पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत के सरबजोत सिंह ने कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है। सरबजोत सिंह ने यह पदक मनु भाकर के साथ 10 मीटर मिक्स्ड टीम इवेंट में जीता है। इससे पहले मनु ने रविवार को 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। मनु भाकर एक ही संस्करण में भारत के लिए दो कांस्य पदक जीतने वाली इकलौती महिला हैं।
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चलिए अब जानते हैं सरबजोत सिंह के बारे में, सरबजोत सिंह का नाम आज हर भारतीय की जुबान पर है और हर कोई जानना चाहता है कि यह होनहार खिलाड़ी कौन हैं और उनकी यात्रा कैसी रही है।
सरबजोत सिंह का जन्म पंजाब के एक छोटे से गांव में हुआ था। उनके पिता एक किसान हैं और मां गृहिणी। बचपन से ही सरबजोत को खेलों का बहुत शौक था, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण उन्हें बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। सरबजोत ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गाँव के सरकारी स्कूल में पूरी की और वहीं से उनकी खेल यात्रा की शुरुआत हुई।
खेल करियर की शुरुआत
सरबजोत ने अपनी खेल यात्रा कुश्ती से शुरू की। उनकी प्रतिभा को सबसे पहले उनके स्कूल के पीटीआई ने पहचाना और उन्हें स्थानीय स्तर पर प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया। धीरे-धीरे सरबजोत ने जिला और राज्य स्तर पर अपनी पहचान बनाई और कई पदक जीते। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर ले आया।
ओलंपिक की तैयारी
पेरिस ओलंपिक की तैयारी के लिए सरबजोत ने पिछले चार वर्षों में कड़ी मेहनत की। उन्होंने राष्ट्रीय खेल अकादमी में प्रशिक्षण लिया, जहां उन्हें बेहतरीन कोचों और आधुनिक सुविधाओं का लाभ मिला। उनके कोच का कहना है कि सरबजोत की सफलता उनके दृढ़ संकल्प और अथक परिश्रम का परिणाम है।
ओलंपिक में प्रदर्शन
पेरिस ओलंपिक 2024 में सरबजोत सिंह ने कुश्ती के 74 किग्रा वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व किया। सेमीफाइनल में हार के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और कांस्य पदक के मुकाबले में शानदार प्रदर्शन किया। उनके इस प्रदर्शन ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया और उन्हें कांस्य पदक से सम्मानित किया गया।
आगे का प्लान
सरबजोत सिंह का कहना है कि यह तो बस शुरुआत है। उनका लक्ष्य है कि वे आने वाले ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतें और अपने देश का मान बढ़ाएं। इसके अलावा, वे चाहते हैं कि वे अपने गाँव और देश के अन्य युवाओं को खेलों में प्रेरित करें और उनकी मदद करें।
सरबजोत सिंह की कहानी संघर्ष, मेहनत और दृढ़ संकल्प की मिसाल है। उनकी इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि अगर मन में सच्ची लगन और मेहनत हो तो कोई भी मंजिल दूर नहीं। पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद सरबजोत सिंह देश के नए हीरो बन गए हैं और उनकी यह यात्रा हर युवा के लिए प्रेरणास्त्रोत बनी हुई है।