भारत की आजादी के लिए देश भर से हजारों लोगों ने अपनी जान देश के लिए बलिदान की थी। जिसमें की महिलाओं का भी एक विशेष योगदान रहा था। रानी लक्ष्मी बाई, सरोजिनी नायडू और एनी बेसेंट जैसी कुछ महिलाओं का नाम देश की आजादी के लिए जाना जाता है। लेकिन इनके अलावा भी ऐसे कई स्वतंत्रता सेनानियों के नाम और कहानियां है जो कि इतिहास के पन्नों में छुपी हुई हैं। ऐसा ही एक गुमनाम नाम है वीर भोगेश्वरी फुकानानी का।
तो चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको भोगेश्वरी फुकानानी के जीवन से जुड़ी 10 प्रमुख बातों के बारे में बताते हैं कि उनका जीवन कैसा था, एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में उन्होंने देश के लिए क्या योगदान दिए।
भोगेश्वरी फुकानानी के जीवन से जुड़ी 10 बड़ी बातें
1. फुकानानी का जन्म वर्ष 1885 में असम के नागांव जिले के बरहामपुर में हुआ था। नागांव 20वीं सदी में राष्ट्रवादी गतिविधियों का एक महत्वपूर्ण केंद्र था।
2. फुकानानी, एक साधारण गृहिणी, एक पत्नी और आठ बच्चों की मां थी। जिन्हें राष्ट्रवाद के लिए दृढ़ विश्वास था।
3. भोगेश्वरी फुकानानी ने अपने बच्चों को भारत की आजादी के आंदोलन में शामिल होने के लिए प्रेरित किया था।
4. 1942 में जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत छोड़ो आंदोलन का आह्वान करने का फैसला किया, तब वह साठ साल की थीं।
5. यह आंदोलन असहयोग और सविनय अवज्ञा आंदोलनों से अलग था। इन आंदोलनों में, अहिंसा प्रतिभागियों के कार्यों की आधारशिला थी।
6. भोगेश्वरी फुकानानी ने अंग्रेजों के खिलाफ लोगों का नेतृत्व किया था।
7. एक अंग्रेजी कप्तान ने रतनमाला के हाथों से राष्ट्रीय ध्वज छीनकर उसका अनादर किया था, जिसके बाद फुकानानी ने उस कप्तान को उसी ध्वज-पोल से मारा था।
8. मार खाने के बाद कप्तान से वो अपमान सहन नहीं किया गया जिसके बाद उसने फुकानानी को गोली मार दी।
9. गोली लगने के बाद फुकानानी ने अपना दम तोड़ दिया लेकिन अपने पीछे बहादुरी और देशभक्ति की विरासत छोड़ गई।
10. फुकानानी आज भी असम में कई लोगों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है।