Independence Day 2022: कौन थी वेलु नचियार जिन्होंने की थी ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ युद्ध की शुरुआत

भारत की आजादी की लड़ाई में बहुत से लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलन में अलग-अलग तरह से भाग लिया था। तो आइए आज के इस आर्टिकल में हम ये जानते हैं कि ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ सबसे पहले किस महिला ने युद्ध छेड़ा था। ईस्ट इंडिया कंपनी वही कंपनी है जिसके द्वारा अंग्रेजों ने भारत में कदम रखा था और धीरे-धीरे करकर पूरे देश पर कई वर्षों तक राज किया था।

रानी वेलु नचियार भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ युद्ध छेड़ने वाली पहली भारतीय रानी थी। वे 1780 से 1790 तक शिवगंगा रियासत की रानी थी। उन्हें तमिल लोगों द्वारा वीरमंगई ("बहादुर महिला") के रूप में भी जाना जाता है। रानी वेलु नचियार ने हैदर अली की सेना, मारुथु ब्रदर्स, दलित कमांडरों और थंडावरायण पिल्लई के समर्थन से ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।

कौन थी वेलु नचियार जिन्होंने की थी ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ युद्ध की शुरुआत

वेलु नचियार जीवनी

रामनाथपुरम की राजकुमारी वेलु नचियार, राजा चेल्लामुथु विजयरागुनाथ सेतुपति और रामनाद साम्राज्य की रानी सकंधिमुथथल की इकलौती संतान थी। नचियार को युद्ध के कई तरीकों में प्रशिक्षित किया गया था, जिसमें युद्ध मैच हथियारों के उपयोग, मार्शल आर्ट जैसे वलारी, सिलंबम, घुड़सवारी और तीरंदाजी शामिल थे। वह कई भाषाओं की विद्वान थी जैसे फ्रेंच, अंग्रेजी और उर्दू। रानी वेलु नचियार का विवाह शिवगंगई नामक राजा से हुआ था, जिससे उनकी एक बेटी हुई थी।

1780 में मुथु वदुगनाथ पेरियावुदया थेवर के साथ युद्ध में रानी वेलु नचियार के पति शिवगंगई मारे गए, जिसके बाद वे संघर्ष में आ गई और फिर उन्होंने हैदर अली की मदद मांगी। हैदर अली ने 5,000 सैनिकों और बारूद के हथियारों से वेलु नचिसार की मदद की। शुरूआत में हैदर अली ने मदद के लिए मना कर दिया था लेकिन बाद में सैनिकों, हथियारों और प्रशिक्षण के साथ उसकी मदद करने के लिए तैयार हो गए थे। वेलू नचियार ने युद्ध के लिए कई अमीर व्यापारियों की भी मदद मांगी थी।

वेलू नचियार को वह जगह मिलने के बाद जहां ईआसी के गोला-बारूद जमा थे उनके कमांडर कुयली ने गोला-बारूद डिपो पर आत्मघाती हमला किया। जिसके बाद नचियार ने अपने पति के राज्य को फिर से प्राप्त किया, और दस वर्षों तक वहां की रानी बनकर शासन किया।
1790 में उनकी बेटी वेल्लाची को उनका उत्तराधिकारी बनाया गया। रानी वेलू नचियार ने राज्य के प्रशासन में मदद करने के लिए अपनी बेटी को मारुडु भाइयों के साथ शक्तियां प्रदान की। कुछ साल बाद 25 दिसंबर 1796 को वेलू नचियार की मृत्यु हो गई।

रानी वेलु नचियार से जुड़ी प्रमुख बातें

• 31 दिसंबर 2008 को, उनके नाम पर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया गया था।
• चेन्नई की ओवीएम नृत्य अकादमी शिवगंगा रानी पर "वेलु नचियार" एक भव्य नृत्य बैले प्रस्तुत करती है।
• तमिल-अमेरिकी हिप-हॉप कलाकार, प्रोफेसर ए.एल.आई. ने 2016 में अपने तमिलमेटिक एल्बम के हिस्से के रूप में वेलु नचियार को समर्पित एक गीत "अवर क्वीन" रिलिज किया।
• 21 अगस्त 2017 को, चेन्नई में नारद गण सभा में रानी वेलु नचियार के जीवन इतिहास को दर्शाते हुए एक भव्य नृत्य बैले का आयोजन किया। नाटक का निर्देशन श्रीराम शर्मा ने किया था, जिन्होंने लगभग एक दशक तक रानी के जीवन इतिहास पर शोध किया था।

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English summary
Rani Velu Nachiyar was the first Indian queen to wage war against the East India Company in India. She was the queen of the princely state of Sivaganga from 1780 to 1790. She is also known as Veeramangai ("Brave Woman") by Tamil people. Rani Velu Nachiyar fought against the East India Company with the support of Hyder Ali's army, the Maruthu Brothers, Dalit commanders and Thandavarayana Pillai.
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