आज हम सभी एक महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करने जा रहे हैं - विश्व जल दिवस। यह दिन हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य हमें जल के महत्व को समझाना और जल संरक्षण के महत्व को जागरूक करना है। इस दिन देश-दुनिया के स्कूल कॉलजों में तमाम प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। भाषण, पेंटिंग, स्केच,वाद-विवाद, आदि के माध्यम से बच्चों को पानी के महत्व को समझाने के प्रयास किये जाते हैं। अगर आप विश्व जल दिवस पर भाषण प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं, जो अगले 10 मिनट आपके लिए महत्वपूर्ण हैं।
हम प्रस्तुत कर रहे हैं विश्व जल दिवस पर भाषण यानि स्पीच, जो खास तौर से कक्षा 5 से 8 के बच्चों के लिए लिखी गई है। आसान भाषा में लिखी गई यह यह स्पीच आपको याद करने में भी आसानी होगी। तो चलिए बिना देर किये, भाषण पर चलते हैं और हमें उम्मीद है, आपकी इस स्पीच को सुनने के बाद हॉल तालियों से गूंज उठेगा।
विश्व जल दिवस पर स्पीच इस प्रकार है-
सभागार/कक्षा में उपस्थित मेरे सभी साथियों को मरा नमस्कार! सभी गुरुजनों को सादर प्रणाम। मैं आज यहां पर विश्व जल दिवस पर चर्चा अपनी बात रखने के लिए आया हूं। मेरी बात इस माइक से निकल कर आपके कानों तक ही नहीं, बल्कि आपके हृदय तक जाये, ऐसी मेरी इच्छा है।
आज हम सभी जिस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करने जा रहे हैं, वह केवल विश्व जल दिवस नहीं है बल्कि विश्व जीवन दिवस है। क्यों न हो, जल ही तो जीवन है! यह दिन हर साल 22 मार्च को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य हमें जल के महत्व को समझाना और जल संरक्षण के महत्व को जागरूक करना है। खास तौर से उन लोगों को जागरूक करना है, जो पानी की बर्बादी करने में जरा भी नहीं चूकते हैं।
जैसा कि हम जानते हैं कि जल हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है। पृथ्वी का 71 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका हुआ है। पृथ्वी पर मौजूद जल का 1.6 प्रतिशत हिस्सा ज़मीन के नीचे है और 0.001 प्रतिशत वाष्प और बादलों के रूप में है। पृथ्वी की सतह पर जो पानी है उसमें से 97 प्रतिशत सागरों और महासागरों में है जो नमकीन है और पीने के काम नहीं आ सकता। केवल तीन प्रतिशत पानी पीने योग्य है। इसमें भी 2.4 प्रतिशत ग्लेशियरों और उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव में जमा हुआ है और केवल 0.6 प्रतिशत पानी नदियों, झीलों और तालाबों में है, जिसे हम पीने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
जरा सोचिए, जिस पानी की मात्रा अधिक है, वो हम पी नहीं सकते, जो पी सकते हैं, उसकी मात्रा काफी कम है। ऐसे में जैसे-जैसे पीने योग्य पानी की कमी हो रही है, वैसे-वैसे हमारा जीवन संकट की ओर बढ़ रहा है। हम ही नहीं हमारे पेड़-पौधों, पशुओं व अन्य जीव-जंतुओं के लिए भी वो उतना ही महत्वपूर्ण है।
पूरी दुनिया के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि जल की अपारता, जल संकट, और जल प्रदूषण जैसी समस्याएं हमारे समाज के लिए गंभीर खतरे पैदा कर रही हैं। हमें इस समस्या का समाधान निकालने के लिए साथ मिलकर काम करना होगा। हमें जल संरक्षण के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। हमें बारिश के पानी को संचित करने के लिए जल संरचनाओं की जरूरत है जैसे कि जल तालाब, नाला-नहर, और जल संचार योजनाएं। हमें जल प्रदूषण को भी रोकने के लिए कठोर नियमों का पालन करना होगा।
हम घर में रह कर जलवायु परिवर्तन की वजह से होने वाले व्यापक संकट पर कोई बड़ल लगाम तो नहीं लगा सकते हैं, वहीं जल एवं वायु प्रदूषण फैलाने वाली बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों पर लगाम लगाने का काम सरकार कर रही है। लेकिन हम अपनी तरफ से छोटे-छोटे कदम उठाकर पानी की बर्बादी को रोक सकते हैं।
उदाहरण के तौर पर, प्यास लगे तो उतना ही पानी लें जितने की जरूरत हो, कम पड़ेगा तो और ले लेंगे। घर पर मेहमान आयें, तो बड़े गिलास की जगह छोटे गिलास का प्रयोग कर सकते हैं। आरओ प्यूरीफायर से निकलने वाले पानी से पौधों की सिंचाई या नहाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। नहाने के लिए चलते नल के नीचे नहाने से बेहतर होगा हम बाल्टी का प्रयोग करें। ऐसी तमाम छोटी-छोटी चीजें हैं, जो पानी की बर्बादी रोक सकती हैं। और हां, जब भी अपने घर पर नल को देखिये, तो हमेशा उन लोगों के बारे में सोचिए जो घंटों लाइन में लग कर पानी भर कर घर ले जाते हैं। सिर्फ इतना करने से ही हम सबकी सोच बदल सकती है।
एक बार फिर दोहराउंगा, जल संरक्षण के लिए हमारे छोटे कदम भी महत्वपूर्ण हैं।
तो आइये इस विश्व जल दिवस पर, हम सभी संकल्प लें कि हम जल संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझेंगे और इसे अपनाएंगे। हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और स्वस्थ भविष्य बनाने के लिए एक साथ मिलकर काम करेंगे।
जय हिन्द, जय भारत।
धन्यवाद।