जमशेदजी टाटा को "भारतीय उद्योग का जनक" कहा जाता है। जिन्होंने 1870 के दशक में मध्य भारत में एक कपड़ा मिल के साथ शुरुआत की। वे सिर्फ एक उद्यमी नहीं थे बल्कि जमशेदजी टाटा एक देशभक्त और मानवतावादी मनुष्य थे, जिनके आदर्शों और दूरदर्शिता ने एक असाधारण व्यापारिक समूह को आकार दिया। जमशेदजी की दृष्टि ने भारत में इस्पात और बिजली उद्योगों को प्रेरित किया, तकनीकी शिक्षा की नींव रखी और भारत को औद्योगिक देशों की लीग में अपनी जगह बनाने में मदद की।
बता दें, जमशेदजी टाटा उस विशाल औद्योगिक साम्राज्य के संस्थापक थे जो आज पूरी दुनिया में सुर्खियों में है। उन्होंने बहुत कम उम्र में व्यवसाय में अपना करियर शुरू कर दिया था। जिसमें की उनके जोश और समर्पण से उनके व्यवसाय को सफलता की सीढ़ी चढ़ने और ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद मिली। जमशेदजी टाटा भारतीय उद्यमी और एक उद्योगपति थे जो भारतीय उद्योग में अपने अग्रणी काम के लिए जाने जाते थे।
जमशेदजी टाटा जीवनी: Jamsetji Tata Biography in Hindi UPSC
1. जमशेदजी टाटा का पूरा नाम क्या था?
जमशेदजी नसरवानजी टाटा
2. जमशेदजी टाटा का जन्म कब और कहां हुआ?
उनका जन्म 3 मार्च 1839 में गुजरात के एक छोटे से कस्बे नवसारी में हुआ था।
3. जमशेदजी के माता-पिता का क्या नाम था?
उनके पिता का नाम नौशेरवांजी व उनकी माता का नाम जीवनबाई टाटा था।
4. जमशेदजी टाटा कौन सी जाति के थे?
जमशेदजी टाटा और उनका परिवार पारसियों के अल्पसंख्यक समूह का हिस्सा थे, जो ईरान में पारसी लोगों के उत्पीड़न से भागकर भारत आए थे।
5. जमशेदजी टाटा कितनी वर्ष की आयु में मुंबई आए थे?
जमशेदजी 14 वर्ष की उम्र में बॉम्बे (मुंबई) गए और एलफिंस्टन कॉलेज में दाखिला लिया और सन् 1858 में "ग्रीन स्कॉलर" के रूप में उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी की - जो आज के स्नातक स्तर के बराबर है।
6. जमशेदजी टाटा ने अपनी पहली फैक्ट्री कब लगाई?
जमशेदजी टाटा ने 14 वर्ष की उम्र में अपने पिता के साथ मुंबई में हाथ बंटाना शुरू किया और वहीं ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की और ग्रेजुएट होने के करीब 10 साल बाद 1868 में अपना पहला वेंचर शुरू किया।
7. जमशेदजी टाटा की पत्नी का क्या नाम था?
जमशेदजी की पत्नी का नाम हीराबाई डब्बू था।
8. जमशेदजी टाटा के कितने बच्चे थे?
जमशेदजी टाटा के दो बेटे थे- दोराबजी टाटा और रतनजी टाटा।
9. जमशेदजी टाटा का निधन कब और कहां हुआ?
जमशेदजी का निधन 19 मई 1904 को बैड नौहेम नामक जगह पर हुआ। जहां उन्हें इंग्लैंड के वोकिंग के ब्रुकवुड कब्रिस्तान में पारसी कब्रिस्तान में दफनाया गया।
10. जमशेदजी टाटा के नाम पर किस शहर की स्थापना हुई?
जमशेदजी टाटा के नाम पर झारखंड स्थित जमशेदपुर शहर की स्थापना की गई।
जमशेदजी टाटा का व्यावसायिक करियर
• जमशेदजी टाटा ने सन् 1858 में स्नातक होने के बाद अपने पिता की व्यापारिक फर्म में शामिल हो गए। बदा दें कि उस समय भारत अंग्रजों का गुलाम था और आजादी के लिए संघर्ष कर रहा था।
• उनके पिता के पास एक निर्यात-व्यापारिक फर्म थी, भले ही वो दौर व्यवसाय के लिए कठिन समय था लेकिन जमशेदजी ने कड़ी मेहनत की और जापान, चीन, यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में अपनी पिता की फर्म कि शाखाएं स्थापित करने में मदद की।
• उन्होंने अपने पिता के व्यवसाय का विस्तार करने की कोशिश करते हुए पूरी दुनिया में बड़े पैमाने पर यात्रा की और इसके परिणामस्वरूप उन्हें बहुत मूल्यवान ज्ञान और अनुभव प्राप्त हुआ। उन्होंने महसूस किया कि भारतीय कंपनियों के लिए ब्रिटिश वर्चस्व वाले उद्योगों के विकास और प्रतिस्पर्धा के लिए जबरदस्त गुंजाइश थी।
• उन्होंने 1868 में एक व्यापारिक कंपनी कि स्थापना की जो अंततः टाटा समूह के रूप में विकसित हुया। सन् 1869 में उन्होंने चिंचपोकली में एक दिवालिया मिल खरीदी और इसका नाम बदलकर 'एलेक्जेंड्रा मिल' कर दिया जिसे उन्होंने दो साल बाद लाभ के लिए बेच दिया।
• जमशेदजी टाटा को कपड़ा उद्योग में बहुत दिलचस्पी थी और उन्होंने 1874 में नागपुर में एक सूती मिल की स्थापना की। जब 1877 में महारानी विक्टोरिया को भारत की साम्राज्ञी घोषित किया गया, तो उन्होंने मिल का नाम "एम्प्रेस मिल" रखा।
• जमशेदजी टाटा ने बम्बई और कूर्ला में भी मिलों की स्थापना की। उनके उद्यम न केवल उनकी दक्षता और लाभप्रदता के लिए, बल्कि श्रम-सुरक्षा नीतियों के लिए भी जाने जाते थे।
• जमशेदजी टाटा के जीवन में चार लक्ष्य थे: एक लोहा और इस्पात कंपनी की स्थापना करना, एक विश्व स्तरीय शिक्षण संस्थान खोलना जो भारतीयों को विज्ञान की शिक्षा दें, एक अद्वितीय होटल खोलना और एक हाइड्रो-इलेक्ट्रिक प्लांट लगाना।
• जमशेदजी टाटा अपने जीते हुए एक ही लक्ष्य पूरा कर पाए वो भी होटल खोलने का उन्होंने सन् 1903 में मुबंई शहर में ताजमहल प्लैस (ताज होटल) का श्रीगणेश किया जो कि उस समय का एकमात्र ऐसा होटल था जिसमें बिजली आती थी।
• वह एक आदर्शवादी और परोपकारी व्यक्ति थे, जिन्होंने सन् 1892 में जेएन टाटा एंडोमेंट की स्थापना की, जिसने भारतीय छात्रों को जाति और पंथ की परवाह किए बिना इंग्लैंड में उच्च अध्ययन करने में सक्षम बनाया।
• जमशेदजी टाटा ने सन् 1898 में बैंगलोर में एक भारतीय विज्ञान संस्थान के लिए जमीन दान करते हुए उसका खाका तैयार किया, जिसके लिए उन्होंने लॉर्ड कर्जन और स्वामी विवेकानंद जैसे कई शक्तिशाली लोगों के समर्थन का अनुरोध किया लेकिन इसके बावजूद ये संस्था उनके जीवनकाल में अस्तित्व में नहीं आ सकी।
• भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) को अंततः उनके उत्तराधिकारियों द्वारा उनकी मृत्यु के वर्षों बाद स्थापित किया गया था। आज आईआईएससी को व्यापक रूप से अपने क्षेत्र में भारत का सबसे बेहतरीन विज्ञान संस्थान माना जाता है।
• 1900 के दशक की शुरुआत में उन्होंने एक जलविद्युत ऊर्जा संयंत्र और बड़े पैमाने पर लोहे के काम के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं बनाई। हालांकि, वह इन उद्यमों को स्थापित करने के अपने सपने को साकार नहीं कर सके क्योंकि 1904 में उनकी अप्रत्याशित रूप से मृत्यु हो गई।
जमशेदजी टाटा को किस लिए याद किया जाता है?
जमशेदजी टाटा को टाटा समूह बनाने के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है जो कि आज भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक समूह और बहुराष्ट्रीय कंपनी है। जिस कंपनी की स्थापना 1868 में एक व्यापारिक चिंता के रूप में की गई थी, वर्तमान में टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), टाटा पावर और टाटा केमिकल्स सहित 100 से अधिक ऑपरेटिंग कंपनियां हैं।