World Consumer Rights Day 2024: हर साल 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है। दुनिया भर के उपभक्ताओं के लिए यह एक वैश्विक उत्सव के समान है। विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का उद्देश्य उपभोक्ता अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और व्यवसायिक क्षेत्र में निष्पक्ष और नैतिक नीतिओं एवं नियमों का समर्थन करना है। विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस उपभोक्ताओं को शोषण से बचाने और बाज़ार में उनके अधिकारों का सम्मान सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर देता है।
World Consumer Rights Day 2024 History विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस इतिहास
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस की शुरुआत 15 मार्च, 1962 से हुई। जब राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने पहली बार अमेरिकी कांग्रेस को एक विशेष संदेश में उपभोक्ता अधिकारों के मुद्दे को संबोधित किया था। तब से, दुनिया भर के उपभोक्ता संगठनों ने उपभोक्ता संरक्षण कानूनों और विनियमों की आवश्यकता पर प्रकाश डालने के लिए इस दिन को मनाने का निर्णय लिया।
World Consumer Rights Day 2024 Theme विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस थीम
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस की थीम हर साल अलग-अलग होती है, हालांकि यह हमेशा उपभोक्ता सशक्तिकरण, शिक्षा और वकालत को बढ़ावा देने पर केंद्रित होती है। टिकाऊ उपभोग को बढ़ावा देने से लेकर डिजिटल अधिकारों और गोपनीयता संबंधी चिंताओं को दूर करने तक, प्रत्येक विषय आज के वैश्वीकृत बाजार में उपभोक्ताओं के सामने आने वाली उभरती चुनौतियों को दर्शाता है।
इस वर्ष विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस की थीम कंज्यूमर्स इंटरनेशनल द्वारा 'उपभोक्ताओं के लिए निष्पक्ष और जिम्मेदार एआई' के रूप में चुनी गई है। जेनरेटिव एआई में सफलताओं ने डिजिटल दुनिया में तूफान ला दिया है। इसके मद्देनजर इस विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस की थीम निर्धारित की गई है।
भारत में उपभोक्ताओं के अधिकारों की लड़ाई वर्षों से चली आ रही है। उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने के लिए कई कंज्यूमर राइट्स लाये गये। आइए जानते हैं, ऐसे ही महत्वपूर्ण एवं आवश्यक कंज्यूमर राइट्स के बारे में जो हर भारतीय को पता होना चाहिये:
जानें महत्वपूर्ण उपभोक्ता अधिकार क्या है | Know Your Consumers Rights in India List here
सुरक्षा का अधिकार (Right to Safety): उपभोक्ताओं को उन वस्तुओं और सेवाओं को खरीदने का अधिकार है जो उपयोग और उपभोग के लिए सुरक्षित हैं। उपभोक्ता मामले मंत्रालय के अनुसार, उन वस्तुओं और सेवाओं के विपणन के खिलाफ सुरक्षा का अधिकार, जो जीवन और संपत्ति के लिए खतरनाक हैं। इसके अनुसार, खरीदी गई वस्तुएं और ली गई सेवाएं न केवल उनकी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने वाली होनी चाहिये, बल्कि दीर्घकालिक हितों को भी पूरा करना चाहिये।
सूचना का अधिकार (Right to be Informed): सूचना का अधिकार, उपभोक्ताओं को उत्पादों, सेवाओं, मूल्य निर्धारण और बिक्री की शर्तों के बारे में सटीक और पारदर्शी जानकारी तक पहुंच प्रदान करता है। यह अधिकार सुनिश्चित करता है कि उपभोक्ता को खरीदी गई वस्तुओं और सेवाओं की गुणवत्ता, मात्रा, क्षमता, शुद्धता, मानक और कीमत के बारे में सूचित किया जाये।
उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार (Right to Consumer Education): उपभोक्ताओं को शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में सूचित होने का अधिकार है। उपभोक्ताओं की जिम्मेदारी है कि वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें।
मुआवज़ा मांगने का अधिकार (Right to Seek Compensation): मुआवज़ा मांगने का अधिकार, यह परिभाषित करता है कि उपभोक्ता को अनुचित और अमानवीय प्रथाओं या उपभोक्ता के शोषण के खिलाफ मुआवज़ा मांगने का अधिकार है। उपभोक्ताओं को खराब या एक्सपायर्ड उत्पादों या असंतोषजनक सेवाओं से संबंधित शिकायतों के लिए मुआवजा या समाधान मांगने का अधिकार है।
चयन का अधिकार (Right to Choose): उपभोक्ताओं को विभिन्न विक्रेताओं द्वारा पेश किए गए विभिन्न उत्पादों और सेवाओं में से चुनने की स्वतंत्रता है। उपभोक्ता को विभिन्न प्रकार की वस्तुओं और प्रतिस्पर्धी मूल्य में से चुनने का अधिकार है। चयन का अधिकार उपभोक्ताओं को उचित मूल्यों पर विभिन्न उत्पादों, वस्तुओं या सेवाओं तक पहुंचने का अधिकार देता है। विक्रेता, खुदरा विक्रेता या व्यापारी उपभोक्ताओं को किसी विशिष्ट ब्रांड का सामान खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते।
सुनवाई का अधिकार (Right to be Heard): इसका मतलब है कि उपभोक्ता को उचित मंच पर अपनी शिकायतें व्यक्त करने के लिए उचित ध्यान मिलेगा। विक्रेता द्वारा अनुचित व्यापार प्रथाओं के मामले में उपभोक्ता उचित मंचों पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं। उपयुक्त मंच उपभोक्ताओं को अपनी शिकायतें बताने का उचित मौका देंगे। वे इस अधिकार को लागू करने के लिए उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए स्थापित उपभोक्ता संगठनों की मदद ले सकते हैं।