बिहार को क्यों नहीं मिल सकता है विशेष राज्य का दर्जा?

बिहार को क्यों नहीं मिल सकता है विशेष राज्य का दर्जा? बिहार में जब-जब चुनाव आते हैं तब-तब सभी पार्टियां जनता को लोक लुभावन वादे करते समय कहती हैं कि वो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलायेंगे, लेकिन ऐसा तब तक नहीं संभव है, जब तक विशेष राज्य का दर्जा देने वाले नियमों में बदलाव नहीं होंगे।

बिहार को क्यों नहीं मिल सकता है विशेष राज्य का दर्जा?

क्या है विशेष राज्य का दर्जा देने के नियम?

भारत में राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) द्वारा किसी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए कुछ नियम तय किए गए हैं। नियमों के अनुसार, किसी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए उसमें निम्नलिखित विशेषताएं शामिल होनी अनिवार्य है।

(i) पहाड़ी और कठिन भूभाग (hilly and difficult terrain)
(ii) कम जनसंख्या घनत्व और/या जनजातीय आबादी का बड़ा हिस्सा (low population density and/or sizeable share of tribal population)
(iii) पड़ोसी देशों के साथ सीमाओं पर रणनीतिक स्थान (strategic location along borders with neighboring countries)
(iv) आर्थिक और ढांचागत पिछड़ापन (economic and infrastructural backwardness)
(v) राज्य वित्त की गैर-व्यवहार्य प्रकृति (on-viable nature of state finances)

किसी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने का निर्णय ऊपर सूचीबद्ध सभी कारकों और राज्य की विशिष्ट स्थिति के एकीकृत विचार के आधार पर लिया जाता है।

बता दें कि अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) ने 30 मार्च, 2012 को विशेष श्रेणी का दर्जे देने के लिए बिहार के अनुरोध पर एक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। जिसमें कीआईएमजी ने निष्कर्ष निकाला कि मौजूदा एनडीसी मानदंडों के आधार पर बिहार के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा नहीं दिया जा सकता है। यदि वाकाई में सरकार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाना चाहती है तो सबसे पहले विशेष राज्य का दर्जा देने के नियम में बदलाव करना होगा।

इसके अलावा, जहां तक बिहार का प्रश्न है, यह ठीक है कि वह नेपाल सीमा से जुड़ता है, लेकिन उसकी आर्थिक हैसियत अब पहले जितनी कमजोर नहीं रही। इस हिसाब से तो पहले उड़ीसा या छत्तीसगढ़ को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए, ताकि वहां समुचित विकास हो सके। विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के पीछे मूल भावना यह होती है कि पिछड़ा हुआ राज्य अपने लोगों के जीवन का समुचित विकास कर सके। बिहार उस तरह से पिछड़ा नहीं है।

दरअसल, इस तरह की मांग करके पार्टी अपनी राजनीतिक जड़ें मज़बूत करने की कोशिश में हैं। उन्हें यह बात अच्छी तरह से मालूम है कि बिहार से बाहर के राज्यों के राजनेता भी इस मामले में उनका विरोध इसलिए नहीं करेंगे कि वोट की राजनीति भला कौन नहीं करना चाहता।

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English summary
Whenever elections come in Bihar, all the parties while making populist promises to the public say that they will get special status for Bihar, but this is not possible until the special status is given in the rules. There will be no changes. What are the rules for granting special status?
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