गुजरात राज्य ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। चलिए आज के इस आर्टिकल में हम आपको गुजरात की ऐसी महिलाओं से परिचित कराते हैं जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया था। बता दें कि गुजरात को महात्मा गांधी के जन्मस्थान के रूप में भी जाना जाता है। महात्मा गांधी एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने अपना पूरा जीवन देश की आजादी के संघर्ष में व्यतीत किया था।
गुजराती लोगों ने हर क्षेत्र में अपनी क्षमता साबित की है चाहे राजनीति हो, सिनेमा हो, साहित्य हो या व्यवसाय। गुजरात की विरासत में उल्लेखनीय वास्तुकला, मंदिर, महल और हवेली और हस्तशिल्प शामिल है।
गुजरात की महिला स्वतंत्रता सेनानियों की सूची
• हंसा जीवराज मेहता
हंसा जीवराज मेहता (1887 - 1995) स्वतंत्रता के बाद, उन 15 महिलाओं में शामिल थी। जो भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने वाली संविधान सभा का हिस्सा थी।
• इंदुमती चमनलाल
इंदुमती चमनलाल भारत में पहले खादी स्टोर के संस्थापक थी। जिन्हें 1970 में भारत सरकार द्वारा पद्म श्री पुरस्कतार से सम्मानित किया गया था।
• कस्तूरबा गांधी
कस्तूरबा गांधी (1869 - 1944) एक भारतीय राजनीतिक कार्यकर्ता और मोहनदास करमचंद गांधी की पत्नी थी। महात्मा गांधी के साथ मिलकर कस्तूरबा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन में एक अहम भूमिका निभाई थी।
• पेरिन कैप्टन
पेरिन कैप्टन (1888 - 1958) दादाभाई नौरोजी की पोती थी। उनका जन्म कच्छ स्वदेशी आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन के मांडवी में हुआ था।
• पूर्णिमा अरविन्द पकवासा
पूर्णिमा अरविन्द पकवासा (1913 - 2016) जिन्हें डांगों की दीदी के नाम से जाना जाता है। वे गुजरात की एक भारतीय स्वतंत्रता कार्यकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता थी।
• उषा मेहता
उषा मेहता (1920-2000) ने आठ वर्ष की उम्र में सन् 1928 में साइमन कमीशन के खिलाफ एक विरोध मार्च में भाग लिया। उषा मेहता ने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में ब्रिटिश राज के खिलाफ विरोध के अपने पहले शब्दों को "साइमन गो बैक" का नारा दिया।