Indira Gandhi Education Qualification: भारत की प्रथम और अब तक की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का जीवन राजनीतिक, सामाजिक, और शैक्षणिक दृष्टिकोण से अनोखा रहा है। उनका जन्म 19 नवंबर 1917 को इलाहाबाद में हुआ था, और उनका निधन 31 अक्टूबर 1984 को एक दर्दनाक हादसे में हुआ।
इंदिरा गांधी ने न केवल भारतीय राजनीति में अपनी अहम भूमिका निभाई, बल्कि अपनी शिक्षा के माध्यम से भी उन्होंने अपने व्यक्तित्व को निखारा। उनकी शिक्षा-दीक्षा का सफर कैसा था, आइए जानते हैं।
प्रारंभिक शिक्षा: घर पर की पढ़ाई की शुरुआत
इंदिरा गांधी का शैक्षिक जीवन शुरुआत से ही चुनौतीपूर्ण रहा। उनका परिवार स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय था, जिसके चलते उनके माता-पिता हमेशा राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों में व्यस्त रहते थे। इसलिए इंदिरा की प्रारंभिक शिक्षा घर पर ही हुई। उनकी माँ कमला नेहरू और पिता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उन्हें पढ़ाई में विशेष ध्यान दिया। बाद में, उनकी शिक्षा के लिए एक ट्यूटर रखा गया, जो उन्हें प्रारंभिक विषयों में सहायता करता था।
स्कूलिंग: शांतिनिकेतन में शिक्षा की झलक
इंदिरा गांधी ने अपनी औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए शांतिनिकेतन का रुख किया, जिसे महान कवि और नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने स्थापित किया था। शांतिनिकेतन में उन्होंने अपने व्यक्तित्व का विकास किया और शिक्षा के साथ-साथ कला और संस्कृति के प्रति रुचि भी दिखाई। हालांकि, शांतिनिकेतन में उनका अनुभव मिलाजुला रहा। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान होने वाले आंदोलन के कारण उन्हें पढ़ाई में कई रुकावटों का सामना करना पड़ा।
उच्च शिक्षा: इंग्लैंड में विश्वविद्यालयी जीवन
बचपन और किशोरावस्था में भारत में शिक्षा प्राप्त करने के बाद इंदिरा गांधी ने उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड का रुख किया। उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सोमरविल कॉलेज में दाखिला लिया। ऑक्सफोर्ड में उनकी पढ़ाई आसान नहीं थी। इंग्लैंड के वातावरण और अंग्रेज़ी भाषा में पढ़ाई करने में उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति ने उन्हें यहां भी सफल बनाया। ऑक्सफोर्ड में उनकी पढ़ाई ने उनके व्यक्तित्व में नई ऊंचाईयां जोड़ीं।
इंदिरा गांधी का शिक्षा से राजनीतिक जीवन की ओर रुख
इंदिरा गांधी ने पढ़ाई के दौरान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी योगदान दिया और देश के लिए उनके मन में गहरी देशभक्ति की भावना विकसित हुई। उनकी पढ़ाई का सफर इंग्लैंड में अधूरा रह गया, क्योंकि वे अपने परिवार और देश के लिए वापस भारत लौट आईं। हालांकि उन्होंने औपचारिक रूप से कोई बड़ी डिग्री हासिल नहीं की, फिर भी उनका ज्ञान और राजनीतिक दूरदर्शिता किसी भी उच्च शिक्षित नेता से कम नहीं थी।
इंदिरा गांधी का शिक्षण और राजनीतिक जीवन दोनों ही भारतीय राजनीति के इतिहास में एक प्रेरणा स्रोत हैं। उनकी शिक्षित दृष्टिकोण और जीवनशैली ने उन्हें एक अद्वितीय नेता बनाया।