झुक रहा पृथ्‍वी का axis, वैज्ञानिकों ने भारत को ठहराया जिम्मेदार, पर क्यों?

जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है, ग्लेशियर पिघल रहे हैं, और जगह-जगह हीटवेव की घटनाएं बढ़ रही हैं। ये सारी बातें हम अच्‍छी तरह जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं पृथ्‍वी का अक्ष यानि कि axis धीरे-धीरे झुक रहा है।

झुक रहा पृथ्‍वी का axis, वैज्ञानिकों ने भारत को ठहराया जिम्मेदार, पर क्यों?

अंग्रेज़ी में कहें तो tilt हो रहा है। इस प्राकृतिक परिवर्तन की वजह भले ही पूरी दुनिया हो, लेकिन वैज्ञानिक इसके लिए भारत और उत्तरी अमेरिका के देशों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वजह जानेंगे तो आपके मन में भी तमाम सवाल गोते लगाने लगेंगे।

इस ब्लेम-गेम पर बात करने से पहले आपको ले चलते हैं उस रिपोर्ट पर जो अमेरिकन जियोफिजिकल यूनियन ने रिलीज़ की है। रिपोर्ट के मुताबिक पृथ्‍वी के ऊपर रह रहे 8 बिलियन लोगों ने धरती से इतना पानी निकाला कि पृथ्‍वी के दृव्यमान में परिवर्तन आने लगे हैं। इस वजह से पिछले दो दशकों में वो अक्ष जिस पर पृथ्‍वी घूम रही है, करीब एक मीटर तक झुक गया है।

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वैज्ञानिकों का कहना है कि एक तरफ भार कम होने की वजह से पिछले 20 वर्षों में पृथ्‍वी का अक्ष 80 सेंटीमीटर पूर्व की ओर झुक गया है। प्राप्त डाटा के अनुसार यह घटना को पता लगाने के लिए 1993 से 2010 तक के डाटा का अध्‍ययन किया गया। यह स्टडी जियोफिजिकल रिसर्च लेटर के जून अंक में प्रकाशित भी की गई है।

भारत को कैसे ठहराया जिम्मेदार?

दरअसल वैज्ञानिकों ने कई सारे मॉडल प्रस्तुत किए, जिनमें एक मॉडल ग्राउंड वॉटर यानि भूजल पर आधारित है। इस मॉडल के अनुसार 1993 से लेकर 2010 के बीच पूरी पृथ्‍वी पर 2,150 गीगाटन भूजल जमीन से निकाला गया। वहीं दूसरी ओर समुद्र के जलस्तर में 0.24 इंच की वृद्धि हुई। इस वजह से पानी के भार का संतुलन बिगड़ गया और अंतत: पृथ्‍वी का अक्ष करीब एक मीटर पूर्व की ओर झुक गया।

अब चूंकि उत्तरी अमेरिका और भारत के कई हिस्सों में भूजलस्तर तेज़ी से गिरा है, इसलिए वैज्ञानिक मानते हैं कि यह एक बड़ी वजह हो सकती है अक्ष के झुकने की। दूसरी बात भारत की जनसंख्‍या पूरे विश्‍व में सबसे अधिक होने की वजह से भी यहां भू-जल का दोहन सबसे अधिक होता है। इसलिए भी वैज्ञानिक मानते हैं कि भारत इसके पीछे सबसे ज्यादा जिम्मेदार है।

झुक रहा पृथ्‍वी का axis, वैज्ञानिकों ने भारत को ठहराया जिम्मेदार, पर क्यों?

2016 में हुई थी खोज

2016 में पहली बार वैज्ञानिकों ने इस बात की खोज की थी कि अगर भूजल स्तर का संतुलन बिगड़ा तो पृथ्‍वी के अक्ष पर उसका सीधा असर पड़ेगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि भूजल के अलावा ग्लेशियर, और बढ़ता जलस्तर भी बड़े कारण हैं।

क्या होगा इसका प्रभाव

जाहिर है अगर पृथ्‍वी का अक्ष इसी तरह से झुकता रहा, तो इसका सीधा प्रभाव सभी देशों के मौसम पर पड़ेगा। क्योंकि मौसम इस बात पर भी निर्भर करता है, कि किस जगह पर सूर्य कितने डिग्री कोण पर है। अगर यह कोण बढ़ा या घटा तो न केवल सूर्य की किरणों का असर बदलेगा, बल्कि सूर्य से दूरी भी घट या बढ़ सकती है। ऐसे में जलवायु परिवर्तन होने पर कई घातक मौसमी घटनाएं होना आम हो सकता है।

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English summary
According to a recent study, the act of humans pumping and relocating groundwater has resulted in a slight alteration of Earth's mass. As a consequence, this has led to a minor shift in Earth's spin and an acceleration in the wandering of its rotational axis.
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