पिछले 10 सालों में हुए सबसे बड़े रेल हादसों की लिस्ट

Major Train Accidents in Last 10 Years in India: 2 जून की शाम एक और रेल हादसे की खबर आई। यह इस वर्ष का चौथा रेल हादसा है। शुक्रवार की शाम 7 बजकर 20 मिनट के करीब ये रेल दुर्घटना ओडिशा राज्य के बालासोर जिले के पास हुई, जहां कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी की टक्कर हुई और यात्री वाहक ट्रेन के लगभग 15 डिब्बे पटरी से उतर गये।

पिछले 10 सालों में हुए सबसे बड़े रेल हादसों की लिस्ट

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस लेख को लिखे जाने के समय तक दिल दहला देने वाली इस रेल दुर्घटना में करीब 350 लोगों के गंभीर रूप से घायल होने और 70 लोगों के मारे जाने की खबर आई। इस बीच हावड़ा की ओर जा रही यशवंतपुर-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, कोरोमंडल एक्सप्रेस के पटरी से उतरे डिब्बों से टकरा गई और इसकी कुछ बोगियां पटरी से उतर गईं। दुर्भाग्य से इस रेल हादसे में कुल तीन ट्रेनें शामिल थीं। हालांकि इस पर अभी और अपडेट आने बाकी हैं।

अक्सर हम सभी रेल दुर्घटनाओं से संबंधित खबरें समाचारों में पढ़ते व सुनते रहते हैं। बता दें कि भारत में हर साल कोई न कोई रेल दुर्घटना अवश्य घटती है, लेकिन पिछले 10 सालों में रेल दुर्घटनाओं की संख्या में काफी कमी आई है। हालांकि पटरी से ट्रेन के उतर जाने की घटनाएं पहले की तुलना में और अधिक बढ़ गई है। दरअसल, 2016-17 में कुल दुर्घटनाओं में पटरी से उतरने का अनुपात 75% था, जो 10 वर्षों में सबसे अधिक है। जिस कारण भारतीय रेलवे के भीतर की खामियों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत में पिछले दशक में बड़ी रेल दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण ट्रेन का पटरी से उतरना है। जिन घटनाओं ने सुरक्षा के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है जिससे भारतीय रेलवे जूझ रहा है। हालांकि 23 अगस्त, 2017 को एक ट्रेन के पटरी से उतर जाने से रेलवे की और भी आलोचना हुई। यह ट्रेन उत्तर प्रदेश के औरैया में दिल्ली जाने वाली कैफियत एक्सप्रेस थी। जिसके नौ डिब्बे पटरी से उतर जाने के कारण कम से कम 70 यात्री घायल हुए थे। आपको बता दें कि शुक्रवार को ओड़िशा में हुई रेल दुर्घटना में यात्री वाहक ट्रेन की करीब 15 बोगियां पटरी से उतर गई हैं।

आज के इस लेख में हम आपको पिछले दस वर्षों में ट्रेन के पटरी से उतर जाने की वजह से हुई रेल दुर्घटनाओं के बारे में बता रहे हैं। यहां भारत में प्रमुख रेल दुर्घटनाएं कब और कहां घटित हुई, किसमें कितने लोगों की जान गई एवं कितने लोग घायल हुए, इसकी पूरी रिपोर्ट पेश की जा रही है।

पिछले दस सालों में हुई रेल दुर्घटनाएं निम्नलिखित हैं-

ध्यान देने योग्य: 2016-17 में ट्रेन के पटरी से उतर जाने से भारत में मरने वालों की संख्या अब एक दशक में सबसे अधिक है। बता दें कि नीचे दी गई सभी रेल दुर्घटनाएं ट्रेन के पटरी से उतर जाने के कारण हुई है।

19 अगस्त 2017: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में कलिंग उत्कल एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर जाने के कारण लगभग 20 लोगों की मौत हुई थी जबकि 92 अन्य लोग घायल हुए थे।

21 जनवरी 2017: आंध्र प्रदेश के विजयनगरम जिले में जगदलपुर-भुवनेश्वर हीराखंड एक्सप्रेस के पटरी से उतर जाने के कारण कम से कम 29 यात्रियों की मौत हुई थी और 50 अन्य यात्री घायल हुए थे।

28 दिसंबर 2016: उत्तर प्रदेश में कानपुर से 50 किलोमीटर दूर रूरा के पास सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस के 15 डिब्बे पटरी से उतर जाने के कारण दो यात्रियों की मौत हुई थी जबकि अन्य 65 यात्री घायल हुए थे।

20 नवंबर 2016: उत्तर प्रदेश में कानपुर के पास पुखरायां स्टेशन के पास पटना-इंदौर एक्सप्रेस के 14 डिब्बे पटरी से उतर जाने से 149 लोगों की मौत हुई थी और 300 से अधिक लोग घायल हुए थे।

4 अगस्त 2015: मध्य प्रदेश के हरदा जिले में मुंबई-वाराणसी कामायनी एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरकर माचक नदी में गिर जाने की वजह से 25 लोगों की मौत हुई थी और 25 अन्य लोग घायल हुए थे। जबकि कुछ मिनट बाद उसी जगह पर जनता एक्सप्रेस भी पटरी से उतरी थी।

20 मार्च, 2015: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में देहरादून-वाराणसी जनता एक्सप्रेस के पटरी से उतर जाने से 39 यात्रियों की मौत हुई थी और लगभग 150 यात्री घायल हुए थे।

4 मई 2014: महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले में नागोठाणे और रोहा स्टेशनों के बीच दिवा जंक्शन-सावंतवाड़ी पैसेंजर ट्रेन के पटरी से उतरने से 20 यात्रियों की मौत हुई थी और अन्य 100 यात्री घायल हुए थे।

26 मई 2014: उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले में खलीलाबाद स्टेशन के पास गोरखपुर जा रही गोरखधाम एक्सप्रेस के एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा जाने से 25 लोगों की मौत हुई थी और 50 से अधिक लोग घायल हुए थे।

10 जुलाई 2011: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में दिल्ली जाने वाली कालका मेल के 15 डिब्बे पटरी से उतर जाने से 70 लोगों की मौत हुई थी और सैकड़ों लोग घायल हुए थे।

28 मई 2010: पश्चिम बंगाल के पश्चिम मिदनापुर जिले में ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस को माओवादियों ने पटरी से उतार दिया था, जिसमें 148 यात्रियों की मौत हुई थी।

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English summary
Often we all read and hear news related to rail accidents in the news. Let us tell you that some or the other train accident happens every year in India, but in the last 10 years, the number of train accidents has come down significantly while the derailment of the train has increased. In fact, the proportion of derailments to total accidents in 2016-17 was 75%, the highest in 10 years.
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