाली एक प्रदूषक गैस है जो गले और फेफड़ों को प्रभावित कर सकती है।
प्रत्येक प्रदूषक का मापन कर उनकी सांद्रता के अनुसार एक स्कोर दिया जाता है। इन सभी प्रदूषकों के स्कोर को एक निश्चित मानक पद्धति के आधार पर संयोजित किया जाता है और फिर कुल AQI स्कोर तैयार होता है। यह स्कोर 0 से 500 के बीच में होता है और इस पर आधारित श्रेणियों में विभाजित होता है।
AQI की 6 श्रेणियां क्या हैं? (What are the 6 Categories of AQI?)
AQI को 6 श्रेणियों में बांटा गया है, जिससे यह पता लगाया जा सकता है कि हवा की गुणवत्ता का स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा। ये श्रेणियाँ निम्नलिखित हैं:
- 0-50 (अच्छा) - यह स्तर स्वच्छ वायु का प्रतीक है और स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित मानी जाती है। इसमें सांस लेने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होती है।
- 51-100 (संतोषजनक) - यह स्तर भी सामान्यतः सुरक्षित माना जाता है, लेकिन बहुत संवेदनशील लोगों को थोड़ी परेशानी हो सकती है।
- 101-200 (मध्यम) - इस श्रेणी में हवा में प्रदूषकों की सांद्रता बढ़ जाती है, जिससे संवेदनशील लोगों को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आम जनता को अभी भी सामान्य स्तर पर ही परेशानी होती है।
- 201-300 (खराब) - इस श्रेणी की हवा स्वास्थ्य के लिए अस्वास्थ्यकर होती है। इससे बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या फेफड़े की समस्याओं से ग्रस्त लोगों को अधिक परेशानी हो सकती है।
- 301-400 (बहुत खराब) - यह श्रेणी अत्यधिक प्रदूषित हवा को दर्शाती है। इसमें सांस लेने में तकलीफ, खांसी, और अन्य श्वसन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस स्तर पर सभी लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
- 401-500 (गंभीर) - यह सबसे खराब श्रेणी होती है और स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक होती है। इस स्तर पर हवा में प्रदूषकों की मात्रा इतनी अधिक होती है कि बाहरी गतिविधियों से बचना चाहिए, और स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
अच्छा, सामान्य और खराब AQI क्या है? (What is a Good, Normal, or Bad AQI?)
- अच्छा AQI (0-50) - इस श्रेणी का AQI स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित माना जाता है और कोई विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता नहीं होती है। यह आमतौर पर ग्रामीण या स्वच्छ क्षेत्रों में देखने को मिलता है।
- सामान्य AQI (51-100) - यह स्तर अधिकांश लोगों के लिए सुरक्षित माना जाता है, लेकिन संवेदनशील व्यक्तियों को इसमें थोड़ी बहुत परेशानी हो सकती है। हल्की श्वसन समस्या वाले लोगों को इस स्तर पर सावधानी बरतनी चाहिए।
- खराब AQI (101-200 और उससे अधिक) - इस स्तर पर वायु गुणवत्ता स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है, विशेषकर श्वसन या हृदय संबंधी समस्याओं वाले लोगों के लिए। इस स्तर के ऊपर पहुंचने पर स्वास्थ्य पर प्रभाव अधिक होता है। जैसे-जैसे AQI 300 से ऊपर जाता है, हवा अत्यधिक हानिकारक हो जाती है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है।
AQI का महत्व और जागरूकता
AQI का ज्ञान होना अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर बड़े शहरों में जहां वायु प्रदूषण का स्तर उच्च रहता है। AQI के माध्यम से लोगों को यह जानकारी मिलती है कि किस समय बाहरी गतिविधियां सुरक्षित हैं और कब घर के अंदर रहना बेहतर है। विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और पहले से श्वसन समस्याओं से ग्रस्त लोगों को AQI के अनुसार अपनी गतिविधियों में बदलाव करना चाहिए।
आजकल कई सरकारी और निजी वेबसाइट्स व ऐप्स AQI की जानकारी प्रदान करते हैं। लोग इनका उपयोग करके अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा कर सकते हैं। इसके साथ ही, बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि हम सभी मिलकर स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण का निर्माण कर सकें।
इस प्रकार AQI वायु गुणवत्ता की समझ बढ़ाने के साथ-साथ यह हमें अपने स्वास्थ्य की देखभाल करने का एक सरल और प्रभावी तरीका