INS Mormugao Features: भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए आज 18 दिसंबर 2022 को युद्धपोत आईएनएस मोरमुगाओ को नौसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा। आईएनएस मोरमुगाओ रक्षा क्षमता को काफी मजबूत करेगा और हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री कौशल को बढ़ाएगा। इस स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस मोरमुगाओ का परिचालन ऐसे समय में किया जा रहा है, जब चीन भारत को घेरने की तैयारी कर रहा है। आइए जानते हैं युद्धपोत आईएनएस मोरमुगाओ के बारे में रोचक और महत्वपूर्ण तथ्य।
स्वदेशी उपकरणों से बना आईएनएस मोरमुगाओ
नौआईएनएस मोरमुगाओ के कार्यकारी अधिकारी कमांडर अंशुल शर्मा ने कहा कि स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मोरमुगाओ को रविवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा। गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मोरमुगाओ तैनाती के लिए पूरी तरह तैयार है।आईएनएस मोरमुगाओ के निर्माण में 70 प्रतिशत स्वदेशी उपकरणों का उपयोग किया गया है।
बड़े युद्धपोत बनाने की भारत की क्षमता बढ़ी
कमांडर ने कहा कि यह पोत इस बात का प्रतीक है कि बड़े युद्धपोत बनाने की हमारी क्षमता काफी बढ़ गई है। अंशुल शर्मा ने बताया कि नौसेना ने 2011 में इस युद्धपोत के निर्माण के लिए समझौता किया था। 2016 में इसका जलावतरण किया गया। अब इस युद्धपोत को इसके सभी उपकरणों और सेंसरों के साथ नौसेना के बेड़े में शामिल कर लिया जाएगा।
हिंद महासागर में भारत की सामरिक क्षमता बढ़ेगी
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि आइएनएस मार्मुगाव को नौसेना के बेड़े में शामिल किए जाने से हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की सामरिक क्षमता बहुत बढ़ जाएगी। स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक आईएनएस मोरमुगाओ को रविवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा। इस युद्धपोत के बारे में आपको पांच बातें जरूर जाननी चाहिए।
1) आईएएनएस मोरमुगाओ प्रोजेक्ट 15B के तहत दूसरा स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल विध्वंसक है। आईएएनएस विशाखापत्तनम को पिछले साल 21 नवंबर को पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल किया जा चुका है। प्रोजेक्ट 15बी के चार जहाजों के अनुबंध पर 2011 में हस्ताक्षर किए गए थे।
2) गोयन शहर मोरमुगाओ के नाम पर इसका नाम रखा गया है। नौसेना का यह युद्धपोत 163 मीटर लंबा और 17 मीटर चौड़ा है। जब यह पूरी तरह से लोड हो जाता है तो 7,400 टन का विस्थापन होता है और इसकी अधिकतम गति 30 समुद्री मील होती है।
3) आईएनएस मोरमुगाओ को युद्धपोत डिज़ाइन ब्यूरो भारतीय नौसेना के इन-हाउस संगठन द्वारा डिज़ाइन किया गया। मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स द्वारा निर्मित, परियोजना के चार जहाजों का नाम प्रमुख शहरों के नाम पर रखा गया है। वह शहर हैं - विशाखापत्तनम, मोरमुगाओ, इंफाल और सूरत।
4) जहाज का निर्माण स्वदेशी स्टील डीएमआर 249 ए का उपयोग करके किया गया है और यह भारत में निर्मित सबसे बड़े युद्धपोत में से एक होगा।
5) भारतीय नौसेना का कहना है कि परियोजना की कुल स्वदेशी सामग्री लगभग 75 प्रतिशत है। यह युद्धपोत प्रमुख स्वदेशी हथियारों से लैस है।
6) आईएनएस मोरमुगाओ में मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलें हैं।
7) आईएनएस मोरमुगाओ में सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस और बराक-8 मिसाइल है।
8) यह युद्धपोत स्वदेशी टारपीडो ट्यूब लांचर से लैस है।
9) इस पनडुब्बी में स्वदेशी रॉकेट लांचर है और यह 76 मिमी सुपर रैपिड गन माउंट से लैस है।
10) मोरमुगाओ की नीव जून 2015 में रखी गई थी और इसे 17 सितंबर 2016 को लॉन्च किया गया था। यह गोवा लिबरेशन डे की सालगिरह पर पिछले साल 19 दिसंबर को पहली समुद्री यात्रा के लिए निकला था।
11) आईएनएस मोरमुगाओ पोत की खासियत यह है कि इसे शक्तिशाली चार गैस टर्बाइन से गति मिलती है। जिसके कारण इस पोत को 30 समुद्री मील से अधिक की गति प्राप्त करने में मदद मिलती है।
12) आईएनएस मोरमुगाओ को देश में ही विकसित किया गया है। इस युद्धपोत में रॉकेट लॉन्चर, तारपीडो लॉन्चर और एसएडब्लू हेलीकॉप्टर की व्यवस्था भी की गई है।
13) पोत आणविक, जैविक और रासायनिक युद्ध के दौरान भारतीय सेना को बल प्रदान करेगा।
14) इस पोत में इस्राइल का रडार एमएफ-स्टार भी लगाया गया है, जो हवा में ही अपने लक्ष्य को भेद लेगा।
15) 127 मिलीमीटर गन से लैस होने के कारण मोरमुगाओ 300 किमी दूर से लक्ष्य को भेद सकता है।