Aditya L1 Handbook: आदित्य एल-1 से जुड़े 30 तथ्‍य छात्रों को जरूर याद कर लेने चाहिए

Aditya L1 Handbook For Students: हाल ही में इसरो का मून मिशन चंद्रयान 3 सफल हुआ है। अब इसरो (ISRO) आगे बढ़ते हुए अपने पहले सूर्य मिशन की तैयारी कर रहा है। 2 सितंबर 2023 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से भारत का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल 1 लॉन्च किया जाएगा।

आदित्य एल 1 एक उपग्रह है जो सूर्य का अध्ययन करेगा। भारत के सौर मिशन आदित्य एल-1 (Aditya L1) पर पूरे विश्व की नजर टिकी हुई है। चंद्रयान 3 की सफलता के बाद से ही भारत स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी पर विश्व की अन्य स्पेस एजेंसियां अपनी नजर बनाए हुए है। भारत एक के बाद एक उपलब्धि प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।

Aditya L1 Handbook: आदित्य एल-1 से जुड़े 30 तथ्‍य छात्रों को जरूर याद कर लेने चाहिए

आदित्य एल 1 इस समय का सबसे महत्वपूर्ण विषय है, जिस पर सभी का ध्यान केंद्रीत है। स्कूलों में होने वाले क्विज (Aditya L1 Quiz) और यूपीएससी, एसएससी जैसी आयोजित होने वाली ढ़ेरों प्रतियोगिता परीक्षाओं (Competitive Exam Question Related to Aditya L1) में इस विषय से संबंधित प्रश्न पूछे जा सकते हैं। आदित्य एल 1 इस समय का करेंट हॉट टॉपिक है, इसलिए आपको इसके बारे में और इससे जुड़े तथ्य (Important Fact About ADITYA L1) को जानना आवश्यक है, क्योंकि प्रतियोगिता परीक्षाओं में आने वाले सबसे अधिक प्रश्न करेंट अफेयर्स से होते हैं। आज से समय में अपनी जीके मजबूत करना सभी के लिए महत्वपूर्ण है।

यदि आप भी अपनी जनरल नॉलेज अच्छी करना चाहते हैं और स्कूलों में करेंट अफेयर्स के टॉपिक पर लिखे जाने वाले निबंध, क्विज और अन्य प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना चाहते हैं तो विषय से जुड़ी पूरी जानकारी होनी चाहिए। आपकी इसमें सहायता करने के लिए करियर इंडिया लाया है आदित्य एल 1 पर छात्रों के लिए हैंडबुक, जहां आपको मिलेगी आदित्य एल 1 से संबंधित पूरी जानकारी।

इसरो आदित्य एल-1 से संबंधित सब कुछ यहां

• आदित्य एल-1 भारत का पहला सूर्य मिशन है।
• ये मिशन सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित भारतीय वेधशाला है।
• आदित्य एल 1 अपने लॉन्च के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसरो द्वारा दी जानकारी के अनुसार आदित्य एल-1 2 सितंबर 2023 को सुबह 11:50 पर लॉन्च किया जाएगा।
• चंद्रयान की तरह ही इसरो आदित्य एल-1 का लाइव टेलीकास्ट करने वाला है। जिसे आप इसरो के फेसबुक, यूट्यूब, आधिकारिक वेबसाइट और डीडी नेशनल टीवी चैनल पर देख पाएंगे।
• ये उपग्रह यू आर राव सैटेलाइट सेंटर, बेंगलुरू द्वारा साकार किया गया है।
• इसरो के सूर्य मिशन आदित्य का नाम सूर्य के कोर के नाम पर आधारित करके रखा गया है।
• आदित्य के आगे एल-1 इसलिए जोड़ा गया है क्योंकि ये एल 1 यानी लैंग्रेज पॉइंट 1 पर रखा जाएगा।

Aditya L1 Handbook: आदित्य एल-1 से जुड़े 30 तथ्‍य छात्रों को जरूर याद कर लेने चाहिए

• लैंग्रेज पॉइंट सूर्य और पृथ्वी के बीच गुरुत्वाकर्षण प्रणाली का वह बिंदु है जहां जहां एक छोटी सी चीज रखी जाती है, ताकि वह गुरुत्वाकर्षण खिंचाव के साथ आसानी से चल सके।
• किसी वस्तु को अंतरिक्ष में एक स्थान पर रह कर चलने के लिए जिस सेंट्रिपेटल बल की आवश्यकता होता है वह इस पॉइंट पर बराबर का होता है।
• एल 1 पॉइंट पृथ्वी से 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर है।
• इस पॉइंट का उपयोग अंतरिक्ष यान की ईंधन खपत को कम करने के लिए किया जाता है।
• सूर्य से पृथ्वी की दूरी लगभग 150 मिलियन किलोमीटर की है।
• सूर्य से पृथ्वी की तय दूरी और एल -1 पॉइंट से पृथ्वी के दूरी के अनुसार एल-1 पॉइंट से सूर्य की दूरी लगभग 147.5 मिलियन किलोमीटर की है।
• इसरो आदित्य एल-1 सूर्य मिशन को लैंग्रेज पॉइंट के चारों ओर प्रभावमंडल में स्थापित किया जाएगा।

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• इस पॉइंट की प्रभावमंडल कक्षा में आदित्य एल 1 बिना की गुप्त घटना और ग्रहण से प्रभावित हुए अपना अध्ययन पूरा करेगा।
• इस पॉइंट पर रख कर सूर्य में हो रही गतिविधियों को देखा जा पाएगा, जिसका लाभ मिशन को पूरा करने में होगे।
• सूर्य के कोर का तापमान 27 मिलियन डिग्री फारेनहाइट होता है।
• जबकि सूर्य के प्रकाश मंडल कोर से ठंडा होता है। इसका तापमान 6000 डिग्री सेल्सियस होता है।
• अपने सूर्य मिशन से इसरो गर्मी की कणों के प्रवाह, जिसे सौर पवन कहा जाता है का अध्ययन करेगा।
• आदित्य एल 1 के माध्यम से इसरो कोरोनल मास इजेक्शन, सूट कोरोनल हीटिंग, प्री-फ्लेयर और फ्लेयर एक्टिविटी, अंतरिक्ष का मौसम और गतिशीलता, उत्पत्ति, प्लाज्मा वातावरण का निरीक्षण, अंतरिक्ष की प्रकृति और अन्य विस्फोटक सौर घटनाएं का अध्ययन करेगा।
• आकाश में हमारी आकाश गंगा के अलावा कई आकाशगंगा है। इस मिशन से हम विभिन्न आकाशगंगाओं के तारों के बारे में भी पता लगा पाएंगे।
• इस मिशन के लिए तैयार अंतरिक्ष यान आदित्य एल-1 में 7 पेलोड है, जो सूर्य का निरीक्षण करेंगे।

Aditya L1 Handbook: आदित्य एल-1 से जुड़े 30 तथ्‍य छात्रों को जरूर याद कर लेने चाहिए

• 7 पेलोड में से 4 पेलोड सूर्य का निरीक्षण करेंगे तो अन्य 3 पेलोड लैंग्रेड पॉइंट पर कणों और इन-स्टू उपकरण वातावरण का निरीक्षण करेंगे।
• इम 7 पेलोड में से 4 पेलोड रिमोट सेंसिंग पेलोड है जिनकी क्षमता कोरोना/इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपी, फोटोस्फीयर और क्रोमोस्फीयर इमेजिंग- संकीर्ण और ब्रॉडबैंड, सॉफ्ट एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर: सूर्य-एक-तारे के रूप में अवलोकन, हार्ड एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर: सूर्य-एक-तारे के रूप में अवलोकन करने की है।
• In-situ पेलोड 3 है और इनकी क्षमता दिशाओं के साथ सौर पवन/कण विश्लेषक प्रोटॉन और भारी आयन, दिशाओं के साथ सौर पवन/कण विश्लेषक इलेक्ट्रॉन और भारी आयन, इन-सीटू चुंबकीय क्षेत्र (बीएक्स, बाय और बीजेड) की है।
• भारत के सूर्य मिशन आदित्य एल-1 की लागत 378 करोड़ रुपये की है।

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English summary
Aditya L1 Handbook For Students: Recently ISRO's moon mission Chandrayaan 3 has been successful. Now ISRO is moving ahead and preparing for its first Sun mission. India's first Sun mission Aditya L1 will be launched from Sriharikota, Andhra Pradesh on 2 September 2023. Aditya L1 is a satellite that will study the Sun. There are many important facts related to this, about which you need to know.
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