भारत की लोकसभा में लोकसभा के उपाध्यक्ष को दूसरे सर्वोच्च रैंकिंग विधायी अधिकारी कहा जाता है। वे लोकसभा अध्यक्ष की मृत्यु या बीमारी के कारण छुट्टी या अनुपस्थिति के मामले में पीठासीन अधिकारी के रूप में कार्य करते हैं। बता दें कि लोकसभा उपाध्यक्ष का पद हमेशा विपक्षी दल को ही प्रदान किया जाता है। हालांकि, वर्तमान में कोई लोकसभा का कोई डिप्टी स्पीकर नहीं है।
गौरतलब है कि भारत में लोकसभा उपाध्यक्ष (डिप्टी स्पीकर) से जुड़े अक्सर प्रश्नोत्तर छात्रों से प्रतियोगी परिक्षाओं में पूछे जाते हैं। तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम यही जानने के कोशिश करते हैं कि लोकसभा उपाध्यक्ष कौन होते हैं, इनका क्या काम होता है और भारत में अभी तक कौन कितने लोकसभा डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं।
लोकसभा उपाध्यक्ष से जुड़े प्रश्नोत्तर
1. लोकसभा के प्रथम उपाध्यक्ष कौन थे?
एम. ए. अय्यंगार (मद्रासी अनन्तशयनम् अय्यंगार)
2. लोकसभा के जनक कौन थे?
गणेश वासुदेव मावलंकर
3. लोकसभा में कितने सदस्य होते हैं?
लोकसभा में कुल 543 सदस्य होते हैं।
4. लोकसभा के अध्यक्ष कौन हैं?
वर्तमान में लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला
5. लोकसभा के सीईओ कौन हैं?
पीएम नेरेंद्र मोदी
लोकसभा उपाध्यक्षों की सूची निम्नलिखित है
डिप्टी स्पीकर का नाम | चुनाव क्षेत्र | लोकसभा | पार्टी का नाम | टेन्योर | कब से | कब तक | |
एम. ए. अय्यंगारी | तिरुपति | पहली | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 3 साल, 282 दिन | 30 मई 1952 | 7 मार्च 1956 | |
हुकम सिंह | बठिंडा | दूसरी | 6 साल, 11 दिन | 20 मार्च 1956 | 4 अप्रैल 1957 | ||
17 मई 1957 | 31 मार्च 1962 | ||||||
एस वी कृष्णमूर्ति राव | शिमोगा | तीसरी | 4 साल, 314 दिन | 23 अप्रैल 1962 | 3 मार्च 1967 | ||
रघुनाथ केशव खादिलकर | खेड़ | चौथी | 2 साल, 228 दिन | 28 मार्च 1967 | 11 नवंबर 1969 | ||
जॉर्ज गिल्बर्ट स्वेल | शिलांग | ऑल पार्टी हिल लीडर्स कांफ्रेंस | 7 साल, 40 दिन | 9 दिसंबर 1969 | 18 जनवरी 1977 | ||
4था5वां | |||||||
गोडे मुराहारी | विजयवाड़ा | छठी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 2 साल, 143 दिन | 1 अप्रैल 1977 | 22 अगस्त 1979 | |
जी लक्ष्मणन | चेन्नई उत्तर | सातवीं | द्रविड़ मुनेत्र कड़गम | 4 साल, 30 दिन | 1 दिसंबर 1980 | 31 दिसंबर 1984 | |
एम. थंबीदुरै | धर्मपुरी | आठवीं | अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम | 4 साल, 309 दिन | 22 जनवरी 1985 | 27 नवंबर 1989 | |
शिवराज पाटिल | लातूर | नौवी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 359 दिन | 19 मार्च 1990 | 13 मार्च 1991 | |
एस. मल्लिकार्जुनैया | तुमकुर | 10 वीं | भारतीय जनता पार्टी | 4 साल, 271 दिन | 13 अगस्त 1991 | 10 मई 1996 | |
सूरज भानो | अंबाला | 11 वीं | 1 साल, 145 दिन | 12 जुलाई 1996 | 4 दिसंबर 1997 | ||
पी.एम. सईद | लक्षद्वीप | 12 वीं | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 5 साल, 51 दिन | 17 दिसंबर 1998 | 6 फरवरी 2004 | |
13 वीं | |||||||
चरणजीत सिंह अटवाल | फिल्लौरी | 14 वीं | शिरोमणि अकाली दल | 4 साल, 343 दिन | 9 जून 2004 | 18 मई 2009 | |
करिया मुंडा | खुंटी | 15 वीं | भारतीय जनता पार्टी | 4 साल, 349 दिन | 3 जून 2009 | 18 मई 2014 | |
एम. थंबीदुरै | करूर | 16 वीं | अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम | 4 साल, 285 दिन | 13 अगस्त 2014 | 25 मई 2019 | |
कोई नहीं | - | 17 वीं | - | 3 साल, 33 दिन | 23 जून 2019 | - |
लोकसभा उपाध्यक्ष चुनाव
लोकसभा सदस्यों के पांच साल की अवधि के लिए आम चुनाव के बाद लोकसभा की पहली बैठक में उपाध्यक्ष का चुनाव किया जाता है। वे तब तक पद पर बने रहते हैं जब तक या तो वे लोकसभा के सदस्य नहीं रह जाते हैं या वे इस्तीफा दे देते हैं। लोकसभा में उसके सदस्यों के प्रभावी बहुमत से पारित एक प्रस्ताव द्वारा उन्हें पद से हटाया जा सकता है। प्रभावी बहुमत में, रिक्तियों को हटाने के बाद बहुमत 50% या सदन की कुल संख्या के 50% से अधिक होना चाहिए। चूंकि उपाध्यक्ष लोकसभा के लिए जवाबदेह होता है, इसलिए लोकसभा में प्रभावी बहुमत से ही उन्मूलन किया जाता है। अपनी मूल पार्टी से इस्तीफा देने की कोई आवश्यकता नहीं है, हालांकि एक उपाध्यक्ष के रूप में, उन्हें निष्पक्ष रहना होगा।
लोकसभा उपाध्यक्ष की शक्तियां और कार्य
अध्यक्ष की अनुपस्थिति में, उपाध्यक्ष लोकसभा के सत्रों की अध्यक्षता करता है और सदन में कार्य का संचालन करता है। वह तय करता है कि कोई विधेयक धन विधेयक है या गैर-धन विधेयक। वे लोकसभा में अनुशासन और मर्यादा बनाए रखते हैं और किसी सदस्य को निलंबित करके उसे अनियंत्रित व्यवहार के लिए दंडित कर सकते हैं। वे अविश्वास प्रस्ताव, स्थगन प्रस्ताव, निंदा प्रस्ताव और ध्यानाकर्षण नोटिस जैसे विभिन्न प्रकार के प्रस्तावों और प्रस्तावों को पेश करने की अनुमति देते हैं।