31 अक्टूबर को क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय संकल्प दिवस? जानिए इस दिन का इंदिरा गांधी से संबंध

भारत में 31 अक्टूबर को हर साल राष्ट्रीय संकल्प दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारतीय राजनीति की एक मजबूत और साहसी नेता, इंदिरा गांधी, की याद में समर्पित है, जिन्होंने अपने जीवन का बलिदान देश की एकता और अखंडता के लिए दिया। इंदिरा गांधी के योगदान और उनके संकल्प को सम्मानित करने के लिए ही यह दिन मनाया जाता है। उनके नेतृत्व, साहस और दृढ़ निश्चय की कहानी आज भी लाखों भारतीयों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

आइए, विस्तार से जानें कि 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय संकल्प दिवस क्यों मनाया जाता है और इस दिन का इंदिरा गांधी से क्या संबंध है।

31 अक्टूबर को क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय संकल्प दिवस? जानिए इस दिन का इंदिरा गांधी से संबंध

इंदिरा गांधी के बारे में..

इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को हुआ था और वे भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की बेटी थीं। उनके बचपन से ही उनके मन में देश की सेवा का भाव उत्पन्न हो गया था। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वे अपने पिता के साथ देश के विभिन्न हिस्सों में यात्राएं करती रहीं और इस प्रक्रिया में वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से प्रेरित होती गईं।

इंदिरा गांधी ने 1966 में प्रधानमंत्री का पद संभाला और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। उनका कार्यकाल राजनीतिक और सामाजिक उतार-चढ़ाव से भरा हुआ था, लेकिन उनकी सशक्त नेतृत्व क्षमता और उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति ने उन्हें एक मजबूत नेता बनाया। इंदिरा गांधी के नेतृत्व में देश में हरित क्रांति, बैंकों का राष्ट्रीयकरण, और भारत-पाकिस्तान युद्ध जैसे कई ऐतिहासिक कार्य हुए, जिनसे भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा।

राष्ट्रीय संकल्प दिवस का महत्व

राष्ट्रीय संकल्प दिवस का महत्व यह है कि यह देशवासियों को इंदिरा गांधी के दृढ़ संकल्प और साहस को याद दिलाता है। इस दिन का उद्देश्य उन मूल्यों को फिर से स्थापित करना है जिनके लिए इंदिरा गांधी ने अपने जीवन का बलिदान दिया। उनका संकल्प और निष्ठा हमें सिखाता है कि हमें अपने देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।

इस दिन को राष्ट्रीय संकल्प दिवस के रूप में मनाने का उद्देश्य यह है कि हम इंदिरा गांधी जैसे महान नेताओं के आदर्शों को अपनाकर देश के विकास और एकता के प्रति संकल्पित रहें। इंदिरा गांधी ने भारतीय समाज के लिए जिस दृढ़ता और संकल्प का परिचय दिया, उसकी प्रेरणा आज भी हमें देश की सेवा के लिए समर्पित होने का संदेश देती है।

31 अक्टूबर का इंदिरा गांधी से संबंध

31 अक्टूबर 1984 का दिन भारतीय इतिहास में एक दुखद दिन के रूप में दर्ज है। इसी दिन भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके दो अंगरक्षकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इंदिरा गांधी की हत्या के पीछे का कारण 1984 में पंजाब में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार को माना जाता है।

ऑपरेशन ब्लू स्टार का उद्देश्य अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में छुपे खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों को निकालना था। उस समय खालिस्तानी आंदोलन पंजाब में काफी सक्रिय था, और इसके समर्थक भारतीय संप्रभुता को चुनौती दे रहे थे। इंदिरा गांधी ने देश की एकता और अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए इस ऑपरेशन का आदेश दिया। भारतीय सेना ने स्वर्ण मंदिर में प्रवेश कर वहाँ छुपे आतंकवादियों को समाप्त किया, जिससे देश की सुरक्षा को खतरे से बचाया गया।

हालांकि, इस ऑपरेशन के कारण सिख समुदाय में असंतोष फैल गया, और इसका सीधा असर इंदिरा गांधी की सुरक्षा पर पड़ा। उनके अपने ही दो सिख अंगरक्षकों ने 31 अक्टूबर 1984 को उनकी हत्या कर दी। उनकी मृत्यु के बाद देश में भारी अशांति और दंगों का दौर शुरू हुआ, लेकिन उनका बलिदान और उनके देशभक्ति की भावना हमेशा के लिए इतिहास में अमर हो गई।

इंदिरा गांधी का योगदान और संकल्प

इंदिरा गांधी का जीवन भारत के प्रति निस्वार्थ सेवा और संकल्प का प्रतीक है। उन्होंने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया, जिससे गरीब वर्ग को आर्थिक मजबूती मिली। इसके अलावा हरित क्रांति की शुरुआत करके उन्होंने भारत को खाद्य आत्मनिर्भरता की ओर ले जाया। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय भी उनका नेतृत्व और संकल्प साहसी था। उस युद्ध में भारत की विजय हुई और बांग्लादेश का निर्माण हुआ।

उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और संकल्प ने देश को प्रगति के रास्ते पर आगे बढ़ाया। वे हमेशा मानती थीं कि एक नेता का पहला कर्तव्य अपने देश की सेवा करना है। उनके योगदान और देश के प्रति उनकी निष्ठा के कारण वे आज भी करोड़ों भारतीयों के दिलों में जीवित हैं।

राष्ट्रीय संकल्प दिवस पर उनकी प्रेरणा

राष्ट्रीय संकल्प दिवस हमें इंदिरा गांधी के बलिदान और देश के प्रति उनकी अटूट निष्ठा की याद दिलाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि हम उनके संकल्प और उनके द्वारा सिखाए गए मूल्यों को अपने जीवन में अपनाएं। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर, हम भी अपने देश की एकता और अखंडता के लिए काम कर सकते हैं।

यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि जैसे इंदिरा गांधी ने देश की सेवा के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया, वैसे ही हमें भी अपने देश के प्रति सच्ची भावना और निष्ठा से समर्पित रहना चाहिए। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि जब देश के सामने चुनौतियां आती हैं, तब हमें साहस और दृढ़ संकल्प के साथ उनका सामना करना चाहिए।

राष्ट्रीय संकल्प दिवस की वर्तमान भूमिका

राष्ट्रीय संकल्प दिवस पर हमें इंदिरा गांधी के आदर्शों को अपनाने का संकल्प लेना चाहिए। यह दिन युवाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे देश का भविष्य हैं और उनके कंधों पर देश की जिम्मेदारी है। इंदिरा गांधी के आदर्श और उनके द्वारा किए गए कार्य आज भी हमें प्रेरणा देते हैं कि हम देश की सेवा के लिए समर्पित रहें और सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास करें।

आज के समय में, जब दुनिया तेजी से बदल रही है और चुनौतियां बढ़ रही हैं, तब इंदिरा गांधी के संकल्प और निष्ठा से हम सीख सकते हैं कि कठिनाइयों का सामना कैसे किया जाए। राष्ट्रीय संकल्प दिवस हमें हर साल यह अवसर देता है कि हम अपने भीतर एक नया संकल्प जगाएं और देश की सेवा के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाएं।

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English summary
In India, 31 October is celebrated every year as Rashtriya Sankalp Diwas. This day is dedicated to the memory of Indira Gandhi, a strong and courageous leader of Indian politics, who sacrificed her life for the unity and integrity of the country. This day is celebrated to honor the contribution of Indira Gandhi and her resolve. The story of her leadership, courage and determination is still an inspiration for millions of Indians.
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