Independence Day 2022: भीकाजी कामा के जीवन से जुड़ी 10 बड़ी बातें

भीकाजी रुसतम कामा (मैडम भीकाजी) एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थी जिन्हें भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराने वाली पहली भारतीय होने का गौरव प्राप्त है। वे एक उत्साही स्वतंत्रता कार्यकर्ता होने के साथ-साथ महिला अधिकारों और सार्वभौमिक मताधिकार की भी हिमायती थीं। भीकाजी कामा को 'भारतीय क्रांति की जननी' के रूप में भी जाना जाता है।

आइए आज के इस आर्टिकल में हम भीकाजी रुसतम कामा के जीवन से जुड़ी 10 प्रमुख बातों के बारे में बताते हैं कि उनका जीवन कैसा था, एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में उन्होंने देश के लिए क्या योगदान दिए।

भीकाजी कामा के जीवन से जुड़ी 10 बड़ी बातें

भीकाजी कामा के जीवन से जुड़ी 10 बड़ी बातें

1. भीकाजी कामा का जन्म 24 सितंबर, 1861 को सोराबजी फ्रामजी पटेल और उनकी पत्नी जयजीबाई सोराबाई पटेल के यहां हुआ था। उनके पिता पेशे से एक व्यापारी थे, हालांकि वे पारसी समुदाय के प्रभावशाली सदस्य होने के साथ-साथ कानून में प्रशिक्षित थे।
2. भीकाजी ने अपनी शिक्षा एलेक्जेंड्रा गर्ल्स इंग्लिश इंस्टीट्यूशन से की थी वे एक मेहनती छात्र थी।
3. 3 अगस्त 1885 को भीकाजी की शादी रुस्तम कामा से की गई।
4. भीकाजी कामा अपना अधिकांश समय सामाजिक कार्यों में व्यतीत करती थी।
5. लंदन की अपनी यात्रा के दौरान, भीकाजी कामा श्यामजी कृष्ण वर्मा के संपर्क में आई श्यामजी कृष्ण वर्मा एक भारतीय राष्ट्रवादी थे जो कि अपने भाषणों के लिए जाने जाते थे।
6. जिसके बाद भीकाजी कामा पेरिस गई जहाँ उन्होंने पेरिस इंडियन सोसाइटी की स्थापना की। मुंचेरशाह बुर्जोरजी गोदरेज और एस.आर. राणा इस सोसाइटी के सह-संस्थापक थे।
7. भीकाजी कामा ने 1907 में जर्मनी के स्टटगार्ट में ब्रिटिश उपनिवेशवाद के विनाशकारी प्रभावों के बारे में विस्तार से बात की। इन प्रभावों में निरंतर अकाल और अपंग कर शामिल थे जिन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था को टुकड़े-टुकड़े कर दिया था।
8. इस घटना के दौरान भीकाजी कामा ने "स्वतंत्रता का ध्वज" फहराया। इस ध्वज को भीकाजी कामा और साथी कार्यकर्ता विनायक दामोदर सावरकर ने डिजाइन किया था।
9. 1909 में विलियम हट कर्जन वायली की हत्या के बाद, लंदन के अधिकारियों ने वहां रहने वाले भारतीय राष्ट्रवादियों पर नकेल कसना शुरू कर दिया। भीकाजी कामा उस समय पेरिस में थी और अंग्रेजों ने उनसे फ्रांसीसियों द्वारा प्रत्यर्पित किए जाने का अनुरोध किया था लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।
10. यूरोप में भीकाजी कामा का निर्वासन 1935 तक जारी रहा। इस दौरान उन्हें एक झटके से लकवा मार गया था, जिसके कारण उन्होंने ब्रिटिश सरकार से उन्हें घर लौटने की अनुमति देने के लिए याचिका दायर की। 13 अगस्त 1936 को पारसी जनरल अस्पताल में 74 साल की उम्र में निधन हो गया।

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English summary
Bhikaji Rustam Cama (Madam Bhikaji) was an Indian freedom fighter who has the distinction of being the first Indian to hoist the Indian national flag. She was an ardent freedom activist as well as an advocate of women's rights and universal suffrage. Bhikaji Cama is also known as the 'Mother of Indian Revolution'.
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