Wrestler Vinesh Phogat biography in Hindi: मंगलवार के दिन भारत का हर नागरिक खुशी से झूम रहा था। खुशी इस बात की कि पहली बार कोई महिला पहलवान ओलंपिक में फाइनल में प्रतिस्पर्धा करने वाली थीं। हरियाणा के एक छोटे से गाँव से अंतरराष्ट्रीय कुश्ती सनसनी बनने तक विनेश फोगट का ओलंपिक फाइनल तक का सफ़र वाकई प्रेरणादायक रहा। हालांकि एक दुखद घटना के साथ बुधवार को विनेश फोगट को फाइनल में खेलने से अयोग्य घोषित कर दिया। कारण था उनका 100 ग्राम वजन अधिक होना।
गौरतलब हो कि 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती वर्ग में भाग ले रही विनेश का वजन महिला पहलवानी प्रतिस्पर्धा के लिए निर्धारित 50 किलोग्राम कैटेगोरी वजन से लगभग 100 ग्राम अधिक पाया गया। विनेश आमतौर पर 53 किलोग्राम वर्ग में भाग लेती हैं, लेकिन पेरिस ओलंपिक के लिए उन्होंने अपना वजन घटाकर 50 किलोग्राम कर लिया। वजन मापने के दूसरे दिन उनका वजन सीमा से लगभग 100 ग्राम अधिक पाया गया। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने उन्हें अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ अपील की है।
आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं कौन हैं विनेश फोगाट, कैसा रहा उनका हरियाणा के एक छोटे से गांव से लेकर ओलंपिक तक का सफर। इसके साथ ही हम विनेश फोगाट के जीवन, करियर, शिक्षा, पदक, पुरस्कार और उन्हें मिलने वाले तमाम सम्मान के बारे में भी जानेंगे।
कौन हैं विनेश फोगाट?
विनेश फोगट भारत की सबसे प्रसिद्ध महिला पहलवानों में से एक हैं। विनेश मैट पर अपने असाधारण कौशल और अपनी अदम्य भावना के लिए जानी जाती हैं। विनेश का ताल्लुक प्रसिद्ध पहलवान महावीर फोगट के परिवार से है। उन्होंने कुश्ती की दुनिया में अपना नाम बनाया है, कई पुरस्कार और सम्मान अपने नाम दर्ज किए हैं। महिला पहलवानों में विनेश फोगाट ने कड़ी मेहनत से अपनी पहचान खुद बनाई है।
विनेश खेल के प्रति अपने समर्पण, कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय के लिए जानी जाती है। इन गुणों की बदौलत विनेश ने न केवल व्यक्तिगत सफलता हासिल की है, बल्कि भारत और दुनिया भर के अनगिनत युवा एथलीटों को भी प्रेरित किया है। प्रशिक्षण और प्रतिस्पर्धा जारी रखते हुए, विनेश भारतीय खेलों में उत्कृष्टता और दृढ़ संकल्प का प्रतीक बनी हुई हैं।
विनेश फोगाट कितनी पढ़ी लिखी हैं?
विनेश फोगाट का जन्म 25 अगस्त 1994 को भारत के हरियाणा के भिवानी जिले में हुआ था। फोगट परिवार से कई सफल पहलवानों आते हैं। उनके पिता राजपाल फोगट और उनके चाचा महावीर सिंह फोगट और दया कौर ने उनके कुश्ती करियर को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विनेश की चचेरी बहनें गीता और बबीता कुमारी फोगाट भी प्रसिद्ध पहलवान हैं।
विनेश ने हरियाणा में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और कठोर कुश्ती प्रशिक्षण के साथ अपनी शिक्षा को संतुलित किया। उनके परिवार ने शिक्षा और खेल दोनों को प्राथमिकता दी। अपनी शिक्षा के साथ कुश्ती के करियर को संतुलित करते हुए, विनेश फोगट ने उच्च शिक्षा प्राप्त की और शारीरिक शिक्षा में डिग्री हासिल की। उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि ने खेल विज्ञान और एथलीट प्रबंधन की उनकी समझ को और बेहतर बनाया है। विनेश फोगाट ने दिसंबर 2018 में साथी पहलवान सोमवीर राठी से शादी की। दोनों को कुश्ती के लिए जुनूनी है और वे अक्सर अपने-अपने करियर में एक-दूसरे का साथ देते हैं।
कुश्ती में विनेश की एंट्री कब हुई?
विनेश फोगाट ने अपनी कुश्ती यात्रा छोटी उम्र में ही शुरू कर दी थी, अपने चाचा महावीर सिंह फोगट, जो द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच हैं, के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लिया। उनकी लगन और कड़ी मेहनत ने जल्द ही रंग दिखाया और उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतना शुरू कर दिया।
2013 में प्रसिद्धि की ओर बढ़ी विनेश
विनेश को अपने करियर में पहली बड़ी सफलता 2013 में मिली, जब उन्होंने नई दिल्ली में आयोजित एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में 51 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पदक जीता। इसके साथ ही कुश्ती जगत में उनके सफल करियर की शुरुआत हुई।
2014 में राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में मिली सफलता
वर्ष 2014 में, विनेश ने स्कॉटलैंड के ग्लासगो में राष्ट्रमंडल खेलों में 48 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। उसी वर्ष बाद में, उन्होंने दक्षिण कोरिया के इंचियोन में एशियाई खेलों में कांस्य पदक जीता, जिससे भारत के टॉप पहलवानों में विनेश को एक नई पहचान मिली।
2016 में विपरीत परिस्थितियों पर पाया विजय
विनेश ने 2016 रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया और उन्हें पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। हालांकि, क्वार्टर फाइनल मैच के दौरान घुटने में लगी गंभीर चोट के कारण उनका ओलंपिक सफर वहीं समाप्त हो गया। इस झटके के बावजूद, विनेश का दृढ़ संकल्प और मनोबल कम नहीं हुआ, उन्होंने मजबूती से वापसी की।
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गोल्डन गर्ल विनेश
विनेश ने 2018 में उल्लेखनीय वापसी की। गोल्ड कोस्ट, ऑस्ट्रेलिया में राष्ट्रमंडल खेलों और जकार्ता, इंडोनेशिया में एशियाई खेलों दोनों में 50 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीते। एशियाई खेलों में उनके प्रदर्शन ने उन्हें इस आयोजन में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बना दिया।
टोक्यो ओलंपिक 2021 में विनेश
विनेश ने टोक्यो 2020 ओलंपिक (कोविड-19 महामारी के कारण 2021 में आयोजित) में 53 किलोग्राम वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व किया। हालांकि उन्होंने कोई पदक नहीं जीता, लेकिन उनकी भागीदारी उनके खेल के प्रति उनके समर्पण और प्रतिबद्धता का प्रमाण थी।
विनेश को मिले पदक और उपलब्धियां
विनेश फोगाट का शानदार करियर कई पदकों और पुरस्कारों से सुशोभित है:
राष्ट्रमंडल खेल
- स्वर्ण पदक (2014, ग्लासगो, 48 किग्रा)
- स्वर्ण पदक (2018, गोल्ड कोस्ट, 50 किग्रा)
एशियाई खेल
- कांस्य पदक (2014, इंचियोन, 48 किग्रा)
- स्वर्ण पदक (2018, जकार्ता, 50 किग्रा)
एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप
विभिन्न संस्करणों में स्वर्ण, रजत और कांस्य सहित कई पदक।
विश्व कुश्ती चैंपियनशिप
कांस्य पदक (2019, नूर-सुल्तान, 53 किग्रा)
पुरस्कार और सम्मान
भारतीय कुश्ती में विनेश फोगाट के योगदान को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है:
अर्जुन पुरस्कार (2016)- कुश्ती में उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए भारत के सर्वोच्च खेल सम्मानों में से एक।
राजीव गांधी खेल रत्न (2020)- खेल में उनके असाधारण प्रदर्शन और योगदान को मान्यता देते हुए भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान।