Karnataka's New Chief Minister Siddaramaiah: कर्नाटक में भारी बहुमत से जीत हासिल करने के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पद पर पांच दिनों के गहन मंथन के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया को प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के रूप में चुन लिया है। वहीं कांग्रेस के लोकप्रिय नेता डीके शिवकुमार उप मुख्यमंत्री के रूप में नामित किया गया।
आपको बता दें कि कांग्रेस के आलाकमान ने दोनों नेताओं के लिए बारी-बारी से ढाई साल का कार्यकाल तय किया है। यह निर्णय दक्षिणी राज्य कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी द्वारा जोरदार जीत दर्ज करने के बाद लिया गया। मुख्यमंत्री बनने की रेस में सिद्धरामैया और डीके शिवकुमार दोनों ही समान रूप से आगे थें, हालांकि अंतिम निर्णय आलाकमान द्वारा लिया गया। प्राप्त जानकारियों के अनुसार, नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण 20 मई को बेंगलुरु में होगा।
इससे पहले बीते बुधवार को कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री के बारे में आज या कल फैसला किया जाएगा और 72 घंटे के भीतर नया मंत्रिमंडल बन जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पार्टी द्वारा गुरुवार शाम को करीब 7 बजे कांग्रेस विधायक दल की एक बैठक बुलाई गई है। माना जा रहा है कि इसके बाद मंत्रिमंडल के विस्तार पर चर्चा की जायेगी और जल्द ही मंत्रालय का विभाजन किया जायेगा।
मुख्यमंत्री के लिए रोटेशन फॉर्मूला
कांग्रेस पार्टी ने दोनों नेताओं को राज्य की जनता की सेवा का मौका देने का फैसला किया है। इसके लिए पार्टी रोटेशन फॉर्मूले पर सहमत होने के फैसले पर पहुंच गई है। अर्थात सिद्धारमैया 2.5 साल की अवधि के लिए सीएम रहेंगे, जिसके बाद अगले ढाई वर्ष के लिए शिवकुमार सीएम का पद संभालेंगे।
स्पष्ट समर्थन में सिद्धारमैया आगे
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कुल 135 सीटों पर शानदार जीत हासिल की। कांग्रेस के पर्यवेक्षकों द्वारा पार्टी आलाकमान को भेजी गई एक रिपोर्ट के अनुसार, वकील से राजनेता बने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के पास स्पष्ट रूप से 85 विधायकों का समर्थन था। वहीं कनकपूरा से आठ बार विधायक रह चुके कद्दावर और बागी नेता डीके शिवकुमार पर चल रहे मुकद्दमें और बहुमत संख्या में विधायकों का समर्थन ना होने के कारण एवं पार्टी में सीएम के चेहरे को लेकर और अधिक कलह ना हो इसके लिए पार्टी हाईकमान ने पहले मुख्यमंत्री के रूप में सिद्धारमैया को चुना है, ताकि अपने कार्यकाल के दौरान दोनों नेता मिलकर राज्य को एक स्थिर सरकार दे सके।
सिद्धारमैया के राजनीतिक करियर की शुरुआत
जनता दल परिवार के साथ सिद्धारमैया ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1985 में की थी। 75 वर्षीय कुरुबा नेता सिद्धारमैया एचडी देवेगौड़ा की पार्टी जनता दल (सेक्युलर) से निकाले जाने के बाद वर्ष 2005 में कांग्रेस में शामिल हो गए। कहा जाता है कि कर्नाटक राज्य में दलित, पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यकों के बीच सिद्धारमैया की पकड़ सबसे अच्छी है। इसलिए भी उनको राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जाना आवश्यक था।
अपना कार्यकाल पूरा करने वाले दूसरे मुख्यमंत्री
कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत से ही काफी प्रसिद्ध रहें। सिद्धारमैया ने जनता दल (सेक्यूलर) में रहते हुए कुल चार बार विधानसभा चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें दो बार जीत हासिल हुई और दो बार हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2006 में राज्य में उपचुनावों के दौरान वे कर्नाटक कांग्रेस में शामिल हुए और कुल छह बार विधानसभा चुनाव के लिए खड़े हुए, जिसमें वर्ष 2018 में वे चामुंडेश्वरी सीट से हार गये। जनता दल में पहली बार 1996 से लेकर 1999 तक और 2004 से लेकर 2005 तक सिद्धारमैया ने उपमुख्यमंत्री का पद संभाला।
वर्ष 2013 में उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर वरूणा सीट से पहली बार चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। वरूणा सीट से जीत हासिल करने के बाद ही सिद्धारमैया पहली बार कांग्रेस के मुख्यमंत्री बनें। इस बार भी उन्होंने वरूणा सीट से ही जीत हासिल की है और उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है।
जानकारी के लिए बता दें कि कर्नाटक पांचवीं विधानसभा चुनाव के बाद डी देवराज उर्स पहली बार कांग्रेस के मुख्यमंत्री बनें। उन्होंने वर्ष 1972 से 1977 तक अपना कार्यकाल पूरा किया और अपना कार्यकाल पूरा करने वाले प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बनें। पूर्व मुख्यमंत्री डी देवराज उर्स के बाद पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले सिद्धारमैया दूसरे मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने 2013 से लेकर 2018 तक अपना कार्यकाल पूरा किया।
कर्नाटक में कितनी बार लगा है राष्ट्रपति शासन
कर्नाटक राज्य में पहली बार राष्ट्रपति शासन 19 मार्च 1971 को लगाया गया था, जो कि 20 मार्च 1972 तक चला था। इसके बाद राज्य में दूसरी बार राष्ट्रपति शासन 31 दिसंबर 1977 से 28 फरवरी 1978 तक, तीसरी बार राष्ट्रपति शासन 21 अप्रैल 1989 से 30 नवंबर 1989 तक, चौथी बार राष्ट्रपति शासन 10 अक्टूबर 1990 से 17 अक्टूबर 1990 तक, पांचवीं बार राष्ट्रपति शासन 8 अक्टूबर 2007 से 12 नवंबर 2007 तक लगाया गया था। वहीं राज्य में आखिरी बार राष्ट्रपति शासन 20 नवंबर 2007 से लेकर 29 मई 2008 तक अर्थात 191 दिनों के लिए लगाया गया था।
जानिए आजादी से लेकर अब तक के मुख्यमंत्रियों की सूची
संख्या | मुख्यमंत्री | तारीख से | तारीख तक | पार्टी |
---|---|---|---|---|
1 | बसवराज बोम्मई | 28 जूलाई 2021 | अब तक | भाजपा |
2 | बी एस येदियुरप्पा | 26 जूलाई 2019 | 28 जूलाई 2021 | भाजपा |
3 | एचडी कुमारास्वामी | 23 मई 2018 | 23 जूलाई 2019 | जेडी(एस) |
4 | बी एस येदियुरप्पा | 17 मई 2018 | 23 मई 2018 | भाजपा |
5 | सिद्धारमैया | 13 मई 2013 | 15 मई 2018 | आईएनसी |
6 | जगदीश शेट्टार | 12 जूलाई 2012 | 12 मई 2013 | भाजपा |
7 | डीवी सदानंदा गौड़ा | 04 अगस्त 2011 | 12 जूलाई 2012 | भाजपा |
8 | बी एस येदियुरप्पा | 30 मई 2008 | 31 जूलाई 2011 | भाजपा |
9 | राष्ट्रपति शासन | 20 नवंबर 2007 | 27 मई 2008 | - |
10 | बी एस येदियुरप्पा | 12 नवंबर 2007 | 19 नवंबर 2007 | भाजपा |
11 | राष्ट्रपति शासन | 09 अक्टूबर 2007 | 11 नवंबर 2007 | - |
12 | एचडी कुमारास्वामी | 03 फरवरी 2006 | 08 अक्टूबर 2007 | जेडी(एस) |
13 | धरम सिंह | 28 मई 2004 | 28 जनवरी 2006 | आईएनसी |
14 | एसएम कृष्णा | 11 अक्टूबर 1999 | 28 मई 2004 | आईएनसी |
15 | जेएच पटेल | 31 मई 1996 | 07 अक्टूबर 1999 | जेडी(एस) |
16 | एचडी देवे गौड़ा | 11 दिसंबर 1994 | 31 मई 1996 | जेडी(एस) |
17 | एम वीरप्पा मोइली | 19 नवंबर 1992 | 11 दिसंबर 1994 | आईएनसी |
18 | एस बांगरप्पा | 17 अक्टूबर 1990 | 19 नवंबर 1992 | आईएनसी |
19 | राष्ट्रपति शासन | 10 अक्टूबर 1990 | 17 अकटूबर 1990 | - |
20 | वीरेंद्र पाटिल | 30 नवंबर 1989 | 10 अक्टूबर 1990 | आईएनसी |
21 | राष्ट्रपति शासन | 21 अप्रैल 1989 | 30 नवंबर 1989 | - |
22 | एसआर बोमई | 13 अगस्त 1988 | 21 अप्रैल 1989 | जेएनपी |
23 | रामकृष्ण हेगड़े | 16 फरवरी 1986 | 10 अगस्त 1988 | जेएनपी |
24 | रामकृष्ण हेगड़े | 08 मार्च 1985 | 13 फरवरी 1986 | जेएनपी |
25 | रामकृष्ण हेगड़े | 10 जनवरी 1983 | 29 दिसंबर 1984 | जेएनपी |
26 | आर गुंडू राव | 12 जनवरी 1980 | 06 जनवरी 1983 | आईएनसी |
27 | डी देवाराज उर्स | 28 फरवरी 1978 | 07 जनवरी 1980 | आईएनसी |
28 | राष्ट्रपति शासन | 31 दिसंबर 1977 | 28 फरवरी 1978 | - |
29 | डी देवाराज उर्स | 20 मार्च 1972 | 31 दिसंबर 1977 | आईएनसी |
30 | राष्ट्रपति शासन | 19 मार्च 1971 | 20 मार्च 1972 | - |
31 | वीरेंद्र पाटिल | 29 मई 1968 | 18 मार्च 1971 | आईएनसी |
32 | एस निजालिंगप्पा | 21 जून 1962 | 28 मई 1968 | आईएनसी |
33 | एस आर कांति | 14 मार्च 1962 | 20 जून 1962 | आईएनसी |
34 | बीडी जट्टी | 16 मई 1958 | 09 मार्च 1962 | आईएनसी |
35 | एस निजालिंगप्पा | 01 नवंबर 1956 | 16 मई 1958 | आईएनसी |
36 | कडिडाल मंजप्पा | 19 अगस्त 1956 | 31 अक्टूबर 1956 | आईएनसी |
37 | के हनुमंथैया | 30 मार्च 1952 | 19 अगस्त 1956 | आईएनसी |
38 | के चेंगलरैया रेड्डी | 25 अक्टूबर 1947 | 30 मार्च 1952 | आईएनसी |