मदर टेरेसा, जिन्हें उनकी निस्वार्थ सेवा और मानवता के प्रति समर्पण के लिए जाना जाता है, ने 19 अक्टूबर 1950 को कलकत्ता (अब कोलकाता) में "मिशनरी ऑफ चैरिटीज" की स्थापना की। इस संस्था का मुख्य उद्देश्य गरीब, बीमार, अनाथ और बेसहारा लोगों की सेवा करना था। मदर टेरेसा की यह पहल न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में एक मिसाल बन गई। उनकी संस्था आज भी विश्वभर में हजारों जरूरतमंद लोगों की सहायता कर रही है।
10 लाइनों में जानिए मिशनरी ऑफ चैरिटीज संस्था के बारे में..
- 19 अक्टूबर 1950 को मदर टेरेसा ने कलकत्ता में "मिशनरी ऑफ चैरिटीज" की स्थापना की।
- इस संस्था का मुख्य उद्देश्य गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा करना है।
- मदर टेरेसा ने समाज के हाशिये पर पड़े लोगों की मदद के लिए यह संस्था शुरू की।
- शुरुआत में केवल 12 ननों के साथ काम करने वाली यह संस्था अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैल गई है।
- मिशनरी ऑफ चैरिटीज के अंतर्गत अनाथालय, अस्पताल और वृद्धाश्रम चलाए जाते हैं।
- मदर टेरेसा की यह पहल गरीबों के प्रति उनके अटूट प्रेम और सेवा भावना को दर्शाती है।
- यह संस्था उन लोगों की देखभाल करती है जिन्हें समाज में सबसे ज्यादा उपेक्षा मिली है।
- मदर टेरेसा को उनके कार्यों के लिए 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- मिशनरी ऑफ चैरिटीज के जरिए लाखों लोग आज भी मदर टेरेसा के सेवा कार्य से प्रेरित हैं।
- उनकी विरासत को आगे बढ़ाते हुए यह संस्था दुनियाभर में मानवता की सेवा कर रही है।
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English summary
Mother Teresa, known for her selfless service and devotion to humanity, founded the "Missionary of Charity" in Calcutta (now Kolkata) on 19 October 1950. The main objective of this organization was to serve the poor, sick, orphans and destitute. This initiative of Mother Teresa became an example not only in India but all over the world. Her organization is still helping thousands of needy people around the world.
Story first published: Thursday, October 17, 2024, 23:55 [IST]