Armed Forces Veterans Day 2025: सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

Armed Forces Veterans Day 2025: भारत में हर साल 15 जनवरी को सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारतीय सशस्त्र बलों के उन वीर पूर्व सैनिकों को सम्मानित करने के लिए समर्पित है। यह दिन उन सभी सैनिकों को सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व अर्पण किया। इस दिन का उद्देश्य न केवल पूर्व सैनिकों के बलिदान को याद करना है, बल्कि उन परिवारों को भी सम्मान देना है जिन्होंने अपने प्रियजनों को देश की सेवा के लिए समर्पित किया।

Armed Forces Veterans Day 2025: सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

यह दिन 1953 में फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा के सेवानिवृत्त होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। केएम करिअप्पा, भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ थे और जिन्होंने भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। उनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने कई महत्वपूर्ण युद्धों में विजय प्राप्त की। इतना ही नहीं बल्कि भारतीय सैन्य शक्ति को भी एक सशक्त और सम्मानित बल के रूप में स्थापित किया।

सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस का उद्देश्य हमारे पूर्व सैनिकों की वीरता और उनके योगदान को नई पीढ़ी के सामने लाना है, ताकि वे भी देशभक्ति और सेवा के इस उच्च आदर्श को आत्मसात कर सकें। आइए, इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस क्यों और कैसे मनाया जाता है, इसकी थीम, इतिहास, और इसका महत्व क्या है।

सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस क्यों मनाया जाता है?

सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस को भारतीय सशस्त्र बलों के उन पूर्व सैनिकों की वीरता और समर्पण को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। इस दिन भारतीय सशस्त्र बल में अपनी सेवाएं प्रदान करने वाले सैनिकों के सम्मान में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस दिन का उद्देश्य न केवल पूर्व सैनिकों के बलिदानों को याद करना है, बल्कि उन्हें और उनके परिवारों को धन्यवाद देना है जिन्होंने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा देश की सेवा में समर्पित किया।

स्वतंत्र भारत के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा ने 14 जनवरी 1953 को सेवानिवृत्ति ली थी। उनकी सेवानिवृत्ति के सम्मान में यह दिन सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस के रूप में मनाया जाता है। करिअप्पा का योगदान भारतीय सैन्य इतिहास में अत्यधिक महत्वपूर्ण है और उनके नेतृत्व में भारतीय सेना ने विभिन्न युद्धों में असाधारण सफलता प्राप्त की थी।

सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस 2025 तिथि

हर साल 15 जनवरी को सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस मनाया जाता है। सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस की तिथि विशेष रूप से फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा की सेवानिवृत्ति के दिन को चिह्नित करती है।

सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस 2025 थीम

सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस 2025 इस दिन की थीम हर साल बदलती है। इसका उद्देश्य देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले पूर्व सैनिकों की परिस्थिति, उनकी समस्याओं और उनके कल्याण पर ध्यान केंद्रित करना होता है। हाल के वर्षों में पूर्व सैनिकों की स्वास्थ्य सेवाओं, उनकी पेंशन और अन्य लाभों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस का इतिहास क्या है?

सशस्त्र सेना पूर्व सैनिक दिवस का इतिहास 15 जनवरी 1953 से जुड़ा हुआ है। यह फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ के रूप में सेवानिवृत्त होने के रूप में मनाया जाता है। यह दिन भारतीय सैन्य इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है। बता दें करिअप्पा ने भारतीय सेना को ब्रिटिश सेना से स्वतंत्र रूप से संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

फील्ड मार्शल करिअप्पा का योगदान न केवल युद्ध क्षेत्र में महत्वपूर्ण था, बल्कि उनके नेतृत्व और प्रबंधन कौशल ने भारतीय सेना को एक संगठित और प्रभावशाली बल के रूप में विकसित करने में मदद की। उन्होंने 1947 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारतीय सेना का नेतृत्व किया और भारतीय सेना को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।

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English summary
Learn why Armed Forces Veterans' Day is celebrated on 14 January, its significance, history, and the theme for Armed Forces Veterans Day 2025 in Hindi.
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