Earth Hour जो हर साल मार्च के अंतिम शनिवार को मनाया जाता है। इस वर्ष 23 मार्च 2024 को मनाया जाएगा यह एक विशेष अभियान है जिसमें दुनिया भर के लोग 1 घंटे के लिए अपने लाइट्स और अन्य विद्युत उपकरण बंद कर देते हैं इस दिन लोग बिजली के इस्तेमाल को घटा कर पृथ्वी को बचाने और जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों को कम करने के एक सामूहिक संकल्प लिया जाता है। यह जताने के लिए कि हम अपनी पृथ्वी से कितना प्रेम करते हैं।
भारत में Earth Hour का समय
भारतीय समयानुसान आज यानि 23 मार्च को रात्रि 8:30 बजे से 9:30 बजे तक बिजली उपकरणों को बंद किया जाएगा। पिछले साल राजधानी समेत कई सरकारी संस्थानों व मंदिरों में लाइट बंद कर के लोगों ने पृथ्वी के प्रति अपने समर्पण को जताया था।
Earth day का इतिहास
यह अभियान 2007 में शुरू हुआ था। सिडनी ऑस्ट्रेलिया में ऑफ यानी वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर के द्वारा और उसे समय से लेकर आज तक के अभियान दुनिया भर में प्रचलित किया जाता है। एक और क्या मूल उद्देश्य पृथ्वी के वातावरण को बचाना है। बिजली के उपयोग को 1 घंटे के लिए बंद करके लोग पृथ्वी की सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने का संदेश देते हैं। इस दिन को मानने से लोगों में पृथ्वी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के प्रयास किए जाते हैं ।और उन्हें यहां बताया जाता है की छोटी-छोटी कार्यवाही से भी पृथ्वी को बचाया जा सकता है।
Earth Hour Day के अंतर्गत लोगों को बिजली के उपयोग पर विचार करने और इसमें सुधार करने के लिए प्रेरित किया जाता है ।इस दिन कई लोग अपने घरों और कार्यों में लाइट बंद कर देते हैं। जिससे बिजली का उपयोग कम हो इसके अलावा कुछ लोग पृथ्वी सुरक्षा संबंधी अभियानों में भाग लेते हैं।
Earth Hour का मूल उद्देश्य
Earth Hour का मूल उद्देश्य पृथ्वी के लिए एक शांति दूत भावना को बढ़ावा देना है। इसमें लोग एक साथ एक जुट होकर अपनी पृथ्वी की रक्षा के प्रति अपने समर्पण को प्रकट करते हैं। इस दिन को मानने से लोग एक दूसरे को पृथ्वी के प्रति अपने समर्पण को दर्शाते हैं। इस अभियान में हर साल लोगों की संख्या बढ़ना इस बात का संकेत है कि लोग जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूक हो रहे हैं।
साथ ही इससे यह प्रेरणा मिलती है कि हमारा एक छोटा सा प्रयास, छोटा सा त्याग पृथ्वी के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है।