Who is Odisha CM Mohan Charan Majhi in Hindi: ओडिशा में विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने झंडा गाड़ दिया हैं। पहली बार भारतीय जनता पार्टी ओडिशा में सरकार बनाने जा रही है। प्रदेश में मुख्यमंत्री चेहरे की घोषणा मंगलवार को की गई। पार्टी के संसदीय बैठक के बाद चार बार विधायक रह चुके मोहन चरण माझी के नाम पर मुहर लगाई गई। क्योंझर के विधायक मोहन चरण माझी अब ओडिशा के अगले मुख्यमंत्री होंगे। वरिष्ठ भाजपा नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को घोषणा की। तटीय राज्य ओडिशा में 52 वर्षीय नेता मोहम मांझी एक प्रमुख आदिवासी चेहरा हैं।
भारतीय जनता पार्टी की ओर से जारी घोषणा के अनुसार, कनक वर्धन सिंह देव और प्रवती परिदा उनके डिप्टी होंगे। आशा है कि मोहन चरण माझी की नियुक्ति ओडिशा के शासन में एक नया दृष्टिकोण लेकर आयेगी। नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा के साथ भाजपा को राज्य में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है। चार बार के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक मोहन चरण माझी बुधवार को भुवनेश्वर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे।
बता दें कि राज्य में बीजेडी के नवीन पटनायक के नेतृत्व में लंबे समय तक चलने वाले शासन के बाद अब राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में संभावित बदलाव देखने को मिल सकता है। ओडिशा में भाजपा के सत्ता में आने के साथ, बेहतर शासन, विकास और लोगों की जरूरतों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करने की उच्च उम्मीदें हैं।
आइए इस लेख की सहायता से जानते हैं कि आखिर कौन हैं ओडिशा के नए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी? साथ ही हम यह भी जानेंगे कि इन वर्षों में उनका राजनीतिक करियर कैसा रहा और उनकी शैक्षिक योग्यता क्या है?
मोहन चरण मांझी कौन हैं? Who is Mohan Charan Majhi?
मोहन चरण मांझी ओडिशा के सांथाल आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। माझी ने अपनी स्कूली शिक्षा स्थानीय सरकारी स्कूल से प्राप्त की। क्योंझर से विधायक सीट जीतने वाले माझी को स्थानीय राजनीति का अनुभव है और उनसे राज्य की चुनौतियों का समाधान करने के लिए नए विचार और पहल लाने की उम्मीद है। नेतृत्व में बदलाव ओडिशा में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक विकास की ओर इशारा कर रहा है।
माझी ने एक साक्षात्कार में बताया था कि उनका गृहनगर क्योंझर खनिज संसाधनों से भरा हुआ है, लेकिन दुर्भाग्य से, स्थानीय निवासियों को वास्तव में उनसे कोई लाभ नहीं मिला है। माझी को भाजपा की राज्य इकाई में एक मजबूत संगठनात्मक नेता के रूप में सम्मानित किया जाता है, जिनके आरएसएस से मजबूत संबंध हैं।
मोहन चरण मांझी का राजनीतिक करियर कैसा रहा? Mohan Majhi Political Career
माझी एक आदिवासी नेता हैं, जिनका भाजपा के वैचारिक गुरु आरएसएस से गहरा संबंध है। राजनीति में उनका सफर साफ-सुथरा और गैर-विवादास्पद रहा है। अपने संगठनात्मक कौशल के लिए जाने जाने वाले माझी भाजपा की ओडिशा इकाई में एक प्रमुख व्यक्ति रहे हैं और राज्य विधानसभा में मुख्य सचेतक के रूप में कार्य कर चुके हैं।
वर्ष 1997 में एक गांव के सरपंच के रूप में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। उन्होंने वर्ष 2000 में अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता। माझी ने चार बार क्योंझर सीट का प्रतिनिधित्व किया है और 2000 से 2009 तक विधायक के रूप में कार्य किया है। उन्होंने 2019 में सीट पर फिर से कब्ज़ा किया।
आदिवासी बहुल और खनिज समृद्ध क्योंझर जिले के रायकला गांव से ताल्लुक रखने वाले मोहन चरण माझा एक चौकीदार के बेटे हैं। वे चार बार 2000, 2004, 2019 और 2024 में ओडिशा के क्योंझर के विधानसभा के लिए चुने गए हैं। माझी 1997-2000 तक ग्राम प्रधान थे। 2000 में क्योंझर से विधायक चुने जाने से पहले वे भाजपा के आदिवासी मोर्चा के सचिव भी थे। 2024 के विधानसभा चुनावों में उन्होंने बीजद की मीना माझी को हराकर क्योंझर सीट पर फिर से कब्जा कर लिया। वे पिछली ओडिशा विधानसभा में विपक्ष के मुख्य सचेतक थे। उन्होंने कई प्रमुख मुद्दों पर बीजेडी सरकार का विरोध किया था।
मोहन चरण मांझी की शैक्षिक योग्यता क्या है? Mohan Charan Majhi Education Qualification
मोहन माझी ने स्थानीय सरकारी स्कूल से अपनी प्रारंभिक शिक्षा हासिल की। स्कूली शिक्षा के बाद माझी ने 1993 में सीएस कॉलेज चंपुआ से कला स्नातक की डिग्री और 2011 में एलएलबी की डिग्री प्राप्त की है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार उनकी कुल संपत्ति लगभग 1.97 करोड़ रुपये है।
मोहन मांझी और दाल विवाद मामला क्या है?
वर्ष 2023 में माझी पर ओडिशा विधानसभा अध्यक्ष के पोडियम पर कच्ची दाल फेंकने का आरोप लगा। उन्हें भाजपा नेता मुकेश महालिंग के साथ निलंबित कर दिया गया। माझी ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उन्होंने बीजेडी सदस्यों द्वारा अपमानजनक टिप्पणियों के विरोध में दालें लाई थीं, लेकिन उन्हें फेंका नहीं। माझी के नेतृत्व में ओडिशा की राजनीति में एक नया अध्याय लिखा जायेगा।