KR Narayanan Biography in Hindi UPSC Notes: के आर नारायणन कैसे बनें भारत के 10वें राष्ट्रपति?

KR Narayanan Biography in Hindi UPSC notes: कोचेरिल रमन नारायणन या केआर नारायणन, भारत के पूर्व राष्ट्रपति हैं। केआर नारायणन का व्यक्तित्व विशाल था। भारत के स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद वे भारत के दसवें और पहले दलित राष्ट्रपति बनें। केआर नारायणन 25 जुलाई 1997 से 25 जुलाई 2002 तक भारत के दसवें राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला।

KR Narayanan Biography in Hindi UPSC Notes: के आर नारायणन कैसे बनें भारत के 10वें राष्ट्रपति?

केआर नारायणन का जन्म 27 अक्टूबर 1920 को केरल (तत्कालीन त्रावणकोर साम्राज्य) के कोट्टायम जिले के उझावूर गांव में हुआ था। उनका परिवार पारवन जाति से था, जिसे पारंपरिक रूप से 'अछूत' माना जाता था। नारायणन की सर्वोच्च पद तक की उल्लेखनीय यात्रा यहीं इसी गांव से शुरू हुई। एक रिपोर्ट के अनुसार, नारायणन का जन्म 04 फरवरी 1921 को हुआ था, लेकिन उनके चाचा को उनकी वास्तविक जन्मतिथि नहीं पता थी और उन्होंने स्कूल रिकॉर्ड में 27 अक्टूबर, 1920 लिखवा दिया था। हालांकि, इसके बाद में नारायणन ने इसे आधिकारिक ही रहने दिया।

नारायणन के पिता कोचेरिल रमन वैद्यर आयुर्वेदिक चिकित्सक थे। केआर नारायणन (K R Narayanan Biography in hindi) समेत उनके 7 बच्चे थे। उनके पारिवारिक हालात बेहद नाजूक थे। नारायणन ने अपने घर से लगभग 8 किमी दूर स्थित एक मिशनरी स्कूल में पढ़ाई की। स्कूल जाने के लिए यह दूरी वे हर दिन पैदल तय करते थे। वह एक बेहद प्रतिभाशाली छात्र थे। पढ़ाई के प्रति उनके लगन और श्रद्धा को देखते हुए उन्हें कॉलेज जाने के लिए त्रावणकोर के शाही परिवार ने उन्हें छात्रवृत्ति भेंट की। उन्होंने कोट्टायम के सीएमएस कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की।

अकादमिक सफलता से खुले लंदन का द्वार

नारायणन ने अपनी शैक्षणिक प्रतिभा से अंग्रेजी साहित्य में ऑनर्स की डिग्री हासिल की। इस अकादमिक सफलता ने लंदन के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में स्कॉलरशिप-समर्थित अध्ययन अवधि का मार्ग प्रशस्त किया। इसके बाद लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में आगे की शिक्षा प्राप्त की, जहां उन्होंने राजनीति विज्ञान में विशेषज्ञता हासिल की। लंदन में उन्होंने हेरोल्ड लास्की के अधीन रह कर राजनीति विज्ञान का अध्ययन किया।

भारतीय विदेश सेवा से करियर की शुरुआत

1948 में भारत लौटने पर, नारायणन लास्की से एक परिचय पत्र लेकर जवाहरलाल नेहरू से मिले। पंडित नेहरू ने उन्हें भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। वर्ष 1949 में, नारायणन ने भारतीय विदेश सेवा से अपने करियर की शुरुआत की। जहां शुरुआती दिनों में उन्होंने रंगून, टोक्यो, लंदन, कैनबरा और हनोई में महत्वपूर्ण दूतावासों में सेवा की। उनके कार्य कौशल के कारण उन्हें तुर्की और चीन में भारत के राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया।

1980 से लेकर 1984 तक अमेरिका में राजदूत

एक राजनयिक के रूप में केआर नारायणन (K R Narayanan Biography in hindi) का करियर शानदार रहा और उन्हें 1955 में नेहरू द्वारा देश का सर्वश्रेष्ठ राजनयिक के रूप में नामित किया गया। उन्होंने थाईलैंड, तुर्की और चीन में भारतीय राजदूत के रूप में कार्य किया। उन्होंने विदेश मंत्रालय में सचिव के रूप में भी काम किया। इसके अलावा, उन्होंने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में बतौर प्रोफेसर बच्चों को भी पढ़ाया। वर्ष 1978 में सेवानिवृत्त होने के बाद वे जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में कुलपति बनें। इस दौरान नारायणन 1980 से लेकर 1984 तक अमेरिका में राजदूत भी रहें।

लोकसभा से राजनीति में प्रवेश

वर्ष 1984 में केआर नाराणन का राजनीति में प्रवेश हुआ, जब उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव में हिस्सा लिया। केरल के ओट्टपालम सीट से उन्हें पर्याप्त वोटों के साथ जीत हासिल हुई। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की टिकट पर केआर नारायणन ने लगातार तीन बार आम चुनाव में हिस्सा लिया और भारी मतों से जीत हासिल की। राजीव गांधी की सरकार में वे राज्य मंत्री भी रहें। अपने पूरे राजनीतिक जीवन के दौरान, उन्होंने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के प्रशासन में विभिन्न मंत्री पद संभाले।

... जब चुने गये राष्ट्रपति

वर्ष 1992 में केआर नारायणन को भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में चुना गया। उस समय देश के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा थें। इसके बाद वर्ष 1997 में, नारायणन को भारत के दसवें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया। वे इस प्रतिष्ठित पद को ग्रहण करने वाले केरल के पहले व्यक्ति और पहले दलित हैं। यह एक ऐतिहासिक क्षण था, जब उन्हें भारत के दसवें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया।

इस बात पर कोई दो राय नहीं है कि केआर नारायणन (K R Narayanan Biography in hindi) एक कुशल राष्ट्रपति थे। उन्होंने अपने राष्ट्रपति पद पर रहते हुए दो मौकों पर राज्य सरकारों को बर्खास्त करने के सरकार के फैसले पर प्रश्न उठाया था। एक कुशल और जिम्मेदार राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने राष्ट्रपति भवन की विज्ञप्तियों के माध्यम से राष्ट्र को अपने पद पर अपने कार्यों को समझाने की प्रथा की शुरुआत की। देश के राष्ट्रपति पद को संवैधानिक मानदंडों के सावधानीपूर्वक पालन करने और कार्यालय की गरिमा और स्वतंत्रता को बनाए रखने के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए उन्हें आज भी सम्मान से याद किया जाता है। केआर नारायणन ने भारतीय राजनीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों पर विभिन्न कार्यों का लेखन और सह-लेखन किया।

केआर नारायणन का निधन (KR Narayanan Death)

अपनी राजनीतिक उपलब्धियों से परे, नारायणन अपनी बौद्धिक कार्यों और निर्णयों के लिए प्रसिद्ध थे। वह एक गहन विचारक और एक सर्वज्ञानी वक्ता थे, जो भारतीय और वैश्विक दोनों मामलों की गहरी समझ रखते थें और हमेशा देशहित के लिए कार्य करते थे। केआर नारायणन का निधन 9 नवंबर 2005 को दिल्ली में हुआ। केरल की एक साधारण कंपनी से लेकर राष्ट्रपति भवन तक की उनके जीवन भव्यतापूर्ण यात्रा, भारतीय राजनीतिक व्यवस्था के सामाजिक और लोकतांत्रिक सार को दर्शाती है। उनका जीवन और योगदान भारत और दुनिया भर में गुमनाम लोगों के लिए प्रेरणा का एक प्रतिष्ठित स्रोत है।

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English summary
Kocheril Raman Narayanan or KR Narayanan, is a former President of India. KR Narayanan had a huge personality. After India's independence, he became the tenth and first Dalit President of India. KR Narayanan served as the tenth President of India from 25 July 1997 to 25 July 2002. Who is the 10th President of India KR Narayanan Biography in Hindi upsc notes
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